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इजरायल पर अमेरिका और ब्रिटेन ने ईरान पर लगाए कड़े प्रतिबंध : ब्रिटेन ने लगाए 400 से ज्यादा प्रतिबंध
paliwalwaniयेरुसलम. इजरायल पर मिसाइल-ड्रोन हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने ईरान पर नए सिरे से प्रतिबंधों का ऐलान किया है. जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से कहा गया है कि उन्होंने ईरान रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स, ईरान रक्षा मंत्रालय और ईरानी शासन से जुड़े मिसाइल और ड्रोन प्रोडक्शन वाली कंपनी और लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट (US Treasury Department) की तरफ से एक बयान में कहा गया है कि अमेरिका ने ईरान के यूएवी प्रोडक्शन में लगे 16 लोगों और दो संस्थाओं को प्रतिबंधित किया है, जिसमें ईरान के शहीद वेरिएंट यूएवी को पावर देने के लिए इंजन बनाने वाली कंपनी शामिल है, जिसका इस्तेमाल 13 अप्रैल के हमले में किया गया था।
13 अप्रैल के हमले के संबंध में ईरान ने कहा था कि वो उसका जवाबी कार्रवाई था, जहां इजरायल ने 1 अप्रैल को ड्रोन हमले में सीरिया स्थित उसकी एंबेसी को ध्वस्त कर दिया था, जिसमें रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के दो जनरल समेत अन्य लोगों की मौत हो गई थी. इजरायल भी इसका जवाब देने के लिए तैयार था लेकिन आज गुरुवार को ही रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के एक कमांडर ने चेतावनी दी कि इजरायल की धमकियों के बाद ईरान अपने “परमाणु सिद्धांत” की समीक्षा कर सकता है।
अमेरिकी ट्रेजरी ने कहा कि वे ईरान की सबसी बड़ी स्टील प्रोडक्शन वाली कंपनी ईरान की खुज़ेस्तान स्टील कंपनी (केएससी) को स्टील उत्पादन के लिए कंपोनेंट मेटेरियल मुहैया कराने वाली पांच कंपनियों को भी प्रतिबंधित लिस्ट में डाला है।
ईरान के निर्यात को भी किया गया टारगेट
ईरानी वाहन निर्माता बहमन ग्रुप की तीन सहायक कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है, जिनके बारे में कहा गया कि उन्होंने ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स को समर्थन दिया था. इनके अलावा ईरान के निर्यात को भी टारगेट किया गया है, जहां उसे निर्यात के लिए लाइसेंस मिलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
ब्रिटेन ने लगाए 400 से ज्यादा प्रतिबंध
ब्रिटेन ने कहा कि वे सशस्त्र बल के जनरल स्टाफ और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की नेवी सहित सात लोगों और छह संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा रहा है. पश्चिम ने पिछले कुछ वर्षों में ईरान पर बार-बार प्रतिबंध लगाए हैं. ब्रिटेन ने अकेले इजराइल के कट्टर दुश्मन पर 400 से अधिक विभिन्न आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं।