स्वास्थ्य

नौतपा के समय: जानें क्या करें और क्या न करें : वैद्य शोभालाल औदीच्य

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नौतपा के समय: जानें क्या करें और क्या न करें : वैद्य शोभालाल औदीच्य
नौतपा के समय: जानें क्या करें और क्या न करें : वैद्य शोभालाल औदीच्य

ये गर्मी के नौ दिन: नौतपा में शरीर को राहत कैसे पहुंचाएं

आयुर्वेद एवं भारतीय जीवनशैली अपनाकर बचे नौतपा से 

नौतपा क्या है?

नौतपा वह समय होता है जब गर्मी अपने चरम पर होती है। इस दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और नौ दिन तक रहता है, जो आमतौर पर 25 मई से 2 जून तक होता है। इस समय सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी कम हो जाती है, जिससे सूर्य की किरणें सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं और तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त, वायुमंडल में हवा की गति कम हो जाती है, जिससे गर्मी का प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है।

नौतपा में सावधानियां

1. अतिआवशयकता होने पर ही घर से निकले दिन मे 11 बजे से 4 बजे तक घर से नहीं निकले। 

2. धूप से बचाव : घर से बाहर निकलते समय सिर को ढककर रखें और सनस्क्रीन का प्रयोग करें

3. पानी का सेवन : अधिक मात्रा में पानी पिएं दिन में लगभग 7-8 लीटर पानी  और जलयुक्त फलों का सेवन करें।

4. हल्का कपड़ा पहनें : हल्के और सूती कपड़े पहनें ताकि शरीर को ठंडक मिले। गहरे रंग के कपड़ो का चयन नहीं करें । 

5. व्यायाम : हल्का व्यायाम करें और अधिक श्रम वाले कार्यों से बचें

6. लू से बचाते है पलाश पुष्प :  एक बाल्टी में लगभग 50 ग्राम पलाश पुष्प डालकर दोपहर मे धुप में छोड़ दे । लू लगने पर शाम को उस पानी से स्नान कर लेवे । 

7. मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ : ये शरीर की गर्मी को बढ़ाते हैं और पेट की समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।

8. गर्म पेय : चाय, कॉफी, और गर्म सूप जैसी चीजें शरीर के तापमान को और बढ़ा देती हैं।

9. शराब और कैफीन : शराब और कैफीन युक्त पेय पदार्थ, जैसे कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स, शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं और गर्मी बढ़ाते हैं।

10. भारी भोजन : भारी और मुश्किल से पचने वाले खाद्य पदार्थ, जैसे कि मिट, उड़द की दाल, बेसन मेदा से बने खाद्य पदार्थ खाने से बचें।

नौतपा के समय क्या करना चाहिए?

1. ठंडे पेय पदार्थ :

गर्मी के दौरान शरीर को ठंडक पहुँचाने के लिए ठंडे पेय पदार्थों का सेवन अत्यंत लाभकारी होता है। 

छाछ : जिसे मट्ठा भी कहा जाता है, पाचन को सुधारता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है। इसमें थोड़ा सा काला नमक और भुना जीरा मिलाकर सेवन करने से यह और भी फायदेमंद हो जाता है।

नारियल पानी : नारियल पानी प्राकृतिक इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर होता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है। यह डिहाइड्रेशन से बचाता है और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है।

कच्चे बेल का शरबत : बेल फल से बना शरबत शरीर की गर्मी को कम करता है और पाचन को सुधारता है। यह पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है।

खस का शरबत : खस की जड़ से बना शरबत शरीर को ठंडक प्रदान करता है और पाचन तंत्र को सुधारता है। यह गर्मी के प्रभाव को कम करता है और ताजगी प्रदान करता है।

2. हल्का सुपाच्य आहार :

गर्मी के समय में हल्का और सुपाच्य भोजन करना आवश्यक होता है। हल्का आहार न केवल पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है बल्कि शरीर को आवश्यक पोषण भी प्रदान करता है। कुछ प्रमुख लघु आहार निम्नलिखित हैं:

