रतलाम/जावरा
दलीय राजनीति से परे रहकर रतलाम को राजस्व संभाग एवं जावरा को जिले का दर्जा देने का उल्लेख संकल्प पत्र में शामिल करने की मांग फिर उठी
Paliwalwaniरतलाम : जन चेतना मंच के महामंत्री एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री जगदीश राठौर ने सभी राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि नगरीय निकाय के निर्वाचन में दलीय राजनीति से परे रहकर अपने चुनाव संकल्प पत्र में रतलाम को राजस्व संभाग एवं जावरा को जिले का दर्जा देने प्रस्ताव को प्रथम बिंदु में शामिल करेंगे तथा निर्वाचन के पश्चात नगर पालिक निगम, नगर पालिका एवं नगर परिषद में प्रथम पार्षद सम्मेलन में सर्व अनुमति से प्रथम प्रस्ताव पारित कर मध्यप्रदेश शासन को अग्रेषित करेंगे।
रतलाम को राजस्व संभाग बनाने से रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, मंदसौर एवं नीमच जिले के हजारों लोगों को आर्थिक लाभ होकर छोटे छोटे काम के लिए उज्जैन नहीं जाना पड़ेगा और सारे जरूरी कार्य का निष्पादन रतलाम में हो जाएगा। रतलाम को राजस्व का संभाग बनाने के लिए रतलाम नगर विधायक चेतन कश्यप एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने अनेक मर्तबा सार्वजनिक मंच से भाषण में उल्लेख किया है।
जावरा को जिला बनाने के लिए एक लंबे अरसे से जन चेतना मंच (गैर राजनीतिक संगठन) के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अनेक ज्ञापन देने के साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, जिसमें सभी राजनीतिक दलों, जिला पंचायत, जनपद पंचायत, सरपंच, पंच, विभिन्न धार्मिक संस्थाओं, सामाजिक संगठन, व्यापारिक संगठन, महिला संगठन, पार्षद, अभिभाषक एवं पत्रकार साथियों का उल्लेखनीय सहयोग मिला है। आर एस एस, बजरंग दल एवं विश्व हिंदू परिषद जावरा को करीब 10 वर्ष पूर्व जिला घोषित कर चुका है।
जावरा को जिला बनाने के लिए पूर्व कृषि मंत्री महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने सन 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। पूर्व सांसद डॉ लक्ष्मी नारायण पांडेय ने अपने संसदीय कार्यकाल में जन चेतना मंच की पहल का स्वागत करते हुए शासन को अवगत किया था। वर्तमान विधायक डॉ राजेंद्र पांडेय के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को 5 मर्तबा ज्ञापन दिया गए। पूर्व गृहमंत्री भारत सिंह, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन एवं आलोट के तत्कालीन विधायक जितेंद्र गहलोत ने भी जावरा को जिला बनाने के लिए अपने स्तर पर प्रयास किए हैं। मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ ने संबंधित मुद्दे पर शासन स्तर पर पहल की है। प्रशासनिक सूत्र बताते हैं कि मध्यप्रदेश में अनेक जिले जावरा से छोटे हैं लेकिन जावरा अपनी पदोन्नति से वंचित है। जावरा को जिला बनाने के लिए मुख्य सचिव स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी जावरा से प्रतिवेदन मांगा गया था तब तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी एम एल आर्य एवं (आईपीएस) राहुल नामदेव घोटे ने शासन को प्रेषित प्रतिवेदन में पॉजिटिव रिपोर्ट अग्रेषित की है। अब गेंद नवनिर्वाचित होने वाले महापौर, अध्यक्ष एवं पार्षदों के पाले में है।