Friday, 11 July 2025

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सावन के पवित्र माह में कांवड़ियों के लिए संतों की गंभीर चेतावनी : धर्म और पवित्रता बचाने का संदेश

paliwalwani
सावन के पवित्र माह में कांवड़ियों के लिए संतों की गंभीर चेतावनी : धर्म और पवित्रता बचाने का संदेश
सावन के पवित्र माह में कांवड़ियों के लिए संतों की गंभीर चेतावनी : धर्म और पवित्रता बचाने का संदेश

भगवान भोलेनाथ की भक्ति का पवित्र माह सावन शुक्रवार 11 जुलाई 2025 से शुरू हो रहा है। इसके साथ ही शिवभक्तों की कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी। सावन के इस पावन महीने में शिवभक्त दूर-दूर से नदियों का पवित्र जल कांवड़ में भरकर, भोलेनाथ की कृपा पाने कांवड़ यात्रा पर निकलेंगे और शिवलिंग का अभिषेक करेंगे।

कांवड़ यात्रा को लेकर संत समाज ने कांवड़ियों को धार्मिक शुद्धता बनाए रखने, अनुशासन में रहने और नशे से दूर रहने की कड़ी चेतावनी दी है। साथ ही प्रशासन से भी “जिहादी मानसिकता” वाला कोई भी व्यक्ति यात्रा में शामिल न हो इस पर विशेष निगरानी रखने की मांग की गई है।

सावन माह की पवित्रता को बनाए रखने के लिए संत समाज सतर्क हो गया है। महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज ने कांवड़ यात्रा पर निकलने वाले श्रद्धालुओं के लिए साफ निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा में अनुशासन बेहद जरूरी है।

महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज ने कांवड़ियों से कहा है कि ध्यान रखें, कहीं आपका धर्म भ्रष्ट न हो जाए। यह चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि सेवा के नाम पर लगने वाले फूड स्टॉल या अन्य पेड सेवाओं पर भी नजर रखनी होगी।

उन्होंने कहा कि बीते समय में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा टीका लगाकर धार्मिक पहचान छिपाने और भावनाएं आहत करने जैसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। थूक जिहाद जैसे गंभीर मामलों ने भी चिंता बढ़ाई है। ऐसे में संतों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सतर्क रहें और अपने धर्म एवं पवित्रता की रक्षा स्वयं करें।

संत समाज ने आयोजकों से अपील की है कि कांवड़ यात्रा को श्रद्धा, अनुशासन और आध्यात्मिक भाव से ही संपन्न कराया जाए। डीजे और बैंड-बाजे का उपयोग केवल भक्ति गीतों और भजनों तक सीमित रखें। यात्रा में किसी प्रकार की अशोभनीयता या अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। साथ ही नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों को यात्रा में सम्मिलित न किया जाए।

संत समाज ने प्रशासन से की मांग

साधु-संतों ने प्रशासन से भी आग्रह किया है कि ऐसे तत्वों पर विशेष निगरानी रखी जाए, जो धार्मिक यात्राओं की पवित्रता को बाधित कर सकते हैं। जिहादी मानसिकता से प्रेरित किसी भी गतिविधि पर सख्त नजर रखने और आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रशासन को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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