राजसमन्द

भावना पालीवाल की प्रेरणा से बेटी और गौरैया संरक्षण के लिए हो रहे है प्रयास

Paliwalwani
भावना पालीवाल की प्रेरणा से बेटी और गौरैया संरक्षण के लिए हो रहे है प्रयास
भावना पालीवाल की प्रेरणा से बेटी और गौरैया संरक्षण के लिए हो रहे है प्रयास

पिछले 4 सालों में : बेटियों के नाम से 1200 से अधिक बर्ड हाउस बनाये

देवगढ़ : सुबह-शाम गौरैया की चहचहाहट सुनाई देना कम जरूर हो गया है, लेकिन सुखद बात ये है कि अभी तक ये सिलसिला जारी है। आंगन में फुदक फुदक कर अनाज के दाने चुगते हुए चीं-चीं सी चहकने वाली गौरेया अब कम ही घरों में दिखतीं हैं। मोबाइल टॉवरों की बढ़ती संख्या और जबरदस्त ध्वनि प्रदूषण ने इस पक्षी को खासा नुकसान पहुंचाया है।

बीते कुछ सालों में राजसमन्द जिले के देवगढ़ में  इस परिंदे के लिए प्यार जागा है और अब गौरैया को आश्रय देकर उन्हें बसाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इसके नतीजे भी अच्छे आ रहे हैं। घर आंगन से छत तक फिर से इनकी आवाजाही शुरू हो गई है।  करियर महिला मंडल द्वारा सोन चिड़िया मेरी बिटिया अभियान के तहत नवरात्री के प्रथम दिन 100 से अधिक बर्ड हाउस बनाकर गौरैया के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक किया गया । सामाजिक कार्यकर्ता पैडवुमन भावना पालीवाल के मार्गदर्शन में महिलाओ द्वारा पिछले कई वर्षो इस अभियान को चलाया जा रहा है। 

पालीवाल ने बताया  कि राजस्थान के लोकल परिवेश के परिवारों में लोग अपनी बेटियों को चिड़कली कहकर बुलाते हैं। चिड़कली यानी चिड़िया की तरह चीं-चीं करने वाली लाड़ली... जब तक बेटी घर में है पूरा आंगन चहचहाता है। इस उद्देश्य को लेकर प्रशासन के साथ मिलकर  बेटी एवं लुप्त होती चिड़िया (गौरेया) दोनों को बचाने के लिये सोन चिड़िया मेरी बिटिया अभियान अभियान शुरू किया। जिसमें घर की पहचान बेटी के नाम से होगी तथा इसी तरह गौरेया को भी दाना एवं आश्रय मिलेगा। 

पिछले 4 सालों में समय-समय पर गौरैया घोसले वितरित करने का काम अलग-अलग स्थानों पर किया जाता है। गौरैया चिड़िया को संरक्षित करने के लिए भी आम जनता को जागरूक करने का काम संस्था द्वारा किया जाता है। किसी जीव के लिए घर, दाना पानी की व्यवस्था करना इससे बड़ी इंसानियत और कोई नहीं हो सकती। हमारे घर-आंगन को इधर-उधर फुदकती गौरेया अपनी अप्रतिम सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है। इसकी चहचहाहट से मन आनंदित होता है, लेकिन वर्तमान में यह अपने अस्तित्व को लेकर जूझ रही है।

अभी तक मंडल द्वारा बेटियों के नाम से 1200 से अधिक बर्ड हाउस बनाये. जिन्हें जिले में कई उद्यानों, घरो की बालकनी, दीवारों, खुले स्थानों, छतो और पेड़ो पर लगाये गए । मंडल की महिलाओ द्वारा किसी भी सदस्य के जन्मदिन पर और विशेष तोर पर बेटी के जन्मदिन पर इन्हें लगाया जाता है आज इस अभियान से कई संस्थान और लोग जुड़ चुके है.

इस अवसर पर नेहरु युवा केंद्र से उपखंड की वोलेंटियर अवंतिका शर्मा, सोन चिड़िया मेरी बिटिया अभियान प्रभारी भावना सुखवाल, निकिता वैष्णव, अरीना बानो, मंडल संरक्षक रेखा सोनी, शिल्पा सेन, विजयलक्ष्मी धाभाई, ज्योति सेन, नीलम साहू, वंदना, उमा कुमारी, पूजा, प्रियंका कुमारी, पूजा सेन, शिखा सोनी,  गीतांजली, गायत्री पालीवाल, तनिषा वेद, गरिमा सालवी, ख़ुशी रेगर,  पूनम भील, शकुंतला, करीना बानो, विद्या कुमारी, प्रीती सेन, दीपिका पालीवाल, दर्शना, विधि, हिमानी वैष्णव, शिवानी वैष्णव आदि द्वारा सहयोग किया जा रहा है।

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