राजसमन्द

60 सालों नहीं देखा ऐसा गोमती नदी के तेज बहाव का मंझर

suresh bhat
60 सालों नहीं देखा ऐसा गोमती नदी के तेज बहाव का मंझर
60 सालों नहीं देखा ऐसा गोमती नदी के तेज बहाव का मंझर

राजसमंद। जिला मुख्यालय सहित जिलेभर में गत पांच दिनों से जारी कभी तेज तो कभी रीमझीम बारिश से जिले कई गांव व कस्बे जलमग्न हो गए है। शहर में मंगलवार अल सुबह से ही रिमझिम से तेज बारिश का दौर चलता रहा। कुंभलगढ़ व चारभुजा क्षेत्र में सुबह सात बजे से दोपहर तक करीब छह घंटे में साढ़े तीन इंच पानी गिरा। बारिश के बाद पानी के तेज बहाव से कुंभलगढ़ से चारभुजा मार्ग क्षतिग्रस्त होने से मार्ग अवरूद्ध हो गया। बामनटूकड़ा पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गया। केलवा से आमेट मार्ग पर सियाणा पुल पर अधिक पानी आने से मार्ग अवरूद्ध हो गया तथा वह भी पानी के साथ बह गया। गोमती नदी अपने पूर्ण वेग के साथ उफान पर बह रही है। लोगों का कहना है कि इस प्रकार के तेज वैग से तो पिछले साठ सालों में भी नहीं आई।

राजसमंद झील में पानी का गेज तेजी से बढ़ता जा रहा

साथ ही राजसमंद झील में पानी का गेज तेजी से बढ़ता जा रहा है। सायं सात बजे तक झील का लेवल सात फीट हो गया जो मंगलवार सुबह 3.85 फीट था। शाम तक पानी बढऩे की आशंका है मंगलवार देर रात के बाद बढ़ते पानी के वैग से प्रति घंटे एक फीट झील में पानी की बढ़त होने का अनुमान लगा रहे है। पसुन्द-तासोल पुल पर सायं छ बजे लगभग सात फीट पानी बह रहा है। मंगलवार सुबह आठ बजे समाप्त 24 घंटों के दौरान जिले में औसत करीब 17 इंच वर्षा हो चुुकी है। इसी तरह मोलेला, खमनोर, सेमा-खमनोर, फतहपुर-कामा पुल, तासोल-पसुन्द, आमेट-केलवा, बामन टुकड़ा-मेरड़ा, चारभुजा-पड़ासली, देसुरी-चारभुजा मार्ग पर भी पानी की अधिकता के चलते आवाजाही बंद है। वहीं कुंभलगढ़ रीछेड़ स्थित नाड़ेवा तालाब फुट गया जिसके बाद वहां से निकले पानी से गौमती नदी का बहाव तेज हो गया है।

गौमती नदी का पानी पहुंचा गांव में

गौमती नदी के तेज बहाव से व लगातार हो रही बारिश के चलते सिरोड़ी, छापरखेड़ी व तासोल गांव में पानी भर गया। पानी की निकासी नहीं होने के कारण लोगों को काफी समस्या का समाना करना पड़ रहा है। नदी का पानी खेतों में होते हुए गावों तक जां पहुंचा। स्थानिय ग्रामिणों का आरोप है कि प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को गत तीन साल पूर्ण ही पानी के निकासी के जतन करने की मांग की गई परंतु समय रहते हमारी मांगों पर ध्यान नहीं देने के चलते आज ये मंझर देखने को पड़ा।

