Tuesday, 24 June 2025

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23 वें संयम दीक्षा महोत्सव में राष्ट्रसंत प्रज्ञसागर महाराज का आध्यात्मिक उद्बोधन

रविंद्र आर्य
23 वें संयम दीक्षा महोत्सव में राष्ट्रसंत प्रज्ञसागर महाराज का आध्यात्मिक उद्बोधन
23 वें संयम दीक्षा महोत्सव में राष्ट्रसंत प्रज्ञसागर महाराज का आध्यात्मिक उद्बोधन

डिप्टी CM प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और थाईलैंड से डॉ. परविंद्र सिंह हुए सहभागी

नई दिल्ली.

राजा बाजार स्थित खंडेलवाल दिगम्बर जैन मंदिर, कनॉट प्लेस में राष्ट्रसंत परंपराचार्य श्री 108 प्रज्ञसागर मुनि महाराज के 23वें संयम दीक्षा महोत्सव का दिव्य और भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस पुण्य अवसर पर दिल्ली के डिप्टी चीफ मिनिस्टर प्रवेश साहिब सिंह वर्मा एवं विश्व शांति संस्थान–संयुक्त राष्ट्र (World Peace Institute–UN) के अंतरराष्ट्रीय शांति दूत थाईलैंड से डॉ. परविंद्र सिंह ने विशेष रूप से सहभागिता की। साथ ही Page 3 News के भारत संपादक एडवोकेट निखिल चौधरी भी उपस्थित रहे और पूज्य मुनिश्री से आशीर्वाद प्राप्त किया।

संयम, तप और जैन मूल्यों की प्रेरणा : पूज्य प्रज्ञसागर मुनि महाराज, जो श्वेतपिच्छाचार्य आचार्य श्री विद्यानंद मुनिराज के पट्टशिष्य हैं, ने अपने ओजस्वी प्रवचन में संयम, आत्मज्ञान और जैन धर्म के मूल स्तंभों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा: “सच्चा ज्ञान और सच्चा ध्यान ही कर्म का मूल है। राग-द्वेष से मुक्त रहकर ही मानव जीवन की पूर्णता संभव है।”

आज के हिंसक और तनावग्रस्त वैश्विक परिदृश्य में उन्होंने अहिंसा और अनेकांतवाद को समाधान बताया और कहा: “भारत जैसे देश अपने GDP का बड़ा हिस्सा रक्षा और स्वास्थ्य पर व्यय कर रहे हैं, क्योंकि हम हिंसा को रोकने में विफल हैं। जैन धर्म का दर्शन इस मानव संकट का उत्तर है।”

सामाजिक सौहार्द और आध्यात्मिक संवाद

डिप्टी सीएम प्रवेश वर्मा ने कहा : “जैन मुनि जैसा संयममय जीवन केवल कठिन ही नहीं, बल्कि दिव्य और प्रेरक है। जैन धर्म आत्मनियंत्रण और सेवा का आदर्श प्रस्तुत करता है।” उन्होंने पूज्य मुनिश्री को नई पीछि भेंट कर सम्मानित किया, वहीं धीरज जैन कासलीवाल को पूज्य मुनिश्री ने पुरानी पीछि देकर विशेष सम्मान प्रदान किया।

अखिल भारतीय जैन महिला संघ ने पूज्य गुरुदेव को जिनवाणी ग्रंथों की भेंट दी और बच्चों को शास्त्रों की प्रतियाँ भी प्रदान की गईं।

चातुर्मास घोषणा : बाहुबली एन्क्लेव मंदिर

मुनिश्री ने 2025 के वर्षायोग (चातुर्मास) की घोषणा करते हुए बताया कि उनका 27वां सामायिक वेलनेस चातुर्मास बाहुबली एन्क्लेव स्थित दिगंबर जैन मंदिर, दिल्ली में आयोजित होगा। 6 जुलाई 2025 को सूरजमल विहार से उनका मंगल प्रवेश प्रस्तावित है।

दीक्षा और आत्मविकास की स्मृति गुरुदेव ने बताया कि 2003 में भिंड (मध्यप्रदेश) में उन्हें दीक्षा प्राप्त हुई और आचार्य विद्यानंद से मुनि पद मिला। बाद में ऋषिभ विहार, दिल्ली में उन्हें उपाध्याय पद तथा आगे चलकर आचार्य पद प्रदान किया गया। उन्होंने यह भी कहा:  “गृहस्थ जीवन भी शील निर्माण की यात्रा हो सकता है। संयमपूर्वक विवाह आत्मिक प्रगति का साधन बन सकता है।”

आयोजन समिति और सहयोग :  इस भव्य आयोजन का सफल संचालन श्री खंडेलवाल दिगंबर जैन पंचायत, दिल्ली द्वारा किया गया। पदाधिकारीगण : अध्यक्ष श्री जिनेन्द्र जैन नरपतिया, उपाध्यक्ष अभिषेक बड़जात्या, महामंत्री धीरज जैन कासलीवाल, मंत्री गौरव जैन पटौदी, कोषाध्यक्ष विनोद पांड्या. कार्यक्रम को भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट (रजि.) का सहयोग प्राप्त हुआ।

प्रमुख पदाधिकारीगण अध्यक्ष प्रियांक जैन, महामंत्री शुभम वासन जैन, कोषाध्यक्ष नितिन बडजात्या, उपाध्यक्ष जयेश नाहर, संरक्षक विशाल मांडोत,

डॉ. परविंद्र सिंह का शांति संदेश : विश्व शांति संस्थान (United Nations) के प्रतिनिधि डॉ. परविंद्र सिंह ने समाधिस्थ आचार्य विद्यानंद जी महाराज के दीप प्रज्वलन में भाग लिया और कहा “भारत के संतों में वह ऊर्जा है जो वैश्विक हिंसा और असंतुलन को अध्यात्म के माध्यम से शांत कर सकते हैं।”

विशेष टिप्पणी :  यह दीक्षा का आयोजन न केवल जैन समाज के लिए एक गौरवमयी पर्व था, बल्कि दिल्ली जैसे महानगर में संयम, करुणा और आत्मअनुशासन का सार्वजनिक और प्रेरणात्मक संदेश भी सिद्ध हुआ। आत्मबल, धार्मिक चेतना और वैश्विक शांति के प्रति प्रतिबद्धता का ऐसा समन्वय विरले ही देखने को मिलता है।

लेखक : रविंद्र आर्य

(स्वतंत्र विश्लेषक : भारतीय लोकसंस्कृति, अध्यात्म और समाज चेतना)

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