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Business Idea : कम जगह में शुरू करें यह बिजनेस, लागत से 10 गुना तक होगी कमाई, जानिए

Paliwalwani
Business Idea : कम जगह में शुरू करें यह बिजनेस, लागत से 10 गुना तक होगी कमाई, जानिए
Business Idea : कम जगह में शुरू करें यह बिजनेस, लागत से 10 गुना तक होगी कमाई, जानिए

कुछ लोग ऐसे होते हैं जो की बेहद कम लागत में बिज़नेस शुरू करते हैं और उसको बड़े पैमाने तक ले जाते हैं। हम भी एक ऐसा आईडिया लेकर आये हैं जिसमें बेहद कम लागत आती है और कमाई बंपर होती है। हम आपको बता रहे हैं फ्रोजन मटर का बिजनेस के बारे में। इस बिजनेस में तगड़ी कमाई होगी। आप किसानों से मटर खरीद सकते हैं और अपनी बिजनेस शुरू कर सकते हैं। मटर की मांग पूरे साल रहती है लेकिन इसकी उपज सिर्फ ठंड में होती है।

इस बिजनेस में सबसे पहले ढेर सारी मटर खरीद लें। आपको कितनी मटर की जरुरत होगी यह इस बात पर निर्भर करेगी कि आप कितना बड़ा बिजनेस करना चाहते हैं। आपको बाजार रिसर्च करके एक अंदाजा लगाना होगा कि साल भर में आप कितनी फ्रोजन मोटर बेच सकते हैं। फ्रोजन मटर का बिजनेस अपने घर के छोटे से कमरे से ही शुरू कर सकते हैं।

हालांकि बड़े स्‍तर पर बिजनेस करना चाहते हैं तो 4000 से 5000 वर्ग फुट जगह की जरूरत पड़ेगी। वहीं छोटे स्‍तर पर बिजनेस शुरू करने पर हरी मटर छीलने के लिए कुछ मजदूरों की जरूरत होगी। बड़े लेवल पर आपको मटर छीलने वाली मशीनों की जरूरत पड़ेगी। साथ ही कुछ लाइसेंस भी चाहिए होंगे। फ्रोजन मटर का बिजनेस शुरू करने पर कम से कम 50 80 फीसदी तक मुनाफा मिल सकता है। किसानों से 10 रुपये प्रति किग्रा के दाम पर हरी मटर खरीद कर सकते हैं। इसमें दो किग्रा हरी मटर में करीब 1 किग्रा दाने निकलते हैं।

अगर आपको बाजार में मटर की कीमत 20 रुपये प्रति किलोग्राम से मिलती है, तो आप इन मटर के दानों को प्रोसेस कर थोक में 120 रुपये प्रति किग्रा के भाव पर बेच सकते हैं। वहीं अगर आप फ्रोजन मटर के पैकेट्स को सीधे रिटेल दुकानदारों को बेचते हैं तो आपको इसका लाभ 200 रुपये प्रति किग्रा पैक पर मिल सकता है।

फ्रोजेन मटर बनाने के लिए सबसे पहले मटर को छीला जाता है। इसके बाद मटर को करीब 90 डिग्री सेंटिग्रेट के तापमान में उबाला जाता है। फिर मटर के दानों को 3 5 डिग्री सेंटिग्रेट तक ठंडे पानी में डाला दिया जाता है, ताकि इसमें पाए जाने वाले बैक्टीरिया मर जायें। इसके बाद अगला काम इन मटर को करीब 40 डिग्री तक के तापमान में रखा जाता है. इससे की मटर में बर्फ जम जाए. फिर मटर के दानों को अलग अलग वजन के पैकेट्स में पैक कर बाजार में पहुंचा दिया जाता है।

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