छत्तीसगढ़
बजरंग दल और पुलिस पर भी लगाया आरोप : दुर्ग धर्मांतरण बयान से पलटी युवती, बोली ‘मर्जी से जा रही थी
paliwalwani
दुर्ग.
भिलाई जिले में कथित धर्मांतरण और मानव तस्करी के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। वहीँ एक तरफ इस मामले ने राजनैतिक तूल पकड़ लिया है।
मामला है नारायणपुर के कूकड़ा झोर गांव की छुड़ाई गई एक युवती कमलेश्वरी प्रधान ने मीडिया में बयान देकर पूरा केस पलट दिया है। युवती ने दावा किया है कि वह और उसकी दो अन्य साथी जो ओरछा के रहने वाले हैं अपनी मर्जी से काम के सिलसिले में बाहर जा रही थीं। वहीँ इस बयान को लेकर हिन्दू वादी संगठन ने किसी दबाव अथवा प्रलोभन का संदेह जताया है।
इस मामले में युवती ने आरोप लगाया है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और पुलिस द्वारा जबरन झूठा बयान दिलवाया गया है। उनके साथ मारपीट भी की गई। युवती ने मिशनरी नन और युवक को निर्दोष बताते हुए पूरी घटना को साजिश करार दिया है।
कैथोलिक संस्था ने भी मुख्यमंत्री साय को पत्र लिखा
- सीपीआई महासचिव डी. राजा ने भी गिरफ्तारी की निंदा की. घृणा और ध्रुवीकरण की राजनीति बताया।
- छुड़ाई गई एक युवती ने बयान दिया कि, वह अपनी मर्जी से गई थी।
- दुर्ग रेलवे स्टेशन पर हुई कथित धर्मांतरण और मानव तस्करी की कार्यवाही अब नए सवालों के घेरे में आ गई है। वहीँ छुड़ाई गई युवती के ताजा बयान ने इस पूरे प्रकरण को एक नया मोड़ दे दिया है। साथ ही बजरंग दल और पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में मामले की गहन जांच कि आवश्यकता है।
यात्रा का उद्देश्य :
युवती के अनुसार, वह और उसकी दो अन्य साथी मिशनरी अस्पताल, आगरा में काम करने के लिए मर्जी से जा रही थीं। नारायणपुर का ही एक मतांतरित युवक सुखराम उन्हें दुर्ग रेलवे स्टेशन तक छोड़ने आया था.।वहां से उन्हें दो मिशनरी नन के साथ आगे की यात्रा करनी थीं। जिन्हें अब गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीँ इस मामले में युवती ने आरोप लगाया कि दुर्ग रेलवे स्टेशन में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्ती उन्हें रोका, मारपीट भी की। पुलिस की मौजूदगी में दबाव डालकर झूठा बयान लिखवाया गया। पुलिस ने बयान बदलने के लिए न केवल उन्हें धमकाया, बल्कि उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी गई। जबकि बजरंग दल ने इन आरोपों को झूठा बताया है।
- वन स्टॉप सेंटर पर आरोप : वन स्टॉप सखी सेंटर की भूमिका पर भी युवती ने सवाल उठाए हैं। उसने कहा कि सेंटर के माध्यम से उसे झूठ बोलकर वापस गांव लाया गया। युवती ने साफ कहा कि, नन और युवक को किसी प्रकार की साजिश में फंसाया जा रहा है, जबकि वे निर्दोष हैं।
- बजरंग दल ने किया इन्कार : बजरंग दल की दुर्ग इकाई के संयोजक रवि निगम ने सभी आरोपों से इंकार किया है और सवाल उठाया है कि कार्यवाही के दौरान युवती पुलिस के संरक्षण में थी, तब उसे क्या पुलिस पर भरोसा नहीं था, जो दबाव में बयान दिया है।
हमने न तो किसी को धमकाया है और न ही किसी के साथ मारपीट की है। रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनसे सच्चाई सामने आ जाएगी – रवि निगम
दुर्ग केस की टाइमलाइन :
25 जुलाई
- दुर्ग रेलवे स्टेशन पर धर्मांतरण और मानव तस्करी को लेकर हंगामा हुआ।
- बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 2 कैथोलिक नन, एक युवक और 3 आदिवासी युवतियों को घेरकर रोका।
- आरोप लगाया कि युवतियों को बहला-फुसलाकर ले जाया जा रहा था. जहां उनके धर्मांतरण की योजना थी।
- बजरंग दल के हंगामे के बाद दो कैथोलिक नन और एक युवक को जीआरपी ने गिरफ्तार किया था।
28 जुलाई
- 2 नन की गिरफ्तारी का मुद्दा दिल्ली के संसद तक पहुंचा।
- नन की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली संसद भवन में UDF के सांसदों ने प्रदर्शन किया।
- राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर लिखा कि, 2 कैथोलिक नन की गिरफ्तारी गलत है। ये भाजपा-आरएसएस का गुंडा राज है।
- लोक लेखा समिति के अध्यक्ष और सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र भी लिखा।
30 जुलाई
- माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने रायपुर पहुंचकर राज्य सरकार पर आरोप लगाए।
- वृंदा करात ने कहा न धर्मांतरण हुआ, न तस्करी. फिर गिरफ्तारी क्यों हुई? FIR मनगढ़ंत है।
- वृंदा करात ने कहा, ननों के साथ पुलिस की मौजूदगी में अमानवीय व्यवहार किया गया।
- संसद में भी नन की गिरफ्तारी का मुद्दा गूंजा।
- सांसद विजय बघेल ने कार्रवाई के समर्थन में कहा कि, ये मामला मानव तस्करी और धर्मांतरण से जुड़ा हुआ है।
- संसद में कहा, कानून अपना काम कर रहा है, तब कांग्रेस दबाव क्यों बना रही है?
- मुख्यमंत्री साय ने भी कहा, कि पुलिस अपना काम कर रही है।