आपकी कलम
तोई मड़ा रा मड़ा रैई रा
paliwalwani
● काया देखों भरतार आप,
हूक न कोरा आकड़ा वैई रा,
एक-एक हाड़कों गणी लो,
भरांकड़ा रा भरांकड़ा वैई रा।
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● आप रा पड़ौस्यां ने देखों,
सब दड़ा रा दड़ा वैई रा,
नख दो तो लोई आवें,
आलूवड़ा रा आलूवड़ा वैई रा।
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● नी जाणें आप ने कस्यां,
मीने रा मीने कीड़ा खाई रा,
कतरोई खवाऊँ आप ने,
तोई मड़ा रा मड़ा रैई रा।
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● दाँत तो देखों आप रा,
पावड़ा रा पावड़ा वैई रा,
आंखा उन्डी बैई गी न,
बाल खड़ा रा खड़ा रैई रा।
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● कई हालत वैई गी आप री,
जळेबी न फाफड़ा नी भाई रा,
आप रा पड़ौसी मावा रा,
पेड़ा रा पेड़ा डकारी रा।
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● कई कमी हैं आप रे राजन,
जो ताँतड़ा रा ताँतड़ा वैई रा,
फाटी गोदड़ी जूँ काया मु,
तूँतड़ा रा तूँतड़ा निकळी रा।
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● वणा रो कमायों,वे खाई रा,
आप रो कमायों आप खाई रा,
पछे क्यूँ छीज-छीज न आप,
मांदेल बछड़ा रा बछड़ा वैई रा।
● राजेन्द्र सनाढ्य राजन : व्याख्याता- रा उ मा वि नमाना
नि-कोठारिया, जि-राजसमंद, राजस्थान 9982980777