Tuesday, 10 June 2025

स्वास्थ्य

Covid-19 and Heart Attack : कोरोना से ही बढ़ रहे हैं, क्या वाकई हार्ट अटैक के मामले? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

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Covid-19 and Heart Attack : कोरोना से ही बढ़ रहे हैं, क्या वाकई हार्ट अटैक के मामले? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर
Covid-19 and Heart Attack : कोरोना से ही बढ़ रहे हैं, क्या वाकई हार्ट अटैक के मामले? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

Covid-19 and Heart Attack : आप एक बार सोच कर देखिए कि, ऑफिस में सभी लोग काम कर रहे हैं. इसी बीच किसी व्यक्ति को सीने में दर्द होता और पता चलता है कि, उसे हार्ट अटैक हुआ है. साथ ही जांच में ये भी निकलता है कि, पिछले साल उसे कोरोना हुआ था. इसलिए हार्ट अटैक की दिक्कत हुई है. दरअसल, कोरोना महामारी के बाद से ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां युवा और हेल्दी लोग भी हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. सवाल यह उठता है कि, क्या वाकई कोरोना वायरस हार्ट हेल्थ को प्रभावित कर रहा है?

क्या कहते हैं डॉक्टर

मैक्स हॉस्पिटल के सीनियर डायरेक्टर कार्डियक साइंसेज डॉ. वैभव मिश्रा का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के बाद से हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या वास्तव में कोरोना इसके लिए जिम्मेदार है. विशेषज्ञों की मानें तो कोविड-19 संक्रमण दिल और रक्त नलिकाओं पर असर डाल सकता है. वायरस के कारण शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जिससे रक्त का थक्का बनने का खतरा भी बढ़ता है. यह स्थिति हार्ट अटैक या स्ट्रोक की आशंका को जन्म दे सकती है.

डॉक्टरों का यह भी कहना है कि कोविड के बाद कुछ मरीजों में लंबे समय तक थकान, सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द जैसे लक्षण बने रहते हैं, जिन्हें 'लॉन्ग कोविड' कहा जाता है. यह दिल पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है. इसके अलावा, महामारी के दौरान लोग नियमित स्वास्थ्य जांच से दूर हो गए, जिससे पहले से मौजूद दिल की बीमारियों का समय पर इलाज नहीं हो सका.

हालांकि, यह भी जरूरी है कि हर हार्ट अटैक के मामले को सीधे कोरोना से न जोड़ा जाए. विशेषज्ञों का कहना है कि जीवनशैली, तनाव, खानपान और व्यायाम की कमी भी अहम कारण हैं. कोरोना एक कारक हो सकता है, लेकिन अकेला कारण नहीं.

किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा?

  • जो लोग पहले से हाइपरटेंशन, डायबिटीज या मोटापे से जूझ रहे हैं. 
  • जिनकी उम्र 40 से ऊपर है. 
  • जिनका कोरोना संक्रमण गंभीर रहा था या जिन्हें ICU में भर्ती होना पड़ा था. 
  • जो फिजिकल एक्टिविटी में कम हैं और स्मोकिंग करते हैं. 

कोरोना संक्रमण को हल्के में लेना अब एक बड़ी गलती साबित हो सकती है, खासकर जब उसका असर दिल पर पड़ रहा हो. डॉक्टर्स लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि कोरोना से रिकवर होने के बाद भी हार्ट हेल्थ को नजरअंदाज न करें. एक हेल्दी लाइफस्टाइल और समय पर जांच ही भविष्य की मुश्किलों से बचा सकती है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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