दिल्ली
केरल के जाने-माने गीतकार, निर्देशक एलेप्पी रंगनाथ का कोरोना से निधन
Paliwalwaniनई दिल्ली : देश और केरल के जाने-माने गीतकार और निर्देशक एलेप्पी रंगनाथ का रविवार देर रात निधन हो गया. वह 73 वर्ष के थे. एलेप्पी रंगनाथ कोरोना की चपेट में आ गए थे और यहां के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोविड-19 का इलाज चल रहा था. रंगनाथ ने 42 नाटकों और 25 नृत्य नाटकों का निर्देशन किया. वह अलाप्पुझा वेजहप्रा कुंजुकुंजू भगवथर और गण भूषणम एमजी देवम्मल के छह बच्चों में सबसे बड़े थे. उन्होंने 19 साल की उम्र में कांजीरापल्ली पीपुल्स आर्ट्स क्लब के एक नाटक के लिए संगीत लिखा और संगीत तैयार किया था. रंगनाथ ने 1973 में आई फिल्म ‘जीसस’ के गीत होसन्ना के लिए पहली बार संगीत तैयार किया था. रंगनाथ ने हाल ही में बाइबिल के छंदों पर आधारित कर्नाटक संगीत में रचित 10 भक्ति गीत लिखे थे. उन्होंने भगवान अयप्पा के कई भक्ति गीत भी लिखे थे और इस वर्ष का हरिवारसनम पुरस्कार प्राप्त किया था. पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
1973 में मनोरंजन उद्योग में रखा कदम
एलेप्पी रंगनाथ ने 1973 में फिल्म जीसस के लिए संगीत निर्देशक के रूप में मनोरंजन उद्योग में कदम रखा. फिल्म का निर्देशन पी ए थॉमस ने किया था. उन्होंने फिल्म के लिए गागुलथा मलाकाले गीत तैयार किया. बाद में, उन्होंने 25 से अधिक फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया. उन्होंने ज्यादातर अपने गीतों के लिए प्रसिद्ध गायक के जे येसुदास के साथ सहयोग किया. अलेप्पी रंगनाथ अयप्पा के गीतों से प्रसिद्ध हुए, जो कन्नड़, तमिल और तेलुगु में बहुत हिट हुए.
पत्नी बी राजश्री शास्त्रीय रूप से प्रशिक्षित नर्तक
संगीतकार ने शास्त्रीय संगीत भी सीखा और भरतनाट्यम और उनकी पत्नी बी राजश्री शास्त्रीय रूप से प्रशिक्षित नर्तक हैं. संगीत रचना के अलावा, एलेप्पी रंगनाथ ने 42 से अधिक मंचीय नाटक लिखे. नाटक लेखन में उनके प्रमुख कार्यों में अयालते अम्मा, सहदरमिनी और अमृतसागरम शामिल हैं. पिछले हफ्ते ही, एलेप्पी रंगनाथ को मलयालम सिनेमा में उनके योगदान के लिए केरल सरकार द्वारा प्रतिष्ठित हरिवारसनम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.