Thursday, 07 August 2025

उत्तर प्रदेश

हाथरस रत्न पण्डित गोपाल शर्मा ने दी अन्तरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को दी बधाई

paliwalwani
हाथरस रत्न पण्डित गोपाल शर्मा ने दी अन्तरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को दी बधाई
हाथरस रत्न पण्डित गोपाल शर्मा ने दी अन्तरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को दी बधाई

हाथरस.

लखनऊ निवासी अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के यान की कैलीफोर्निया के तट पर सुरक्षित लैंडिंग देख उनके माता-पिता भावुक हो गए. माता-पिता ने कहा कि यह हमारे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है.

18 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन पर समय बिताने के बाद आज कैप्टन शुभांशु शुक्ला सकुशल धरती पर लौट आए. शुंभाशु शुक्ला और क्रू के अन्य सदस्यों को लेकर ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का कैप्सूल कैलिफोर्निया के समुद्र में उतरा. उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर समस्त देशवासियों में हर्ष कि लहर है, राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार सम्मानित हाथरस रत्न पण्डित गोपाल शर्मा प्रमुख युवा समाजसेवी ने शुभांशु शुक्ला को शुभकामनाएं दी.

अंतरिक्ष से लौटते ही शुभांशु शुक्ला ने पत्नी को लगाया गले, खूबसूरत दिखीं डॉक्टर वाइफ

अंतरिक्ष में 18 दिनों का ऐतिहासिक मिशन पूरा करने के बाद धरती पर लौट आए हैं. घर वापस लौटने के बाद जैसे ही उन्होंने अपने बेटे और पत्नी को गले लगाया. इससे जुड़ी कुछ तस्वीरें शुभांशु ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर की हैं, जो अब खूब वायरल हो रही हैं.

जब परिवार से मिले शुभांशु शुक्ला

बता दें कि अंतरिक्ष में जाने से पहले शुभांशु को करीब 2 महीने तक क्वारंटीन रहना पड़ा था. इस दौरान वे अपने परिवार से 8 मीटर दूरी से मिल पाते थे. ऐसे में जब इतने दिनों बाद उन्होंने पत्नी और बेटे को न सिर्फ देखा बल्कि गले भी लगाया, तो ये पल उनके लिए बहुत ही इमोशनल और खास बन गया.

इस बेहद खूबसूरत लम्हें से जुड़ी फीलिंग्स शेयर करते हुए शुभांशु ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'अंतरिक्ष की उड़ान अद्भुत होती है, लेकिन लंबे समय के बाद अपनों से मिलना भी उतना ही अद्भुत होता है. मुझे क्वारंटाइन में गए हुए दो महीने हो गए हैं.

उस वक्त मेरे बच्चे को बताया गया था कि उसके हाथों में कीटाणु हैं, इसलिए वो अपने पापा को नहीं छू सकता. जब भी वो मुझसे मिलने आता था, तो अपनी मां से पूछता था, 'क्या मैं हाथ धोकर पापा को टच कर लूं?' वो वक्त मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था. अब, इतने दिन बाद जब मैंने फिर से अपने परिवार को गले लगाया, तो महसूस हुआ कि मैं वाकई घर लौट आया हूं.'

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