सलाद : ताजे सब्जियों का सलाद, जैसे कि तर ककड़ी, टमाटर, गाजर, और प्याज का सेवन करें। सलाद शरीर को ठंडक पहुँचाता है और विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है।

ताजे फल : मौसमी फलों का सेवन करें, जैसे कि तरबूज, खरबूजा, मतीरा, और आम के रस में गाय का घी व सोंठ का पाउडर चिरोंजी सेंगारी नमक मिला कर सेवन करे । ये फल शरीर को हाइड्रेटेड रखते हैं और आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं।

3. गुलकंद :

  • गुलकंद गुलाब की पत्तियों और चीनी का मिश्रण होता है, जो शरीर को ठंडक पहुँचाता है और पाचन को सुधारता है। इसके सेवन के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
  • गुलकंद का सेवन: रोजाना एक चम्मच गुलकंद का सेवन करें। यह शरीर की गर्मी को कम करता है और मस्तिष्क को शांत रखता है।
  • गुलकंद का शरबत: गुलकंद को पानी में मिलाकर शरबत बनाएं और ठंडा करके पिएं। यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और ताजगी प्रदान करता है।

घर पर बनायें ठंडाई 

सामग्री :

  1. - धनिया 1 चम्मच 
  2. - तरबुज के बीज – 1 चम्मच  
  3. - बादाम: 4 
  4. - खसखस: 1 चम्मच
  5. - सौंफ: 1 चम्मच
  6. - काली मिर्च: 4-5
  7. - इलायची: 2-3
  8. - गुलाब की पत्तियाँ: 1 चम्मच
  9. - दूध: 1 लीटर
  10. - मिश्री (धागे वाली) स्वादानुसार

विधि : ठंडाई बनाने के लिए, सबसे पहले सभी सामग्री को पानी में भिगोकर रातभर रखें। अगली सुबह, सभी सामग्री को पीसकर पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्ट को दूध में मिलाकर अच्छी तरह से छान लें। अंत में, मिश्री मिलाकर सेवन करें । 

घरेलु एवं आयुर्वेदिक उपाय

1. आम का पानक बचाता है लू से : कच्चे आम को गर्म करके ठंडा गिने पर रस निकालें और इसमें थोड़ा सा काला नमक, भुना जीरा पाउडर, और पुदीना मिलाएं। ठंडा करके पिएं।

2. इमली का पानक बचाता है लू से : इमली को पानी में भिगोकर उसका रस निकालें। इसमें मिश्री, काला नमक, और भुना जीरा पाउडर मिलाएं। ठंडा करके पिएं।

योग और प्राणायाम : इस समय प्रातः हलके शुक्ष्म व्यायाम एवं शीतली व शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास करें:

हल्के सूक्ष्म व्यायाम : प्रातः हल्के शारीरिक व्यायाम करें, जैसे कि वॉकिंग, स्ट्रेचिंग, और सामान्य योगासन। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और यह फिट रहता है।

शीतली प्राणायाम : शीतली प्राणायाम करने के लिए अपनी जीभ को गोलाई में मोड़ें और इसे बाहर निकालें।

जीभ के माध्यम से धीरे-धीरे सांस अंदर लें, जिससे शरीर को ठंडक मिलती है।

फिर नाक से सांस बाहर छोड़ें। इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं।

शीतकारी प्राणायाम : शीतकारी प्राणायाम करने के लिए अपने दांतों को बंद करें और होंठों को हल्का खोलें।

दांतों के बीच से धीरे-धीरे सांस अंदर लें, जिससे ठंडी हवा शरीर में प्रवेश करती है।

फिर नाक से सांस बाहर छोड़ें।

इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं।

इन योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करने से शरीर को ठंडक मिलती है और गर्मी के प्रभाव से बचाव होता है।

वैद्य शोभालाल औदीच्य :

वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्साधिकारी, बी.ए.एम.एस., एम.डी. आयुर्वेद, पीएच.डी. आयुर्वेद,

एमए (योग)  राजकीय आदर्श आयुर्वेद औषधालय

सिन्धी बाजार, उदयपुर

मो. +919414620938

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