राजसमन्द
पुलिस में दर्ज एफआईआर पर किरण माहेश्वरी ने हाईकोर्ट की शरण में
suresh bhatराजसमंद। विधानसभा चुनाव के तहत राजसमंद विधायक के लिए प्रस्तुत नामांकन पत्र में हेराफेरी कर विधायक बनने के आरोप पर राजनगर थाने में दर्ज एफआईआर के विरुद्ध अब उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने हाईकोर्ट की शरण ली। मंत्री किरण माहेश्वरी ने जरिये एडवोकेट डॉ. सचिन आचार्य से राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की जिसकी सिंगल बैंच में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए आगामी आदेश तक मामले की कार्यवाही पर स्थगन आदेश दिया है। भाजपा मीडिया जिला प्रमुख व प्रवक्ता किशोर गुर्जर ने कहा उच्च न्यायालय का आया निर्णय लोकतंत्र की जीत है। और इस्तीफा मांगने वाली कांग्रेस पार्टी की नकारा राजनीति पर न्याय की जीत हुई है। इस मौके पर विरोधियों को नसीहत देते कहा वे व्यक्तिगत द्वैषता छोड़ क्षैत्र के विकास एवं जनता की सेवा मे भागीदार बने।
क्या हे मामला
राजनगर थाने में 170/2017 के तहत दर्ज प्रकरण के विरुद्ध उच्च शिक्षा मंत्री माहेश्वरी ने उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की है। उल्लेखनीय है कि इसे पूर्व जितेंद्र खटीक के परिवाद पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजसमंद द्वारा 4 मई को धारा 156 (3) के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए राजनगर थानेदार को निर्देश दिए थे। मगर 11 मई मंत्री माहेश्वरी व अतिरिक्त कलक्टर ब्रजमोहन बैरवा ने जरिये अधिवक्ता रामचंद्र देवपुरा के पुनरीक्षण याचिका जिला एवं सेशन न्यायालय में पेश कर दी। सुनवाई के बाद 27 मई को मंत्री व एडीएम के वकील देवपुरा ने पुनरीक्षण याचिका को नोट प्रेस (वापस उठाना) कर दिया। जिस पर न्यायालय ने पुनरीक्षण याचिका खारिज कर थी और नीचली अदालत के आदेशानुसार एफआईआर राजनगर थाने में दर्ज करने के आदेश दिए। जिसके बाद राजनगर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली और जांच के लिए सीआईडीसीबी उदयपुर को फाइल रेफर भी कर दी।
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