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House In Low price : देश के इस महानगर में मिल रहा है सबसे सस्ता मकान, मुंबई से आधे दाम में, कीमत जान होश खो देंगे आप

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House In Low price : देश के इस महानगर में मिल रहा है सबसे सस्ता मकान, मुंबई से आधे दाम में, कीमत जान होश खो देंगे आप
House In Low price : देश के इस महानगर में मिल रहा है सबसे सस्ता मकान, मुंबई से आधे दाम में, कीमत जान होश खो देंगे आप

पिछले दिनों ही रिजर्व बैंक (RBI) ने नीतिगत ब्याज दरों की घोषणा की। इसमें ब्याज दरों को यथावत रखा गया है। इससे आपके ईएमआई में तो कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। लेकिन कुछ महीने पहले ही रिजर्व बैंक (RBI) ने दो किस्तों में रेपो रेट (Repo Rate) में बढ़ोतरी की थी। इस वजह से होम लोन (Home Loan) का इंटरेस्ट रेट भी बढ़ा था। अब जबिक आरबीआई ने ब्याज दरों को पूर्ववत रखा है तो होम लोन के ब्याज दरों में कोई कमी भी नहीं हो रही है। हम आपको बता रहे हैं कि देश के किस शहर में सबसे सस्ता मकान मिल रहा है।

भले ही महंगाई आपको खूब सता रही है, लेकिन अभी भी देश में कुछ ऐसे शहर हैं, जहां मकान सस्ते मिल रहे हैं। इसका अंदाजा नाइट फ्रैंक इंडिया के अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2022 (Affordability Index) से मिलता है। नाइट फ्रैंक इंडिया (Knight Frank India) के सीएमडी शिशिर बैजल का कहना है कि यूं तो मकान की अफोर्डेबिलिटी (Affordability of Home) पिछले कुछ महीनों में घटी है, लेकिन मकान का मालिक बनने के लिये रूझान में सकारात्‍मक बदलाव हुआ है। इस कारण उन्हें मांग के प्रभावित होने की उम्‍मीद नहीं है, क्‍योंकि बाजार में छुपी हुई मांग इसे गति दे रही है।

क्या है अफोर्डिबिलिटी इंडेक्स

अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स एक औसत परिवार के लिये आय के अनुपात में ईएमआई (समान मासिक किस्त) को देखती है। मतलब कि उस परिवार की कुल आमदनी में मकान खरीदने के लिए लिए गए लोन की ईएमआई का हिस्सा कितना बैठता है। यदि होम लोन पर ब्याज दर कम रहेगा तो यह इंडेक्स कम रहेगा। यदि होम लोन पर ब्याज दर बढ़ता है तो यइ इंडेक्स चढ़ जाएगा। इसमें भारत के आठ प्रमुख शहरों में 2010 से लेकर 2021 तक स्‍थायी सुधार दिखा है, खासकर महामारी के दौरान, जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने रेपो रेट्स को दशक का सबसे कम कर दिया था।

बढ़ गया है ब्याज का बोझ

रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में लगातार दो बार बढ़ोतरी करने से होम लोन का ईएमआई बढ़ गया है। आरबीआई द्वारा अभी तक रेपो रेट में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की जा चुकी है। इससे विभिन्‍न बाजारों में मकान खरीदने की वहनीयता औसतन 2.5% घटी है। इस वजह से ईएमआई का बोझ 14.4% बढ़ा है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डाइरेक्टर शिशिर बैजल का कहना है कि होम लोन के रेट में 250 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़त के कारण पिछले दो महीनों में होम अफोर्डेबिलिटी बहुत ज्‍यादा घट गई है। हालांकि, रेट में बढ़ोतरी के बावजूद ज्‍यादातर बाजार अफोर्डेबल हैं। इसके साथ ही मकान का मालिक बनने के लिये रूझान में सकारात्‍मक बदलाव के कारण हमें मांग के प्रभावित होने की उम्‍मीद नहीं है, क्‍योंकि बाजार में छुपी हुई मांग इसे गति दे रही है।

