निवेश
रिटायरमेंट के बाद नहीं होगी पैसों की दिक्कत, एन्यूटी प्लान के तहत जमा रकम पर आपको आजीवन पेंशन
paliwalwani.comएन्यूटी प्लान के तहत जमा रकम पर आपको आजीवन पेंशन मिल सकती है. ज्यादातर बीमा कंपनियां पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद पति/पत्नी को भी पेंशन की सुविधा देती है. वहीं कुछ बीमा कंपनियां सब्सक्राइबर की मौत के मौत के बाद भविष्य के सभी एन्युटी पेमेंट्स को रोक देती हैं. इसलिए इसका चुनाव करते समय इस बात का ध्यान रखें. एन्युटी लेने की न्यूनतम उम्र 30 से 40 वर्ष होनी चाहिए.
कोरोना काल के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर चल रहा है. ऐसे में लोग निवेश के लिए जोखिम के हालात से बचना चाहते हैं. लोग इमरजेंसी में रुपयों की जरूरत को पूरा करने के लिए ऐसी स्कीम में पैसा लगाना चाहते हैं जिनसे उन्हें बेहतर रिटर्न मिलें और उनकी धनराशि सुरक्षित रह सके. ऐसे में एन्युटी प्लान लेना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इसमें आपको रिटायरमेंट के बाद हर महीने पेंशन मिल सकती है.
कैसे लें एन्युटी : बीमा कंपनियां दो तरह की एन्युटी प्लान पेश करती हैं. इसमें से एक इमीडिएट एन्यूटी प्लान और दूसरा डेफर्ड एन्युटी प्लान. इमीडिएट प्लान में निवेशकों को तुरंत ही सीमित अवधि के लिए या जिंदगी भर के लिए मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर एक निश्चित राशि मिलनी शुरू हो जाती है. जबकि डेफर्ड प्लान के तहत निवेशकों को कुछ समय बाद या रिटायरमेंट के बाद से जिंदगी भर मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना आधार पर एक निश्चित राशि जिंदगी भर मिलती है.
एन्युटी के फायदे : अगर किसी ने 30 साल की उम्र में 50 लाख रुपए का एन्युटी प्लान लेते हैं तो सालाना 3 लाख रुपए की पेंशन जिंदगी भर के लिए सुनिश्चित कर सकते हैं. अगर कोई अपने और नॉमिनी को लेकर पेंशन प्लान चुनते हैं तो 2.95 लाख रुपए तक की एन्युटी राशि पा सकते है. इसके अलावा अगर सब्सक्राइबर की मौत हो जाती है तो नॉमिनी को पर्चेज प्राइस वापस मिल जाएगा.
एन्युटी प्लान में टैक्स छूट : इसमें आपको एकमुश्त रकम भी मुहैया करा सकते हैं जब आपको बच्चों की पढ़ाई या शादी जैसी जरूरत में काम आ सकता है. इसके अलावा एन्युटी प्लान में टैक्स छूट मिलती है. कुछ पॉलिसीज में प्रीमियम पर भी टैक्स छूट मिलती है.
ये भी पढ़ें : रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों जबरदस्त उछाल : देश के सबसे दौलतमंद शख्स मुकेश अंबानी