बचाव के लिए सेना का हेलीकॉप्टर तैयार-गृहमंत्री कटारिया 

गृहमंत्री कटारिया ने कहा : बचाव के लिए सेना का हेलीकॉप्टर तैयार, जनहानि नही होने दी जाएगी
सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने छापरखेड़ी ग्राम स्थित गोमती नदी के बहाव क्षेत्र में एक व्यक्ति के फंसे होने की सुचना मिलते ही जिला प्रशासन से दूरभाष से बात करके किसी भी परिस्थिति में जन हानि नहीं हो। इसके पुख्ता प्रबन्ध करने और व्यक्ति को बचाने के निर्देश दिए हे। संसदीय क्षेत्र मीडिया संयोजक मधुप्रकाश लड्ढा ने बताया की सांसद राठौड़ लोकसभा के मानसून सत्र के चलते दिल्ली हे, इसी दौरान घटना का पता चलते ही स्थानीय प्रशासन के साथ ही गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया से भी बात की और घटना की जानकारी दी। राठौड़ ने गृहमंत्री से निवेदन किया की विकट परिस्थिति में मांग किये जाने पर सेना का हेलीकॉप्टर छापरखेड़ी भेजने का प्रबंध किया जाना चाहिए। इस पर गृहमंत्री ने आश्वस्त किया की किसी भी सूरत में जनहानि नही होने दी जाएगी। सेना का हेलीकॉप्टर तैयार खड़ा हे।

सडक़ों के कटे सम्पर्क

लगातार जारी बारिश के बाद पानी के तेज बहाव तथा जहां से गोमती नदी अपने वैग के साथ निकल रही हे उसके किनारे सटे खेतों में पानी गुसने के कारण समीपवर्ती गांव के किसानों की फसलो का पुरी तरह नुकसान हो गया है। वहीं पानी के तेज बहाव मेंतीन भैसों के बहने की सुचना मिल रही है। चारभुजा क्षैत्र की दुध तलाई भी लबालब हो गई है। दुसरी और चारभुजा के वासिन्दो की प्यास बुजाने वाला मेवाडिय़ा तालाब भी ऑवर फ्लो हो गया। चारभुजा क्षैत्र का सबसे बड़ा तालाब जवाहर सागर पर दो दो फीट की चादर चलने से चारो तरफ का पानी इन नदी नालों में आने से यातायात प्रभावित हो गया है। क्षैत्र के उमरवास ग्राम पंचायत के तेजो के गुड़ा सबसे बड़ा तालाब के फुटने के बाद चारभुजा तहसीलदार भूराराम देवपाल, पुलिस प्रशासन, स्थानिय ग्रामिण व सरपंच पर्वतसिंह सोंलकी, वनपाल स्वरूपसिंह, किशनसिंह मौके पर पहुंचे तथा जेसीबी से पानी निकासी के प्रबंध किए।

राजसमंद झील में समाहित हुई गोमती नदी

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तेज बारिश का दौर जारी रहने से मंगलवार अल सुबह गोमती नदी का पानी राजसमंद झील में समाहित हुआ। इसके साथ ही राजसमंद शहर के साथ ही आस पास के गांवों के लोगों में खुशी का संचार व्याप्त हो गया। इधर, कुंभलगढ़ क्षेत्र में अच्छी बारिश के चलते गोमती व बनास नदी में पानी की आवक लगातार बढ़ रही है, जिससे बाघेरी नाका बांध की चादर भी बढकऱ तीन फीट से ऊपर हो गई और शाम आठ बजे तक नन्दसमंद बांद भरकर छलक गया। जिसके बाद नंदसमंद के ग्यारह गेट खेल दिए गए। तो सिंचाई विभाग की द्वारा रात को नहरों के गेट खोल दिए।

बदली लागों की दिन चर्या

अल सुबह से ही रिमझिम से तेज बारिश का दौर जारी रहने से लोगों के लिए चौथे दिन मंगलवार को घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया। लोग दिनभर भीगते व भागते रोजमर्रा के काम निबटाते रहे। शहर तो क्या देहात में भी जनजीवन पूर्णतया अस्त व्यस्त हो गया है। इसके चलते आमजन परेशान है। चौथे दिन भी आसमान में काले बादल छाए रहने व बारिश का दौर जारी रहने से धूप भी नहीं खिल पाई। पूरे दिन कभी तेज तो कभी रीमझीम बारिश का दौर जारी।

