उज्जैन
उज्जैन महाकाल लोक में श्रद्धालुओ के लिए खुला भव्य अन्नक्षेत्र : निशुल्क फाइव स्टार स्तरीय भोजन व्यवस्था का शुभारंभ
Paliwalwaniइंदौर के समाजसेवी विनोद अग्रवाल द्वारा बनवाए गए महाकाल अन्नं क्षेत्र का सीएम ने किया लोकार्पण
उज्जैन :
भगवान महाकाल के दर्शनों के लिए देश-विदेश से पधारे श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के लिए भव्य निशुल्क फाइव स्टार स्तरीय भोजन व्यवस्था का शुभारंभ आज उज्जैन में किया गया। इंदौर के बालाजी सेवार्थ विनोद अग्रवाल फाउंडेशन द्वारा निर्मित भव्य श्री महाकालेश्वर मंदिर अन्नक्षेत्र चमेली देवी अग्रवाल भवन को 25 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसकी रसोई में एक बार में करीब 1 लाख लोगों का भोजन तैयार करने की क्षमता है। इसमें एक बार मे 3-5 हजार व एक दिन में 80 हजार से 1 लाख तक भक्त भोजन-प्रसादी ग्रहण कर सकेंगे। भवन का उद्घाटन मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा किया गया।
इस अवसर पर माननीय श्री जगदीश देवड़ा , वित्त मंत्री, श्री भूपेंद्र सिंह, नगर प्रशासन मंत्री , डॉ मोहन यादव, उच्च शिक्षा मंत्री, सुश्री उषा ठाकुर, संस्कृति मंत्री , श्री अनिल फ़िरोज़िया, सांसद, उज्जैन, श्री पारस चंद्र जैन , विधयक, उज्जैन उत्तर, श्री मुकेश टटवाल, महापौर, उज्जैन, श्री श्याम बंसल, अध्यक्षक, विकास प्राधिकरण, उज्जैन, फाउंडेशन के प्रमुख श्री विनोद अग्रवाल व उनकी अर्धांगिनी श्रीमती नीना अग्रवाल, तपन अग्रवाल, वंशिका अग्रवाल, विभिन मंदिरों के पुजारी, संतगण एवं अन्य प्रतिष्ठित जन उपस्थित थे। अपने निर्माण की शुरुआत से ही यह भवन सबके आकर्षण का केंद्र व चर्चा का विषय बना हुआ है।
देश में यूं कई जगहों पर बड़े अन्नक्षेत्र हैं लेकिन उज्जैन का यह अन्नक्षेत्र तकनीक और सुविधाओं के मामले में सबसे उन्नत है। इसे बनाने से पहले उज्जैन कलेक्टर श्री कुमार पुरषोत्तम तथा मंदिर प्रशासक श्री सन्दीप सोनी ने मिलकर इस विचार के लिए लंबी रिसर्च की। देश के बड़े अन्नक्षेत्र देखे गए l कोयम्बटूर, चेन्नई और अहमदाबाद सहित देश के 5 भिन्न स्थानों से अलग अलग मशीनें मंगवाई गईं हैं। ये मशीनें सब्जी, रोटी, दाल सब बनाएंगी, आटा भी गूंथेंगीं और मसाले मिलाने, तड़का लगाने का काम भी बखूबी करेंगी। ऑटोमैटिक भट्टियां रोटियां सेकेंगी और भोजन के बाद जूठे बर्तनों को धोने का काम भी मशीनें ही करेंगी। खास बात यह कि यहां सीएनजी एवं एलेक्ट्रिक्ट का उपयोग भोजन बनाने में किया जाएगा। यानी पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा।
असल में महाकाल लोक के निर्माण के दौरान ही मंदिरसमिति ने इस बात पर विचार किया था कि महाकाल लोक बनने के पश्चात यहां दर्शन हेतु आने वाले लोगों संख्या में वृद्धि होगी एवं यात्रियों व भक्तों के लिए अन्य व्यवस्थाओं की भी जरूरत होगी। उसी समय इस अन्नक्षेत्र के विचार ने जन्म ले लिया था। हमारे बड़े बुजुर्गों ने यह संदेश दिया है कि भूखे को भोजन कराना और भक्तों की सेवा करना भी प्रभु भक्ति के समान है। इसी विचार के साथ इस भव्य अन्नक्षेत्र के निर्माण की नींव रखी गई। उद्घाटन के पश्चात अन्नक्षेत्र को महाकालेश्वर मंदिर प्रशासन समिति को संचालन हेतु सौंप दिया गया है।
भवन को पूर्ण सुविधायुक्त बनाने का प्रयास किया है। कुल 51,000 वर्गफीट का निर्माण किया गया है, इसमें दो लिफ्ट्स भी शामिल हैं-जिसमें से एक रसोई की सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए होगी। साथ ही यहां विशेष अतिथियों के लिए एयरकंडीशनर युक्त भोजन स्थल, भी उपलब्ध है। निर्माणकर्ताओं और व्यवस्थापकों का पूरा विश्वास है कि इस सेवाकार्य द्वारा उज्जैन आने वाले दर्शनार्थियों की यात्रा को और अधिक आनंददायक बनाने में योगदान दिया जा सकेगा।
जय श्री महांकाल