दिल्ली
न्यू आगरा अर्बन सेंटर को भविष्य में न्यू आगरा के नाम से जाना जाएगा : ड्रोन से होगा अर्बन सेंटर का सर्वे : 8 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार
paliwalwani
नई दिल्ली. ग्रेटर नोएडा से शुरू होकर आगरा तक जाने वाले यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बसाए जा रहे न्य आगरा अर्बन सेंटर का ड्रोन से सर्वे होगा। एक्सप्रेस वे के किनारे एक नया, आधुनिक और सुविधाओं से लैस शहर बसने जा रहा है।
यमुना प्राधिकरण द्वारा विकसित किए जाने वाले इस न्यू आगरा अर्बन सेंटर को भविष्य में न्यू आगरा के नाम से जाना जाएगा। यह परियोजना आगरा जिले के 12,000 एकड़ क्षेत्रफल में फैली होगी, जिसे 38 गांवों की भूमि अधिग्रहण कर विकसित किया जाएगा। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के लिए सर्वेक्षण का कार्य गुरुग्राम की एक निजी कंपनी को सौंप दिया गया है। यहां 8 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार का मौका मिलेगा।
अधिसूचित क्षेत्र में विकसित होगा न्यू आगरा
यह शहर आगरा के अधिसूचित क्षेत्र में विकसित किया जाएगा, जिससे इसके बसावट में कोई अड़चन न आए। प्रदूषण रहित, आईटी और कृषि आधारित उद्योगों को यहां प्राथमिकता दी जाएगी। इस क्षेत्र में केवल श्वेत व हरित श्रेणी के उद्योगों की अनुमति होगी। इसमें मुख्य रूप से आईटी, आईटीईएस, कृषि आधारित और मैन्युफैक्चरिंग उद्योग शामिल होंगे, जो पर्यावरण के प्रति अनुकूल होंगे।
पर्यटन और मनोरंजन को मिलेगा बढ़ावा
आगरा की ऐतिहासिक विरासत को ध्यान में रखते हुए पर्यटन और मनोरंजन को प्रमुखता दी जाएगी। 640 हेक्टेयर क्षेत्र में वाणिज्यिक पर्यटन व मनोरंजन केंद्र विकसित किए जाएंगे। थीम पार्क, होटल, रिसॉर्ट, कन्वेंशन, प्रदर्शनी केंद्र, म्यूजियम, डिजिटल जोन और सांस्कृतिक स्थल प्रमुख आकर्षण होंगे। डिज्नीलैंड और यूनिवर्सल स्टूडियो से प्रेरित थीम पार्कों का विकास यहां प्रस्तावित है।
हरियाली और पर्यावरण को मिलेगा संरक्षण
शहर को पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ बनाने के लिए विशेष योजना बनाई गई है। 823 हेक्टेयर यमुना नदी का बफर जोन होगा। 485 हेक्टेयर हरित क्षेत्र (ग्रीन जोन) होगा। 434 हेक्टेयर क्षेत्र में वन व कृषि भूमि का संरक्षण किया जाएगा। न्यू आगरा में वायु गुणवत्ता अन्य शहरों के मुकाबले बेहतर होगी।
आर्थिक और औद्योगिक विकास के लिए मील का पत्थर
न्यू आगरा अर्बन सेंटर न केवल पश्चिम उत्तर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि यह यमुना एक्सप्रेसवे को विकास के एक्सप्रेसवे में बदल देगा। जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी और इसके बाद निर्माण कार्य को गति दी जाएगी।