Saturday, 12 July 2025

उज्जैन

केंद्रीय विद्यालय के छात्र की संदिग्ध मौत: मुंह में कपड़ा ठूंसा, गले में रस्सी का फंदा… जंगल में मिली लाश

Pushplata
केंद्रीय विद्यालय के छात्र की संदिग्ध मौत: मुंह में कपड़ा ठूंसा, गले में रस्सी का फंदा… जंगल में मिली लाश
केंद्रीय विद्यालय के छात्र की संदिग्ध मौत: मुंह में कपड़ा ठूंसा, गले में रस्सी का फंदा… जंगल में मिली लाश

MP KV Student Death: मध्यप्रदेश के उज्जैन में केंद्रीय विद्यालय के एक छात्र की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया है। स्कूल ड्रेस में छात्र का शव शहर के पास जंगल में मिला है। छात्र के मुंह में कपड़ा ठूंसा गया है और गले में रस्सी का फंदा डला है। जिससे छात्र की हत्या की आशंका जताई जा रही है। छात्र कक्षा 11वीं का छात्र था।

झाड़ियों में मिला शव

एडिशनल एसपी ने बताया कि शुक्रवार दोपहर करीब 2 बजे उज्जैन के मक्सी रोड स्थित पंड्या खेड़ी में नाले के पास झाड़ियों में एक शव पड़े होने की सूचना मिली थी। शुरुआती जांच में पता चला कि मृतक छात्र राज एन्क्लेव का रहने वाला था। छात्र का नाम नैतिक पाल (उम्र 18 वर्ष) है। वह पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 11वीं में पढ़ता था। मौके पर फोरेंसिक और डॉग स्क्वॉड की टीम को बुलाया गया है। यह भी बताया कि नैतिक परिवार में इकलौता बेटा था।

आई कार्ड से हुई छात्र की पहचान

पुलिस ने बताया नैतिक पाल के गले में मोटी रस्सी और मुंह में रुमाल फंसा मिला है। बैग और पानी की बोतल शव के पास ही पड़े मिले हैं। बैग से मिले आईडी कार्ड से उसकी पहचान हुई है। कार्ड में पिता का नाम प्रकाश पाल और मां का नाम दिव्या पाल लिखा है।

दोस्त को स्कूल छोड़कर खुद क्यों नहीं पहुंचा?

पैरेंट्स का हवाला देते हुए पुलिस बताया कि नैतिक पाल सुबह एक्टिवा से अपने दोस्त के साथ स्कूल के लिए निकला था। उसने अपने दोस्त को तो स्कूल छोड़ दिया, लेकिन बाद में खुद स्कूल नहीं पहुंचा। पुलिस पता लगा रही है कि, आखिर नैतिक स्कूल क्यों नहीं गया था और उसे कौन झाड़ियों के पास लेकर गया या पहुंचा?

पिछले साल फेल हो गया था नैतिक

नैतिक के पिता आरटीओ एजेंट हैं और मां एक मॉल में प्राइवेट काम करती हैं। उन्होंने बताया कि नैतिक पिछले दो दिन से स्कूल नहीं जा रहा था। वो पिछले साल फेल हो गया था। पिता ने बताया कि नैतिक का पिछले साल रिजल्ट जरूर बिगड़ा था, लेकिन वो इस साल पढ़ाई पर खूब ध्यान दे रहा था। कुछ दिन पहले ही स्कूल की ओर से इंदौर आईआईटी कैम्पस के टूर पर भी गया था। पिता ने बताया उसने कभी किसी भी परेशानी के बारे में हमें नहीं बताया।

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