स्वास्थ्य

Sleeping Disorders : कम सोने को लेकर रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा, जानिए आप भी

Pushplata
Sleeping Disorders : कम सोने को लेकर रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा, जानिए आप भी
Sleeping Disorders : कम सोने को लेकर रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा, जानिए आप भी

व्यक्ति की नींद लाइफ स्टाइल का एक peripheral artery disease बेहद जरूरी हिस्सा है। जिस तरह एक बैलेंस डाइट लोगों के लिए है। उसी तरह नींद पूरी न होना व्यक्ति के स्वास्थ्य को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। ये तो आपने कई बार सुना होगा कि व्यक्ति को कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद बहुत जरूरी है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि भरपूर नींद न लेना आपकी जिंदगी के लिए बेहद घातक साबित हो सकता है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है। आपको बता दें कम नींद लेना आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। तो चलिए जानते हैं कि इसे लेकर कौन-कौन से खुलासे हुए हैं।

क्या होती है पेरीफेरल आर्टरी डिजीज

विशेषज्ञों के अनुसार पेरीफेरल आर्टरी डिजीज एक ब्रेन से जुड़ी बीमारी है। जिसमें व्यक्ति की दिगाम की जाता है। इसमें होता यूं है कि कोलेस्ट्रॉल से नसें सिकुड़ जाती हैं। इसका असर ये होता है कि नस सिकुड़ने के कारण प्रॉपर ब्लड पैरों और हाथों में नहीं पहुंच पाता है। साथ ही साथ ब्रेन को भी ब्लड कम मिलता है। जिसके असर से शरीर के साथ दिमाग में भी कई परेशानियां बढ़ना शुरू हो जाती हैं। जिसका असर होता ये है कि व्यक्ति की नसों के सिकुड़ने से उन्हें स्ट्रोक और फिर हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने के चांसेस ज्यादा होते है।

सिकुड़ जाती हैं दिमाग की नसें

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वस्थ्य नींद को लेकर स्वीडन में एक स्टडी की गई है। जिसमें इस बात का खुलासा किया गया है जिसमें बताया गया है कि जो लोग रात को 5 घंटे से कम सोते हैं। उन्हें पेरीफेरल आर्टरी डिजीज होने का खतरा 74 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। जानकारी के अनुसार एक और भयानक आंकड़ा में इस बात का खुलासा हुआ है जिसमें बताया गया है कि दुनियाभर में करीब 200 मिलियन लोग पेरीफेरल आर्टरी डिजीज से पीड़ित हैं। इस बीमारी के बारे में जानकारी होना जरूरी है। जानने की कोशिश करते हैं कि बीमारी होती क्या है।

क्या हैं लक्षण

  • आपको बता दें अगर आप भी कम नींद लेते हैं तो आपके शरीर में कई लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अन्य बीमारियों की तरह पेरीफेरल आर्टरी डिजीज के भी लक्षण दिखाई देते हैं।
  • इसमें पैरों या बाहों की मांसपेशियों में दर्द-ऐंठन होने लगती है।
  • पैरों में सुन्नपन या कमजोरी आने लगती है।
  • पैरों की उंगलियों के रंगों में बदलाव आना शुरू हो जाता हैै।
  • सिर के बालों का बढ़ना और पैरों के बालों का बढ़ना शुरू हो जाता है।
  • पैरों के नाखूनों के बढ़ने की स्पीड बेहद कम हो जाती है।
  • पैर की निचली सतह कुछ ठंडी महसूस होती है।

आखिर क्यों होती है ये बीमारी 

आपको बता दें हर बीमारी की कुछ न कुछ वजह होती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें इसका खतरा और अधिक बढ़ जाता है। जी हां ये बीमारी मोटे लोगों को अपना शिकार ज्यादा बनाती है। इतना ही नहीं स्मोकिंग करने वालों को भी इससे सावधान रहने की जरूरत है। इसके अलावा एज भी इसे बहुत अधिक प्रभावित करती है। डायबिटीज, हाई कॉलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन, होमोसिस्टीन, जेनेटिक तौर पर ये बीमारी अधिक ग्रसित कर सकती है।

क्या हैं बचाव के तरीके 

विशेषज्ञों के अनुसार चूंकि नींद की कमी इस बीमारी का प्रमुख कारण होता है। इसलिए इसी बीमारी से बचने का सबसे पहला उपाय यही है कि व्यक्ति को हर दिन कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। ये आपको इस बीमारी से बचाने में काफी मददगार साबित होती है। इसके अलावा आपको अपने भोजन में पोष्टिक आहार भी जरूर लेनी चाहिए। इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटीज पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसलिए आपको अगर लगे कि परेशानी बढ़ने वाली है तो बिना देरी करे तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News