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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के फैसलों को सुधार रहे, वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ
paliwalwani
पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के साथ ही भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की कवायद फिर से शुरू हो गई है. नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पड़ोसी मुल्क भारत के साथ व्यापार दोबारा शुरू करने के कदम उठाए हैं.
भारत में व्यापार मंत्री की नियुक्ति
पाकिस्तान के संघीय मंत्रिमंडल ने भारत में व्यापार मंत्री (Trade Minister) के रूप में कमर जमान की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. जानकारी के मुताबिक कैबिनेट ने अपनी ताजा बैठक के दौरान 15 देशों में व्यापार मंत्रियों की नियुक्ति को मंजूरी दी.
इमरान ने खत्म किए थे व्यापारिक संबंध
आपको बता दें कि पहले इसी मामले में कश्मीर विवाद के चलते पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने खारिज कर दिया था. उन्होंने घोषणा की थी कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा घोषित विवादित क्षेत्र की विशेष स्थिति को समाप्त करने के लिए 5 अगस्त 2019 को की गई कार्रवाई को उलटने तक भारत के साथ कोई व्यापार नहीं होगा.
भारत के आंतरिक फैसले से बौखलाया था पाकिस्तान
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को खत्म कर दिया था. धारा 370 को खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ युद्ध तक की धमकी दे दी थी. साथ ही पाकिस्तान ने अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया. वहीं समझौता एक्सप्रेस को भी स्थायी तौर पर बंद कर दिया.
इमरान के फैसले का खामियाजा पाक के व्यापारियों ने भुगता
इमरान के इस फैसले के बाद दोनों ही देशों में मौजूद व्यापारियों पर असर पड़ा था. हालांकि इसका ज्यादा असर पाकिस्तान पर ही पड़ा था. क्योंकि भारत की निर्भरता पाकिस्तान पर न के बराबर है, जबकि पाकिस्तान की रोजमर्रा की जरूरत की तमाम चीजें भारत से निर्यात की जाती थीं. उस समय जानकारों का कहना था कि इमरान खान का यह फैसला 2.56 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार को पटरी से उतर देगा और न्यूनतम स्तर पर ले जाएगा.