महाराष्ट्र :
महाराष्ट्र (Maharashtra) में एक बार फिर कोविड-19 (COVID-19) के मामले बढ़ने लगे हैं. कोरोना के साथ अब H3N2 वायरस (H3N2 influenza virus) भी लोगों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रहे हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि महाराष्ट्र में एक फिर कोरोना के मामलों में तेजी देखी गई है. कई राज्यों में इस बीमारी से बचाव की एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है.
बीते कुछ दिनों में देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना और H3N2 Influenza Virus के मरीजों की संख्या बढ़ी है. इसे लेकर स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया है. कई राज्यों में इस बीमारी से बचाव की एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है. जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि 60 साल से अधिक उम्र और पुरानी लंग्स की बीमारी से जूझ रहे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर कम जाएं. खांसी जुखाम है तो पब्लिक प्लेस पर सरफेस को टच न करें. एच3एन2 वायरस का लक्षण दिखते ही डॉक्टर से खुद को दिखाएं. दिल्ली सरकार की एडवाइजरी के बारे में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मीडिया को जानकारी दी.
एक दिन में कोविड-19 के मामले दोगुने से ज्यादा हो गए हैं. इतना ही नहीं वायरस की चपेट में आने से दो लोगों की मौत भी हो गई है. राज्य में अब तक कोरोना से 1.48 लोगों की जान जा चुकी है. बता दें कि सोमवार को कोरोना के 61 केस मिले थे. वहीं मंगलवार को 155 नए केस सामने आए. महाराष्ट्र में बढ़ते H3N2 वायरस और COVID-19 मामलों के मद्देनजर राज्य भर के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है.
मीडिया से चर्चा करते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग की एक अहम बैठक हुई थी. इसके बाद सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया था. उन्होंने कहा, ‘H3N2 वायरस राज्य में फैल रहा है, लेकिन चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर नहीं जाना चाहिए, मास्क पहनना चाहिए और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखनी चाहिए. राज्य में H3N2 और कोविड के मामले फिर से बढ़ रहे हैं.
मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि राज्य निगरानी अधिकारी जनस्वास्थ्य की इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। घबराने की जरूरत नहीं। कोविड सतर्कता नियमों का पालन करते हुए इससे बचा जा सकता है।
इस साल करीब 10 लाख से ज्यादा लोग तीव्र श्वसन बीमारी/इन्फ्लूएंजा (एआरआई/आईएलआई) की चपेट में आए हैं। जनवरी में 3,97,814 व फरवरी में 4,36,523 और मार्च के पहले सप्ताह में 1,33,412 संक्रमित हुए। इस साल जनवरी में 7041, फरवरी में 6919 व नौ मार्च तक 1866 मरीजों को भर्ती करना पड़ा। सह-रुग्णता वाले युवा, बच्चे व बुजुर्गों को सर्वाधिक सावधानी की जरूरत है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दिसंबर से मौसमी इन्फ्लूएंजा के मरीज आ रहे हैं। एच3एन2 संक्रमण का प्रसार भी बढ़ता दिखाई दिया है। मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि मार्च के अंत तक संक्रमण के प्रसार में कमी आ सकती है। सरकार अंतरमंत्रालयी बैठक भी करने जा रही है।