राजसमन्द

तालेड़ी दिखाने लगी अपना असली रूप-पुरानी नदी पर बन गए हे शो रूम और रिहायशी कॉलोनीया

Suresh bhatt
तालेड़ी दिखाने लगी अपना असली रूप-पुरानी नदी पर बन गए हे शो रूम और रिहायशी कॉलोनीया
तालेड़ी दिखाने लगी अपना असली रूप-पुरानी नदी पर बन गए हे शो रूम और रिहायशी कॉलोनीया

 सुरेश भाट (न्यूज सर्विस)

राजसमंद।  एक समय शहर के बेहद नजदीक कल-कल की ध्वनि के साथ बहकर यहां के लोगों को कई खुशियां देने वाली तालेड़ी नदी आज यहां के कई लोगों के लिए मुसीबतों का जल लेकर बहती नजर आ रही है। इसके पेटा क्षेत्र में खड़ी इमारतों ने इसका रास्ता रोका तो इसके जवाब में अब यह भी अपना असली चेहरा दिखाने लगी है। नदी पेटे में मकान खड़े होने एवं इससे सटे भू-भाग का मूल स्वरूप बिगड़ जाने से यह हालात उत्पन्न हो रहे है हालाकि वर्षो बाद इस बार अच्छी बरसात होने से ऐसा हुआ है और ऐसा पहली बार हुआ है। ऐसे में यहां बसे लोगों को खुद की और अपने मकानों के भविष्य को लेकर चिंता सताने लगी है।
इस मानसून सत्र में वैसे तो काफी समय पहले से सम्पूर्ण क्षेत्र में अच्छी बारिश का दौर चल रहा है लेकिन बीते एक हफ्ते से हो रही तेज बारिश एवं इसके चलते तालेड़ी के जलागम वाले उपरी क्षेत्र से तालेड़ी में पानी की आवक अब शुरु हुई है।

मकानों व खेतों में गुस पानी तब जागा प्रशासन

तीन-चार दिन पहले इसके उद्गम क्षेत्र से पानी आगे बढ़ा था जो शुक्रवार को बहता हुआ शहर के पॉश इलाके के रूप में पहचाने जाने वाले महावीर नगर होता हुआ टीवीएस चौराहा तथा इसके बाद आगे के लिए चला। नदी का पानी तेज वेग से शहर की ओर बढ़ता रहा लेकिन बहाव का रास्ता नहीं मिलने से पानी ने आसपास के खेतों में अपना स्थान बना लिया। तब भी पानी का बहाव कम नहीं हुआ तो उसने अपने बहाव क्षेत्र में बने बड़े-बडे रिहायशी मकानों में प्रवेश कर लिया। कई घरों के साथ रास्तों में जल भराव होने पर यहां रहने वाले लोग चिंतित हो उठे।

प्रशासन और नगर परिषद जुटा पानी की निकासी में

कॉलोनीवासियों ने शिकायत की तो प्रशासन हरकत में आया तथा पानी निकासी के लिए जतन शुरू कर दिए। मौके पर पहुंचे उपखण्ड अधिकारी राजेन्द्रप्रसाद अग्रवाल, नगर परिषद आयुक्त ब्रजेश रॉय, तहसीलदार गजानंद जांगिड़, पटवारी सहित प्रशासन के अधिकारी पहुंचे और जल भराव क्षेत्र का जायजा लिया। पानी की निकासी के लिए महावीर नगर से टीवीएस चौराहे तक जेसीबी की मदद से रास्ते में फैले अतिक्रमण तथा मार्ग जमा भराव की मिट्टी को खोदकर पानी निकालने का रास्ता बनाया। तब जाकर लोगों को राहत मिली।

भू-माफियाओं की भेंट चढ़ी तालेड़ी

सूत्रों के मुताबिक रामेश्वर महादेव क्षेत्र में तालेड़ी नदी का उद्गम स्थल है जहां से यह पूर्व दिशा की ओर बहती है। सनवाड़, गुडा, गायरियावास, सुंदरचा, देवथड़ी सहित आसपास के क्षेत्रों का बरसाती पानी बहकर छोटे-छोटे नालों में बहता हुआ रामेश्वर महादेव के पास आकर इसमें मिलता है और इसे अपने में समेट कर यह नदी स्वरूप लेते हुए अपनी यात्रा आरम्भ करती है। यहां से आगे शहर में होते हुए इसका पानी भीलवाड़ा रोड़ स्थित बांडियानाला में पहुंचाती है जहां से बांडियानाला चलकर मोही के आसपास बनास नदी में मिल जाता है। जानकार तालेड़ी के नदी का स्वरूप लेने वाले उक्त स्थल के आसपास इसकी चौड़ाई करीब तीस-चालीस फीट बताते है परंतु वहां से जब यह कुछ आगे बढक़र जब शहर के महावीर नगर क्षेत्र में प्रवेश करती है तो इसकी हालत पतली हो जाती है। दरअसल इसके बहाव वाले भू-भाग पर मकान बनते जाने से आज हालत यह है कि यहां आते-आते इसकी चौड़ाई अब महज पांच-सात फीट ही रह जाती है। यही नहीं इसकी गहराई भी करीब तीन फीट रह गई है और यही कारण है कि आज यहां यह नदी नहीं बल्कि एक छोटे से नाले के रूप में दिखाई देती है जो चिंता का विषय है हालाकि राजस्व विभाग का कहना है कि महावीर नगर से पहले तक ही तालेड़ी नदी का बहाव क्षेत्र था।

परिषद व प्रशासन की रही मिलीभगत

कई समाजसेवी संगठनों व स्थानीय निवासियों ने तालेड़ी नदी के सीमांकन की मांग भी कई बार उठाई थी परंतु प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है और यह स्पष्ट तक नहीं है कि नदी कहां से कहां तक बहती थी और इसकी चौड़ाई-गइराई कितनी थी? सूत्रों का कहना है कि नगर परिषद व जिला प्रशासन की मिलीभगत से भू माफियाओं ने नदी पेटा क्षेत्र की जमीनों का भू-रूपांतरण करवा कर भूखण्ड काटे और बेच कर करोड़ों कमा लिए जबकि पानी की भारी आवक होने पर यहां रहने वाले लोगों की सम्भावित मुश्किलों की परवाह तक नहीं की जिसकी एक बानगी वर्तमान में देखी जा रही है। वर्ष 1973 के बाद अकाल और अल्प वृष्टि के दौर में यह नदी बरसाती नाले में बदल गई। फिर धीरे-धीरे इसके किनारे अतिक्रमण की गिरफ्त में आते गए। इसके साथ पेटा काश्त जमीन भी है। धीरे धीरे ड्रेनेज खत्म हो गया। जिन इलाकों से पानी आता था वह भी बंद हो गया। दो दशक से यह नदी लगभग सूखी ही है।

बीस साल बाद आया नदी में पानी

बनास की सहायक नदी तालेड़ी में 20 साल बाद इस बार पानी की आवक शुरू हुई है। ऐसे में नदी पेटे में भूखंड खरीद कर अथवा अतिक्रमण कर बनाए आवासीय मकानों में पानी भरने का खतरा मंडरा गया है। अपना स्वरूप खो चुकी तालेड़ी नदी पेटे तथा इसके दोनों किनारों पर बसे महावीर नगर, टीवीएस चौराहे सहित आसपास की कॉलोनियों में पानी भर गया है। तालेड़ी के बहाव क्षेत्र किशोरनगर श्मशान, महावीर नगर, टीवीएस चौराहा, पचास फीट रोड़, सज्जन नगर के सामने वाला भाग, नाकोड़ा नगर आदि क्षेत्रों में नदी के बहाव क्षेत्र में बड़ी संख्या में मकान बने हुई है। इनकी निर्माण स्वीकृति नगर परिषद ने दी तथा व भूमि-रूपांतरण उपखण्ड मजिस्टे्रट कार्यालय से किया गया। इन महकमों ने बहाव क्षेत्र की परवाह किए बिना ही तालेड़ी के बहाव वाले रास्ते को अवरूद्ध करने के मकसद से बड़े-बड़े आशियानों के निमार्ण की स्वीकृतियां बेहिचक जारी कर दी तथा मकान खड़े होते गए। नतीजन आज कई घर जलमग्न हो गए है तो कहीं खेतों में पानी जमा होने से फसलें खराब हो रही है।

1 तालेड़ी दिखाने लगी अपना असली रूप !
2 पुरानी नदी पर बन गए हे शो रूम और रिहायशी कॉलोनीया
3 नदी का रास्ता अवरूद्ध होने से मकानों- खेतों में भरा पानी
4 सालों बाद नदी में आए पानी ने बढ़ाई कई लोगों की चिंता 


आयुक्त से नहीं हो पाई बात

इस सबंध में नगर परिषद आयुक्त ब्रजेश रॉय से दूरभाष पर सम्पर्क करना चाहा लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया जिससे उनका कोई जवाब नहीं मिल पाया।
इनका कहना है . . .
-भूमि का रूपातंरण तहसीलदार की रिपोर्ट के आधार पर ही उपखण्ड कार्यालय से हाता है। नगर परिषद व तहसील कार्यालय ने इन क्षेत्रों को जल भराव क्षेत्र में नहीं माना है, तभी इस क्षेत्र में मकान निर्माण की स्वीकृतियां जारी की गई होगी।
राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल - उपखण्ड अधिकारी, राजसमंद
फोटो राज पीएच 1 व 2 राजसमंद। पानी निकासी के लिए रास्ता करती जेसीबी मशीन तथा पूर्ण वेग के साथ बहती तालेड़ी नदी। फोटो- सुरेश भाट

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