देश में सबसे महंगा रियल इस्टेट बाजार है मुंबई

मुंबई अभी भी देश का सबसे महंगा आवास बाजार बना हुआ है। वहां मकान खरीदने का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 2010 के 93% से सुधर कर 2019 में 66% हुआ था। 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स बेहतर होकर 61% पर पहुंच गया और 2021 में और भी सुधरकर 53% हो गया। साल 2022 में यह 53% रहा जबकि साल 2023 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स अभी 55% पर है।

देश का दूसरा सबसे महंगा रियल इस्टेट बाजार हैदराबाद

हैदराबाद देश का दूसरा सबसे महंगा आवास बाजार है। वहां घर खरीदने का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स साल 2010 में 47% था, जो 2019 में सुधर कर 33% हुआ। 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स सुधर कर 31% हुआ और 2021 में और भी सुधर कर 29% हुआ। साल 2022 में यह सुधर कर 30% पर पहुंचा। साल 2023 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स अभी 31% पर है।

तीसरा सबसे महंगा बाजार दिल्ली एनसीआर

2022 की पहली छमाही में एनसीआर देश का तीसरा सबसे महंगा आवास बाजार है। शहर के अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स में साल दर साल उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। मकान खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 2010 के 53% से बेहतर होकर 2019 में 34% हुआ। 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 38% पर पहुँच गया था, लेकिन 2021 में सुधरकर 28% हुआ। साल 2022 में यह 29% हो गया जबकि साल 2023 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स अभी 30% पर है।

दिल्ली एनसीआर से सस्ता है बेंगलुरु

देश के महंगे आवास बाजारों के मामले में बेंगलुरु का नंबर एनसीआर के बाद आता है। इस तरह से यह भारत का चौथा सबसे महंगा शहर है। इस शहर के लिए मकान खरीदने का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स साल 2010 में 48% था, जो 2019 में सुधर कर 32% हुआ। 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 2020 में और भी बेहतर होकर 28% पर पहुंचा और 2021 में 26% रहा। 2022 में यह 27% पर था जबकि साल 2023 की पहली छमाही में अभी शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 28% पर है।

कहां मिल रहा है सबसे सस्ता है मकान

इस साल की पहली छमाही के लिए तैयार अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स 2022 के मुताबिक देश के टॉप आठ शहरों में अहमदाबाद सबसे किफायती हाउसिंग मार्केट है। अहमदाबाद साल 2019 से लगातार देश का सबसे किफायती शहर रहा है। घर खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 2010 के 46% से बेहतर होकर 2019 में 25% पर आया। 2020 की शुरूआत में महमारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स और भी सुधरकर 24% पर रहा और फिर 2021 में 20% पर आया। साल 2022 में यह 22% था और अभी 2023 की पहली छमाही में इस शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 23% पर है।

देश का दूसरा सबसे सस्ता हाउसिंग मार्केट है कोलकाता

कोलकाता देश का दूसरा सबसे अफोर्डेबल हाउसिंग मार्केट है। यहां मकान खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स साल 2010 में 45% पर था, जो 2019 में सुधरकर 32% हुआ। 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स और भी बेहतर होकर 30% पर पहुंचा और 2021 में 25% हुआ। साल 2022 में यह 22 फीसदी पर था। अभी 2023 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 26% पर है।

तीसरा सबसे सस्ता बाजार पुणे

अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स के अनुसार पुणे देश का तीसरा सबसे किफायती आवास बाजार है। पुणे के लिए मकान खरीदने में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 2010 के 39% से सुधरकर 2019 में 29% हुआ। 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स और भी बेहतर होकर 26% पर पहुंचा और 2021 में 24% हुआ। 2022 में यह 25% हुआ और साल 2023 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 26% पर है।

​देश का चौथा सबसे सस्ता बाजार है चेन्नई

अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स के अनुसार देश का तीसरा सबसे सबसे किफायती आवास बाजार चेन्नई है। चेन्नई के लिए मकान खरीदने का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 2010 के 51% से सुधरकर 2019 में 30% हुआ। 2020 की शुरूआत में महामारी के आने के साथ, 2020 में अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स और भी बेहतर होकर 26% पर पहुंचा और 2021 में 24% हुआ। साल 2021 में यह 24 फीसदी, 2022 में 27 फीसदी और अभी 2023 की पहली छमाही में शहर का अफोर्डेबिलिटी इंडेक्‍स 28% पर है।

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