भोपाल

शिवराज कैबिनेट की बैठक आज : 4 हाईवे पर टोल टैक्स लगाने का प्रस्ताव, न्यायिक सेवा के लिए भरना होगा बॉन्ड

Paliwalwani
शिवराज कैबिनेट की बैठक आज : 4 हाईवे पर टोल टैक्स लगाने का प्रस्ताव, न्यायिक सेवा के लिए भरना होगा बॉन्ड
शिवराज कैबिनेट की बैठक आज : 4 हाईवे पर टोल टैक्स लगाने का प्रस्ताव, न्यायिक सेवा के लिए भरना होगा बॉन्ड

शिवराज कैबिनेट की बैठक आज देर शाम होगी। इसमें प्रदेश के 4 राजमार्गों पर एक बार फिर टोल टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग नए सिरे से एजेंसी तय करेगा। अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं नि:शक्तजनों के बैकलॉग पदों पर भर्ती के लिए चल रहे अभियान की अवधि एक साल बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इसी तरह, न्यायिक सेवा के चयनित उम्मीदवारों से बॉन्ड भरवाने का प्रस्ताव को स्वीकृति मिल सकती है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट बैठक में मुख्य रूप से 4 राजमार्गों पर टोल टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के अंतर्गत सागर-दमोह, बीना-खिमलासा-मालथोन, महू-घाटा बिल्लौद और भिंड-मिहोना-गोपालपुरा मार्ग पर टोल टैक्स लगाया था, लेकिन निवेशकर्ताओं ने अनुबंध समाप्ति का अनुरोध किया था। निगम ने दिसंबर 2020 में अनुबंध समाप्त कर दिए। अब इन मार्गों पर नए सिरे से टोल टैक्स लेने के लिए एजेंसी तय करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।

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इसी तरह, अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं नि:शक्तजनों के बैकलॉग पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की अवधि एक जुलाई 2021 से 30 जून 2022 तक बढ़ाने पर भी निर्णय लिया जाएगा। दरअसल, 30 जून 2021 को विशेष भर्ती अभियान की अवधि समाप्त हो चुकी है।

इसके साथ ही न्यायिक सेवा में चयनित अभ्यर्थी को नियुक्ति के समय 3 साल अनिवार्य रूप से देने संबंधी 5 लाख रुपए का बॉन्ड देना होगा। इसके लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा नियम 2017 में संशोधन किया जा रहा है। दरअसल, सरकार उच्च न्यायालय, जबलपुर की अनुशंसा पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायिक सेवा  नियम 2017 में संशोधन करने जा रही है।

इसके अनुसार पदभार ग्रहण करने के बाद न्यूनतम तीन साल तक सेवा देना अनिवार्य होगा। किसी भी कारण से त्यागपत्र देकर सेवाएं नहीं देने पर बंधपत्र की राशि या तीन माह के वेतन व भत्ते, जो अधिक हो, देय होगी। इस शर्त का उल्लंघन करने पर बॉन्ड की राशि राजसात की जा सकेगी। यदि केंद्र या राज्य सरकार की अनुमति लेकर त्यागपत्र दिया जाता है तो बॉन्ड की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

 

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