दिल्ली
ओबीसी के मुद्दे दबे रहते हैं, राहुल गांधी ने मानी गलती...!
paliwalwani
नई दिल्ली.
राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस पार्टी द्वारा OBC भागीदारी महासम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मलेन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए.
सभा को संबोधित करने के दौरान राहुल ने स्वीकार किया है कि उन्होंने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के लोगों की रक्षा उस तरह नहीं की, जैसे उन्हें करनी चाहिए थी. कांग्रेस के भागीदारी न्याय सम्मेलन में अपनी गलती स्वीकार करने के साथ ही उन्होंने कहा कि वह इसे सुधारना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें समझ होती, तो वह 2004 में ही जाति जनगणना करा देते.
कांग्रेस के भागीदारी न्याय सम्मेलन का आयोजन 25 जुलाई 2025 शुक्रवार को दिल्ली में हुआ. इस कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा मैं 2004 से राजनीति में हूं. जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मैंने गलती की. मैंने ओबीसी की उस तरह रक्षा नहीं की जैसी मुझे करनी चाहिए थी.
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मैं उस समय आपके मुद्दों को गहराई से नहीं समझ पाया था. मुझे अफसोस है कि अगर मुझे आपके (ओबीसी) इतिहास, आपके मुद्दों के बारे में थोड़ा भी पता होता, तो मैं उसी समय जाति जनगणना करा लेता. यह मेरी गलती है, यह कांग्रेस पार्टी की गलती नहीं है, यह मेरी गलती है. मैं उस गलती को सुधारने जा रहा हूं.
राहुल गांधी ने ओबीसी वर्ग को देश की देश की पोडक्टिव फोर्स करार दिया और कहा कि उनका उद्देश्य देश की इस शक्ति को सम्मान दिलाना है. तेलंगाना जाति जनगणना के आंकड़ों का हवाला देते हुए राहुल ने कहा आंकड़ों के अनुसार, तेलंगाना में करोड़ों के पैकेज सिर्फ सवर्णों के पास हैं, जबकि OBC, दलित, आदिवासी श्रम कर रहे हैं. वे केवल मनरेगा की कतारों में खड़े हैं. राहुल ने कहा कि वह इन लोगों को सम्मान दिलाना चाहते हैं और इनका उत्थान करना चाहते हैं.
ओबीसी के मुद्दे दबे रहते हैं : राहुल
राहुल ने कहा ओबीसी के मुद्दे और समस्याएं छिपी रहती हैं. इन्हें आसानी से नहीं देखा जा सकता. मुझे अफसोस है कि अगर मुझे आपके (ओबीसी) इतिहास के बारे में, आपके मुद्दों के बारे में, थोड़ा भी पता होता, तो मैं उसी समय जाति जनगणना करवा लेता. यह मेरी गलती है, यह कांग्रेस पार्टी की गलती नहीं है, यह मेरी गलती है। मैं उस गलती को सुधारने जा रहा हूं.
एक तरह से यह अच्छा है कि गलती हुई. अगर उस समय जाति जनगणना हो जाती, तो यह उस तरह नहीं होता, जैसा अब होने वाला है. हमने तेलंगाना में जो किया है, वह एक राजनीतिक भूकंप है. इसने भारत की राजनीतिक जमीन हिला दी है. आपने अभी तक झटके महसूस नहीं किए हैं, लेकिन काम हुआ है। सुनामी आई थी.
लेकिन आपने सुनामी को शुरू करने वाले भूकंप को नहीं देखा. यह समुद्र में था. इसका प्रभाव 2-3 घंटे बाद महसूस किया गया. तेलंगाना में भी यही हुआ है.