उत्तर प्रदेश
मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाले के आरोपी बॉलीवुड अभिनेता आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े : दर्ज हुई FIR
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बॉलीवुड से ताल्लुक रखने वाले सेलिब्रिटी का नाम अब तक तो अफेयर और ड्रग्स मामलों में सुनने में आता था लेकिन अब नामचीन हस्तियों को ठगी का आरोपी बताया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के लखनऊ के गोमती नगर थाने में बॉलीवुड अभिनेता आलोक नाथ, श्रेयस तलपड़े और एक क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के 5 सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि 7 आरोपियों ने कथित तौर पर 45 निवेशकों से 9.12 करोड़ रुपये ठगे हैं.
मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाले के आरोपी आलोक नाथ और श्रेयस तलपड़े
जानकारी के लिए आपको बता दें कि दोनों बॉलीवुड अभिनेताओं और 11 अन्य लोगों पर हरियाणा के सोनीपत में भी इसी मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाले में मामला दर्ज किया गया था. मामला एक कोऑपरेटिव सोसाइटी से जुड़ा है, जो लाखों लोगों से करोड़ों रुपये इकट्ठा करने के बाद अचानक गायब हो गई. यह सोसाइटी पिछले 6 साल से लोगों से पैसा इकट्ठा कर रही थी, लेकिन जब लोगों ने अपना पैसा वापस मांगा तो इसके निदेशक फरार हो गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों अभिनेताओं ने इस सोसाइटी की निवेश योजनाओं (investment schemes) का प्रचार किया था, जबकि एक अन्य अभिनेता सोनू सूद भी इसके एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे.
सोसाइटी मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड
एफआईआर के अनुसार, ‘ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी’ नाम की इस संस्था ने 16 सितंबर 2016 को हरियाणा और लखनऊ समेत कई राज्यों में अपना कारोबार शुरू किया था. यह सोसाइटी मध्य प्रदेश के इंदौर में रजिस्टर्ड थी और मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट के तहत काम कर रही थी. इस सोसाइटी ने इनवेस्टर्स को फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) स्कीम में निवेश करने और आकर्षक ब्याज दरों का लालच दिया.
250 से ज्यादा शाखाएं थीं
इसके बाद, सोसाइटी ने मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) का मॉडल अपनाया और लोगों को बड़े-बड़े प्रलोभन देकर पैसे जुटाए. धीरे-धीरे, सोसाइटी ने खुद को एक विश्वसनीय वित्तीय संस्था के रूप में स्थापित किया और निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा.
50 लाख लोग इससे जुड़े : सोसाइटी से जुड़े एजेंट विपुल ने बताया कि उन्होंने 1,000 से ज्यादा खाते खोले थे, लेकिन इनमें से किसी भी खाते में अब तक पैसे नहीं आए हैं. इस सोसाइटी की पूरे प्रदेश में 250 से ज्यादा शाखाएं थीं और करीब 50 लाख लोग इससे जुड़े थे. विपुल ने बताया कि एजेंटों के जरिए घर-घर जाकर लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाता था। इस काम के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा सोसायटी ने होटलों में बड़े-बड़े आयोजन किए, जिसमें निवेशकों और एजेंटों को भरोसा दिलाया गया कि उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है.