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कम समय में बनना है करोड़पति, तो आज ही शुरू करें काली मिर्च की खेती,जानिए खेती करने का बेहतरीन तरीका

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कम समय में बनना है करोड़पति, तो आज ही शुरू करें काली मिर्च की खेती,जानिए खेती करने का बेहतरीन तरीका
कम समय में बनना है करोड़पति, तो आज ही शुरू करें काली मिर्च की खेती,जानिए खेती करने का बेहतरीन तरीका

आज के समय में युवाओं के द्वारा खेती-बाड़ी के तरफ रुझान काफी ज्यादा बढ़ गया है. नौकरी के साथ-साथ युवा खेती करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं क्योंकि खेती से आजकल काफी ज्यादा मुनाफा होने लगा है. भारत में कई तरह की फसलों का उत्पादन किया जाता है जिसमें एक काली मिर्च इलायची और कई चीजें शामिल है. ऐसे में आजकल वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग किया जाने लगा है जिससे कि कम समय में काफी ज्यादा मुनाफा लोग कमा सकते हैं.

भारत में काली मिर्च का काफी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है. हर महीने भारत से विदेशों में ₹100000000 की काली मिर्च का निर्यात किया जाता है. काली मिर्च में कई तरह के औषधीय गुण भी होते हैं जिसके कारण यह काफी खास बन जाती है. भारत के कई पहाड़ी इलाके में काली मिर्च की खेती होती है और काली मिर्च के मुख्य रूप से खेती महाराष्ट्र त्रिवेंद्रपुरम केरल और कुछ पहाड़ी इलाकों जैसे असम में की जाती है.

काली मिर्च की खेती करके आप कम समय में काफी अधिक पैसे कमा सकते हैं. तो आइए जानते हैं काली मिर्च की खेती करने का सही तरीका.

कैसी हो काली मिर्च की खेती के लिए मिट्टी?

काली मिर्च की खेती के लिए लाल मिट्टी और लाल लेटेराइट मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है. काली मिर्च की खेती के लिए ऐसी मिट्टी की जरूरत पड़ती है जो अधिक से अधिक पानी को shok करें. इसके साथ ही साथ काली मिट्टी के लिए जरूरी है कि पीएच मान मिट्टी के 4.6 से 5 तक हो.

कैसे करें काली मिर्च के पौधों की रोपाई?

काली मिर्च का पौधा बीज और कलम दोनों ही तरीकों से लगाया जा सकता है। कलम लगाते समय इनके बीच उचित दूरी रखें। एक Hectre जमीन पर करीब 1666 पौधे लगाना उचित है। यह बेल की तरह बढ़ती है, इसलिए इसे 30 से 45 मीटर तक की ऊंचाई वाले पेड़ पर चढ़ाया जाता है.

काली मिर्च के अच्छे उत्पादन के लिए खाद और सिंचाई

अच्छी फसल के लिए कम्पोस्ट या गोबर की खाद के साथ ही नीम केक के मिश्रण को डालकर अच्छी तरह से मिट्टी में मिला दें। उसके बाद कलम लगाएं या बीज डालें। अम्लीय मिट्टी में हर साल प्रत्येक पौधे को 500 ग्राम चूना या डोलामाइट देना चाहिए। यह बारिश के मौसम से पहले अप्रैल या मई में दें। इसके अलावा 100 ग्राम पोटैशियम के साथ, 750 ग्राम मैग्नीशियम सल्फेट को भी भूमि में मिलाना चाहिए। काली मिर्च की खेती बारिश पर आधारित होती है। यदि बारिश कम हो तो काली मिर्च की खेती के लिए सिंचाई की आवश्यकता होती है।

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