मध्य प्रदेश

छुट्टी के लिए अजीब पत्र - ओवैसी पिछले जन्म का दोस्त और मोहन भागवत शकुनि मामा, पत्र का सीईओ के भी दिया मजेदार जवाब

Paliwalwani
छुट्टी के लिए अजीब पत्र - ओवैसी पिछले जन्म का दोस्त और मोहन भागवत शकुनि मामा, पत्र का सीईओ के भी दिया मजेदार जवाब
छुट्टी के लिए अजीब पत्र - ओवैसी पिछले जन्म का दोस्त और मोहन भागवत शकुनि मामा, पत्र का सीईओ के भी दिया मजेदार जवाब

मध्यप्रदेश। आगर मालवा जिले के सुसनेर जनपद में पदस्थ इंजीनियर राजकुमार यादव ने छुट्टी के लिए एक अजीब कारनामा किया है. राजकुमार ने अपने सीनियर अफसर को छुट्टी के लिए आवेदन दिया था. राजकुमार ने अपने आवेदन में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष असद्दुदीन ओवैसी को अपने अपना पिछले जन्म का दोस्त बताया और RSS प्रमुख मोहन भागवत को ‘शकुनी मामा’ बताया है.

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छुट्टी के लिए अजब इंजीनियर का गजब आवेदन

इंजीनियर ने लिखा है कि ‘ मैं प्रार्थी राजकुमार सिंह यादव आपकी जनपद पंचायत सुसनेर में उपयंत्री के पद पर पदस्थ हूं, मैं रविवार को जनपद के किसी कार्य में उपस्थित नहीं हो पाऊंगा क्योंकि मुझे कुछ दिन पहले आभास हुआ है कि आत्मा अमर होती है. इंजीनियर ने आगे आवेदन में लिखा कि मुझे अपने पिछले जन्म का भी आभास हुआ है’.ओवैसी को बताया दोस्त, मोहन भागवत को बताया शकुनि मामाइंजीनियर ने पत्र में आगे लिखा कि ‘असदुद्दीन ओवैसी मेरे पिछले जन्म के सखा नकुल थे और मोहन भागवत शकुनि मामा. इसलिए मैं अपने जीवन को जानने के लिए गीता पाठ करना चाहता हूं. मैं हर रविवार के दिन अपने अंदर के अहंकार को मिटाने के लिए एक गेहूं का दाना घर-घर जाकर भीख मांगकर इकट्ठा करूंगा, ये मेरी आत्मा का सवाल है. मैं समझता हूं कि आप मुझे प्रत्येक रविवार की छुट्टी देने की कृपा करेंगे’.

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सीईओ ने उसी भाषा में दिया जवाब

इंजीनियर ने इस आवेदन को ऑफिशियल ग्रुप में पोस्ट किया था. इसके बाद सुसनेर के सीईओ पराग पंथी ने उसी अंदाज में उन्हें जवाब दिया है. उन्होंने ग्रुप में लिखा कि प्रिय उप यंत्री, आप अपना अहंकार मिटाना चाहते हैं, यह जानकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है. व्यक्ति अहंकार से वशीभूत होकर यह सोचता है कि वह अपने रविवार को अपनी इच्छा से बिता सकता है. इस अहंकार को इसके बीजरूप में नष्ट करना आपकी उन्नति के लिए अपरिहार्य है.आपकी आत्मिक उन्नति की अभिलाषा को दृष्टिगत रखते हुए आपको आदेशित किया जाता है कि आप प्रत्येक रविवार को कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्य करें, जिससे रविवार को अवकाश मनाने के आपके अहंकार का नाश हो सके. आपकी आत्मिक उन्नति में साधक बनने की प्रसन्नता के साथ.

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