केलवा-आमेट सडक़ का कटा सम्पर्क

गोमती नदी सोमवार की रात को तेज बारिश के कारण मगंलवार की सुबह को गोमती नदी के बहाव ने विकराल रुप ले लिया जिसके चलते गोमती नदी के तेज बहाव के रास्ते में आने वाले बामन टुकड़ा गांव का पुल ज्यादा देर तक नही टिक सका, जिसके कारण पुल में दरारे हो गई। कुछ देर बाद पुल के दोनो तरफ के हिस्से टुट गए, पुल टूटने की वजह से बामन टुकड़ा से जुड़े कई गांवो के सम्पर्क टुट गए। कई लोग नदी के दुसरे पार खेतो पर काम करने के लिए गये हुए थे परन्तु नदी पर बने पुल के टुटने कें कारण वापस अपने घर तक नही लौट सके। पुल टुटने से पानी का बहाव और तेज हो गया। गोमती नदी के तेज बहाव से नदी पर बने सियाणा के पुल पर भी चार फिट पानी चलने लगा, जिससे केलवा आमेट रोड़ पुरी तरह से बन्द हो गया। वाहनो की आवाजाही बंद हो गई, सियाणा पुल पर नदी के तेज बहाव की वजह से सडक़ के दोनों और वाहनो की लम्बी कतारे लग गई जिससे कई राहगीरो को दिक्कतों का सामना करना पडा़। नदी के बहाव को देखने के लिए आस-पास के कई गांव के लोगो का हुजुम उमड़ पड़ा।

गोमती नदी के बहाव में फसे छह लोग

जिले के भाणा के लावाणा गांव एवं तासोल के नजदीक स्थित छापर खेड़ी सहित कुल छह व्यक्ति पानी के बहाव में फंसे होने की सूचना मिली। भाणा और लावाणा ग्राम के बीच स्थित गौमती नदी के किनारे कुल पांच व्यक्ति पानी के फंसे गए जिन्हें मौके पर पहुंची दरीबा रेसक्यू टीम द्वारा बचाने के प्रयास किया गया परन्तु दूरी अधिक होने व पानी का बहाव तेज होने के कारण टीम उन्हें बचाने में असफल हो गई। इसके लिए तुरंत ही सिरोही से एनडीआरएफ टीम को तुरंत बुलाया गया। सुबह से फंसे पांचों व्यक्ति भगवान्दा ग्राम के निवासी है जिनमें एक भील समाज, दो कीर समाज के है जबकि अन्य दो का कोई पता नहीं चल पाया है। उनके पास खाद्य सामग्री भी नहीं है। पांचों नदी के किनारे खेतों में बने एक टापू पर फंस गए तथा बाद में नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण वे वहीं फंस रह गए। वहीं दूसरी और तासोल के छापरखेड़ी ग्राम स्थित एक मंदिर में एक व्यक्ति के फंसे होने की सूचना मिली हालांकि उसने मंदिर की छत पर पहुंच कर अपनी जान बचाई।

मौके पर पहुंचे आला अधिकारी

घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलक्टर पीसी बेरवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर ब्रजमोहन बैरवा, एसपी मनोज कुमार, एएसपी हर्ष रत्नु, उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा ग्राम के सरपंच एवं जनप्रतिनिधि और ग्रामीण मौके पर पहुंच तथा फसे लोगो को बचाने के उपाय शुरू किए परंतु सफल नहीं हो पाए। जिला कलक्टर ने टापू पर फंसे लोगों के लिए सिरोही से एनडीआरएफ को सूचित किया गया जो बचाव के लिए रवाना हुई जो समाचार लिखे जाने तक नहीं पहुंच पाई।

-60 सालों नहीं देखा ऐसा गोमती नदी के तेज बहाव का मंझर
-कुंभलगढ़-चारभुजा, आमेट केलवा, तासोल-पसुन्द गावों में आवाजाही बंद
-गोमती नदी के वैग को देखने उमड़ी भीड़
-गोमती नदी के बहाव में फसे 6 लोग
-खेत-खलियान व सडक़े बनी ताल तलैया 


 राजसमंद। तासोल पुलिये से बहती गोमती नदी का नजारा व राजसमंद झील में समाहित होता गोमती नदी का पानी। फोटो-सुरेश भाट
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