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यासीन मलिक को दो केस में उम्रकैद : श्रीनगर में यासीन मलिक के घर के पास पत्थरबाजी

Paliwalwani
यासीन मलिक को दो केस में उम्रकैद : श्रीनगर में यासीन मलिक के घर के पास पत्थरबाजी
यासीन मलिक को दो केस में उम्रकैद : श्रीनगर में यासीन मलिक के घर के पास पत्थरबाजी

जम्मू-कश्मीर : जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण (Jammu-Kashmir Terror Funding) के मामले में दोषी ठहराए गए अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Separatist Leader Yasin Malik) की सजा पर एनआईए की कोर्ट (NIA Court) में सुनवाई चल रही थी और उधर श्रीनगर में यासीन मलिक के घर से कुछ ही दूरी पर कुछ लोगों ने इकट्ठा होकर सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी.

हालांकि जवानों ने पत्थरबाजों की इस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागे जिसके बाद ये पत्थरबाज वहां से भाग खड़े हुए. आपको बता दें कि दिल्ली में एनआइए की कोर्ट में अलगाववादी नेता और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक पर सजा के लिए सुनवाई चल रही थी. आपको बता दें कि यासीन मलिक पर एनआइए कोर्ट का फैसला आने से पहले श्रीनगर के कुछ हिस्से बुधवार को बंद रहे. अधिकारियों ने इस बात की  जानकारी दी.

अलगाववादी नेता यासीन मलिक (Yasin Malik) को दिल्ली की विशेष अदालत ने टेरर फंडिंग के दो अलग-अलग मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई है. मलिक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. फैसले के दौरान मलिक कोर्ट रूम में मौजूद रहे. यासीन मलिक पर फैसले को देखते हुए कोर्ट में भारी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था. मलिक को दो अपराधों आईपीसी की धारा 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और यूएपीए की धारा 17 (आतंकवादी गतिविधियों के लिए राशि जुटाना) के लिए दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. यासीन मलिक को कुल 8 मामलों में सजा सुनाई गई है. 

इससे पहले मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने यासीन मलिक को मृत्युदंड दिए जाने का अनुरोध किया था. वहीं मलिक ने अवैध गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत लगाए गए आरोपों समेत उस पर लगे सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था.

मलिक ने नहीं किया सजा का विरोध

मलिक ने अदालत में कहा था कि वह खुद के खिलाफ लगाए आरोपों का विरोध नहीं करता. इन आरोपों में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य), 17 (आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाना), 18 (आतंकवादी कृत्य की साजिश) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक षडयंत्र) और 124-ए (राजद्रोह) शामिल हैं.

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