आपकी कलम
आज मैंने सुना कि अल्का याग्निक की सुनने की शक्ति अचानक चली गई...
paliwalwaniएक गायक का अपनी सुनने की शक्ति खो देना वैसा ही है जैसे किसी शेफ का अपनी स्वाद ग्रंथियों को खो देना, या एक चित्रकार का अपनी दृष्टि को खो देना, या जैसे बशीर बद्र उम्र के एक पड़ाव पर अपने ही लिखे हुए कमाल के शेर भूल गए।
सोचिए एक गायिका जिसने अपनी आवाज़ के ज़रिए इतना सम्मान पाया हो, जिसने अपने जीवन की सार्थकता को.. अपनी आवाज़ से अभिव्यक्त किया हो, उसे कुछ सुनाई न दे तो कैसा लग रहा होगा। कोई सुर नहीं.. आवाज़ नहीं... न व्हाइट नॉइज़.. बस एक निर्वात... आसपास का संसार एक Mute Video...
#AlkaYagnik को कोई वायरल इनफ़ेक्शन हुआ और नतीजा... rare sensory neural nerve hearing loss. इलाज जारी है, उम्मीद करता हूँ कि अल्का याग्निक की सुनने की शक्ति वापस आ जाए
यहाँ कुछ बातें और जोड़ना चाहता हूँ
जो लोग सुन नहीं सकते या जिनकी सुनने की शक्ति कम है, उन्हें गाने में कई तरह की दिक्कतें आती हैं।
1. स्वर की पहचान और सही पिच पर गाने के लिए, सुनना और उसे तुरंत सुधारना आवश्यक होता है, जो सुनने की शक्ति के बिना कठिन हो सकता है।
2. संगीत की लय और ताल को महसूस करना और उसके अनुसार गाना मुश्किल हो जाता है।
3. अपनी आवाज़ की तीव्रता और नियंत्रण को सही रखना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि गायक ये नहीं सुन सकता कि उसकी आवाज़ कितनी ऊंची या नीची है।
4. गाने में भावनात्मक अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण होती है, और इसे सही ढंग से प्रस्तुत करने के लिए संगीत की बारीकियों को सुनना आवश्यक है। बिना सुने इन बारीकियों को पकड़ना कठिन हो सकता है।
हालांकि, आधुनिक तकनीक और जुनून की हद तक लिए जाने वाले प्रशिक्षण से इन चुनौतियों को पार किया जा सकता है।
संगीत की दुनिया में कुछ ऐसे संगीतकार और गायक हुए हैं जो सुन नहीं सकते थे या जिनकी सुनने की शक्ति चली गई थी, फिर भी उन्होंने अद्भुत संगीत की रचना की... जैसे Beethoven: बीथोवेन शायद सबसे प्रसिद्ध उदाहरण हैं। उन्होंने अपने जीवन में बाद के वर्षों में सुनने की क्षमता लगभग पूरी तरह से खो दी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी कुछ सबसे महान सिम्फनी और संगीत रचनाएं इसी दौर में तैयार कीं।
और एवलिन ग्लेनी जो एक प्रसिद्ध Percussionist हैं।उनकी श्रवण शक्ति लगभग पूरी तरह से चली गई थी, फिर भी उन्होंने वाद्ययंत्रों पर महारत हासिल की है।