Saturday, 02 August 2025

निवेश

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ लोन फ्रॉड मामले में लुकआउट नोटिस जारी

paliwalwani
रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ लोन फ्रॉड मामले में लुकआउट नोटिस जारी
रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ लोन फ्रॉड मामले में लुकआउट नोटिस जारी

नई दिल्ली. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी के समूह की कंपनियों के खिलाफ दर्ज करोड़ों रुपये के कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े धनशोधन मामले में उन्हें पांच अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. 

सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने अनिल अंबानी को विदेश यात्रा करने से रोकने के लिए उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया है. उन्होंने कहा कि मामला दिल्ली में दर्ज होने की वजह से अंबानी (66) को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय बुलाया गया है.

सूत्रों के अनुसार, एजेंसी अंबानी के पेश होने पर धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत उनका बयान दर्ज करेगी. उनके समूह की कंपनियों के कुछ अधिकारियों को भी अगले कुछ दिन में पेश होने के लिए कहा गया है. पिछले सप्ताह संघीय एजेंसी ने 50 कंपनियों के 35 परिसरों और अनिल के व्यापारिक समूह के अधिकारियों समेत 25 लोगों के परिसरों पर छापे मारे थे. 24 जुलाई को शुरू हुई यह छापेमारी तीन दिन तक जारी रही थी.

यहकार्रवाई रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (आर इन्फ्रा) समेत अनिल अंबानी की कई समूह कंपनियों द्वारा कथित वित्तीय अनियमितताओं तथा 17,000 करोड़ रुपये से अधिक के सामूहिक ऋण को किसी और काम में इस्तेमाल करने के लिए की गई.

सेबी की एक रिपोर्ट के आधार पर, एजेंसी ने पाया कि आर इन्फ्रा ने सीएलई नामक एक कंपनी के माध्यम से रिलायंस समूह की कंपनियों में ‘इंटर-कॉर्पोरेट डिपॉजिट’ (आईसीडी) के रूप में धनराशि 'हस्तांतरित' की. आरोप है कि आर इन्फ्रा ने शेयरधारकों और ऑडिट पैनल की मंजूरी से बचने के लिए सीएलई को अपनी ‘‘संबंधित पार्टी’’ के रूप में प्रकट नहीं किया.

रिलायंस समूह के एक प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि 10,000 करोड़ रुपये की राशि किसी अज्ञात पक्ष को कथित रूप से हस्तांतरित करने का आरोप 10 साल पुराना मामला है. प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने अपने वित्तीय विवरणों में बताया था कि उसका बकाया केवल 6,500 करोड़ रुपये के आसपास है. बयान में कहा गया कि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर (आर इन्फ्रा) ने लगभग छह महीने पहले, 9 फरवरी, 2025 को इस मामले का सार्वजनिक रूप से खुलासा किया था.

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा आयोजित और बंबई उच्च न्यायालय में दायर अनिवार्य मध्यस्थता कार्यवाही के माध्यम से, रिलायंस इन्फ्रा ने 6,500 करोड़ रुपये के अपने पूरे बकाये की वसूली के लिए एक समझौता किया.’’ कंपनी ने कहा कि अनिल अंबानी तीन साल (मार्च 2022) से अधिक समय से आर इन्फ्रा के बोर्ड में नहीं हैं.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News