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कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट से डरे नहीं, कोविड-19 का पालन करें तो खतरे से सुरक्षित रहेगें : डॉ. रणदीप गुलेरिया

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कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट से डरे नहीं, कोविड-19 का पालन करें तो खतरे से सुरक्षित रहेगें : डॉ. रणदीप गुलेरिया
कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट से डरे नहीं, कोविड-19 का पालन करें तो खतरे से सुरक्षित रहेगें : डॉ. रणदीप गुलेरिया

दिल्ली. कोरोना वेरिएंट डेल्टा प्लस के वेरिएंट को केंद्र सरकार ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ बता चुकी है. वेरिएंट के तेजी से होते प्रसार ने लोगों के मन में डर का माहौल पैदा कर दिया है. लेकिन एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने इस डर को कम करने की कोशिश की है. डॉ. गुलेरिया ने कहा है कि अगर कोविड-19 से संबंधित व्यवहार का पालन लोग करते हैं तो हम किसी भी उभरते हुए वेरिएंट के खतरे से सुरक्षित रहेंगे.

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर ज्यादा डाटा नहीं है कि क्या ये ज्यादा संक्रामक, ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार या इम्यून सिस्टम को ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला है. उनका यह बयान हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की उस स्टडी के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि एस्ट्रेजेना और फाइजर के टीकों को मिक्स करके लगवाने पर ज्यादा इम्युनिटी बनती है. भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला केस 11 जून 2021 को मिला था. यह डेल्टा वैरिएंट से ही तब्दील होकर बना है. अब तक भारत समेत 12 देशों में इसके केस मिल चुके हैं. इसके अलावा भारत की बात करें तो राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और कर्नाटक समेत 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के केस मिलना शुरू हुए हैं. हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार देश भर में अब तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 51 केस मिल चुके हैं. अब तक कोरोना की बुरी मार झेलने वाले महाराष्ट्र में ही इसके भी सबसे ज्यादा केस मिले हैं. इसके बाद मध्यप्रदेश और केरल का प्रमुख स्थान है.

●  डेल्टा प्लस वैरिएंट की पहचान : कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट की पहचान होने के बाद भारतीय वैज्ञानिकों को एक और कामयाबी मिली है। उच्च स्तरीय लैब में डेल्टा प्लस वैरिएंट को कल्चर करने में वैज्ञानिक सफल रहे हैं जिसके बाद इस वैरिएंट का इन्सानों पर होने वाले असर का पता लगाना शुरू कर दिया है. इसके लिए चूहों की एक प्रजाति को डेल्टा प्लस से संक्रमित किया है. नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) की टीम पिछले कई दिनों से डेल्टा प्लस को कल्चर करने में जुटी हुई थी.

●  डेल्टा प्लस वेरिएंट के 50 से ज्यादा मामले : कोरोना वायरस के नए खतरनाक वैरियंट डेल्टा प्लस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) के मामले पूरे देश में धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं. डेल्टा प्लस वेरिएंट की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्यों को सावधान रहने के निर्देश दिए हैं साथ ही जरूरी सुविधाएं बढ़ाने की सलाह दी है. देश में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के 50 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्यों में सामने आए हैं. कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वेरिएंट क्या है, डेल्टा प्लस वेरिएंट के लक्षण क्या हैं, डेल्टा प्लस वेरिएंट किन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है, डेल्टा प्लस वेरिएंट की जांच कैसे की जाती है, क्या जो लोग वैक्सीन की डोज ले चुके हैं वे डेल्टा प्लस वेरिएंट से सुरक्षित हैं. ऐसे कई सवालों के जवाब जानने के लिए डॉक्टर अस्मिता मेहता ने विस्तार से जानकारी दी है.

डेल्टा प्लस वैरिएंट

● पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क-...✍️ 

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