Sunday, 06 July 2025

भोपाल

मध्‍य प्रदेश के 2000 थानों में बनेंगे VC रूम, पास के थाने से दे सकेंगे गवाही : गवाहों को कोर्ट में पेशी से राहत मिलेगी और केस लंबे नहीं खिंचेंगे

paliwalwani
मध्‍य प्रदेश के 2000 थानों में बनेंगे VC रूम, पास के थाने से दे सकेंगे गवाही : गवाहों को कोर्ट में पेशी से राहत मिलेगी और केस लंबे नहीं खिंचेंगे
मध्‍य प्रदेश के 2000 थानों में बनेंगे VC रूम, पास के थाने से दे सकेंगे गवाही : गवाहों को कोर्ट में पेशी से राहत मिलेगी और केस लंबे नहीं खिंचेंगे

भोपाल. मध्‍य प्रदेश में न्यायश्रुति योजना के तहत प्रदेश के 2000 पुलिस थानों में VC सेटअप लगाए जाएंगे। जिससे गवाहों को कोर्ट में पेशी से राहत मिलेगी और केस लंबे नहीं खिंचेंगे। 

"अदालतों में सालों तक चलते मामलों के पीछे कई बार मामूली वजहें होती हैं। जैसे किसी गवाह को आदालत में आकर सिर्फ हां या ना कहने के कारण मामला अटक जाता है। अब इसी व्यवस्था को सरल बनाने के लिए मध्यप्रदेश में न्यायश्रुति योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) सिस्टम लागू किया जा रहा है। जिससे गवाह कहीं भी पास के थाने में जाकर वीडिय कॉन्फ्रेंस से जुड़के गवाही और बयान दे सकेगा।

\2000 थानों में लगेंगे सेटअप  राज्य में पहली बार 2000 लोकेशनों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेटअप तैयार होंगे। इन स्थानों पर साउंडप्रूफ और ईकोप्रूफ रूम तैयार किए जाएंगे ताकि पेशी के दौरान कोई व्यवधान न हो। इसका उद्देश्य गवाहों, डॉक्टरों और जांच अधिकारियों को अनावश्यक ट्रैवल से राहत दिलाना है। गवाहों के लिए थाने आना थी चुनौती अदालतों में कई मामलों में गवाहों या जांच अधिकारियों की मौजूदगी सिर्फ औपचारिक होती है। 

जैसे डॉक्टर से सिर्फ यह पूछा जाता है। क्या आपने यह रिपोर्ट बनाई?” और उसका जवाब होता है-हां। फिर भी, उन्हें सैकड़ों किलोमीटर दूर कोर्ट में पेश होना पड़ता है। कई बार ट्रांसफर के बाद भी उसी पुराने जिले की अदालत में उपस्थिति देना पड़ती है, जिससे कोर्ट का समय भी व्यर्थ होता है और गवाहों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मिलेगी राहत न्यायश्रुति योजना के पहले चरण में ये VC सेटअप पुलिस थानों, एसडीओपी-सीएसपी या एसीपी ऑफिस और एसपी ऑफिसों में लगाए जा रहे हैं। अब गवाहों को सिर्फ अपने नजदीकी थाने या पुलिस कार्यालय में जाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी अटेंड करनी होगी। जिन कर्मचारियों का ट्रांसफर हो चुका है वे भी अब अपने नए जिले से VC के जरिए जुड़ सकेंगे। 

इससे अदालती प्रक्रिया तेज होगी और मामले जल्दी सुलझ पाएंगे। दिल्ली एनआईसी ने तैयार किया सॉफ्टवेयर इस योजना के लिए नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) द्वारा विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जो पूरे देश में एक समान रूप से लागू किया जाएगा। सभी राज्यों की पुलिस इसी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेगी।

केंद्र सरकार प्रति साइट 2 लाख रुपए की राशि राज्य सरकारों को उपलब्ध करा रही है। साथ ही कंप्यूटर, VC सेटअप और 100 एमबीपीएस इंटरनेट कनेक्शन की व्यवस्था भी अनिवार्य रूप से की जा रही है। यह भी पढ़ें..BPL वर्ग के लोगों को CM आर्थिक कल्याण योजना में हर महीने मिलती है फाइनेंशियल हेल्प 6 महीने में पूरा होगा पहला चरण मध्यप्रदेश में इस योजना की जिम्मेदारी स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB) को सौंपी गई है। 

एडीजी जयदीप प्रसाद के अनुसार, न्यायश्रुति योजना का पहला चरण अगले 6 महीने में पूरा किया जाएगा। इससे जांच अधिकारी, प्रत्यक्षदर्शी गवाह, पंच-साक्षी, मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर और पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों को भारी राहत मिलेगी। अब इन सबको लंबी दूरी तय करके अदालत नहीं जाना होगा। न्यायश्रुति योजना के 5 प्रमुख फायदे: वीसी से होगी पेशी-अब डॉक्टर, गवाह और पुलिस अधिकारी VC के माध्यम से जुड़ सकेंगे। स्थानांतरण में भी सुविधा – ट्रांसफर के बाद भी कर्मचारी अपने वर्तमान स्थान से पेश हो सकेंगे। 

2 लाख रुपये प्रति लोकेशन अनुदान – केंद्र सरकार की ओर से VC सेटअप हेतु आर्थिक सहयोग। कोर्ट में भीड़ कम होगी – अनावश्यक उपस्थिति खत्म होने से अदालतों में कामकाज बेहतर होगा। 6 महीने में होगा पहला चरण पूरा – SCRB द्वारा VC सिस्टम का पहला चरण जल्द होगा लागू। 

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