उदयपुर

डॉ. ममता पानेरी के काव्य संग्रह “कविता की अनुगूॅंज’’ का विमोचन

Paliwalwani
डॉ. ममता पानेरी के काव्य संग्रह “कविता की अनुगूॅंज’’ का विमोचन
डॉ. ममता पानेरी के काव्य संग्रह “कविता की अनुगूॅंज’’ का विमोचन

“सन्नाटा“ कविता में डॉ. ममता ने भावों की सर्वोच्च अभिव्यक्ति-शिवकुमार शर्मा

उदयपुर :

लोकजन सेवा संस्थान उदयपुर के द्वारा राजस्थान साहित्य अकादमी के आर्थिक सहयोग से प्रकाशित डॉ. ममता पानेरी के काव्य संग्रह “कविता की अनुगूॅंज’’ का विमोचन समारोह आयोजित किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि औद्योगिक विवाद अधिकरण एवं श्रम न्यायालय उदयपुर के पीठासीन अधिकारी न्यायाधीश शिवकुमार शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा का कोई विकल्प नहीं होता. उन्होंने कहा कि “सन्नाटा“ कविता में डॉ. ममता ने भावों की सर्वोच्च अभिव्यक्ति की हैं.

मुख्य वक्ता के रूप में साहित्य जगत से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मंजु चतुर्वेदी ने कहा कि काव्य सृजन प्रथम दृष्टया तो स्वांतःसुखाय ही होता हैं, लेकिन क्योंकि रचनाकार भी समाज का ही हिस्सा होता हैं. इसलिए उसकी अनुभूति सब की अनुभूति से तारतम्य स्थापित करने में समर्थ होती है और डॉ. ममता की कविताओं में विषय वैविध्य इसी तारतम्य को स्थापित करने में सफल रहा हैं. मुख्य अतिथि डॉ. चंद्रकांता बंसल, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय लसाड़िया ने कहा कि डॉ. ममता का यह काव्य संग्रह सर्व वर्ग के लिए निसंदेह पठनीय हैं. 

इस अवसर पर समीक्षक डॉ. प्रीति भट्ट ने काव्य संग्रह की महत्वपूर्ण कविताओं पर सटीक टिप्पणी करते हुए कविताओं को काव्य के प्रतिमानों के निकष पर कसा. साथ ही कुछ कविताओं का पाठ भी किया. समीक्षक डॉ. राजेश शर्मा ने अपनी समीक्षकीय दृष्टि से काव्य संग्रह की कविताओं की तात्विक समीक्षा करते हुए डॉ. ममता की कविताओं के भावों का ’निराला’ व ’धूमिल’ की कविताओं से संबंध स्थापित किया.

विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल एन.के. सिंह ने कहा कि कोई भी रचनाकार जब रचनात्मक लेखन में प्रवृत्त होता हैं, तो वह उसके लिए जिन विषयों का चयन करता हैं, उसकी आवश्यकता क्यों हुई यह तथ्य विचारणीय हैं. उन्होंने बताया कि डॉ. ममता पानेरी ने “कविता की अनुगूॅंज’’ काव्य संग्रह में जिन विषयों को चुना चाहे वह स्त्रीवादी कविता हो चाहे वह कन्या भ्रूण हत्या पर आधारित हो वह वर्तमान समय में बहुत ही प्रासंगिक हैं.

“कविता की अनुगूॅंज“ पुस्तक की लेखिका डॉ. ममता पानेरी ने अपने काव्य संग्रह की कविताओं का सस्वर पाठ करते हुए उसके मर्म को स्पष्ट किया एवं देश में सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ाने, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने आदि के संबंध में लिखे गए गीत “बचाना होगा“ से जन समुदाय में जागृति लाने का आह्वान किया.

कार्यक्रम में पालीवाल समाज उदयपुर के मीडिया प्रभारी श्री महेश जोशी द्वारा पालीवाल समाज की ओर से डॉ. ममता पानेरी का अभिनंदन किया.संस्थान के अध्यक्ष प्रो. विमल शर्मा ने स्वागत उद्बोधन देते हुए डॉ ममता पानेरी की कविताओं को आमजन के दिलों को छूने वाली बताया. लोक जन संस्थान के संस्थापक संरक्षक श्री जयकिशन चौबे ने संस्थान की गतिविधियों के बारे में परिचय दिया. इस अवसर पर माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के कुलसचिव डॉ. धर्मेंद्र राजोरा, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मलय पानेरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन कृष्णकांत शर्मा ने किया. पालीवाल समाज के सर्वश्रेष्ठ समाजसेवी डॉ. सुरेन्द्र पालीवाल ने धन्यवाद की रस्म अदा करते हुए महिलाओं को इस क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील की. समारोह में साहित्य जगत से जुड़े काव्य प्रेमियों ने भागीदारी की.

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News