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कोरोना ने चार हजार बच्चों के छीने माता-पिता, अब पढ़ाएगी सरकार
Paliwalwaniछत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना से माता-पिता को खोने वाले 3977 बच्चों की पढ़ाई के लिए चार करोड़ रुपए सप्लीमेंट्री बजट में मंजूर किया है। इन बच्चों ने निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने के लिए आवेदन किया है। अब इसे राज्य सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजे गए हैं। संकेत हैं कि स्वतंत्रता दिवस पर महतारी दुलार योजना के जरिए इन बच्चों के खाते में स्कॉलरशिप जमा करने का ऐलान करेगी।
कोरोना की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कोई जिला नहीं बचा जहां पति-पत्नी की मौत नहीं हुई हो। तुलनात्मक रूप से देखें तो बड़े बच्चों यानी नवमी से बारहवीं के 1625 बच्चे अनाथ हुए। जबकि मिडिल स्कूल के 10140 और प्राइमरी के 1312 बच्चों के माता-पिता नहीं रहे। ऐसे बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलाने कुछ संस्थाएं भी मदद कर रही हैं। जैसे बलौदाबाजार जिले में बाल कल्याण समिति ने करीब 65 बच्चों के दस्तावेज कंप्लीट करवाकर शासन को सौंपे हैं।
मृत्यु प्रमाणपत्र में कोरोना का उल्लेख होने होने की अनिवार्यता ने बच्चों की परेशानी बढ़ाई है। अब स्कूल खुल गए हैं और विद्यार्थियों को उत्सुकता है कि उनके एडमिशन व पढ़ाई को लेकर क्या हुआ है। बलौदाबाजार बाजार व रायपुर के कुछ बच्चों ने चाइल्ड हेल्प लाइन से भी शिकायतें की हैं। दरअसल यह माना जा रहा है कि योजना का ठीक से प्रसार नहीं करने की वजह से पालकों व बच्चों को दिक्कतें हो रहीं। डेथ सर्टिफिकेट में कोरोना अंकित न होने की वजह से कई बच्चे अब भी स्कूलों के चक्कर लगा रहे हैं।
आवेदन प्रक्रिया
बच्चों या पालकों को अपने माता-पिता के मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ आवेदन डीईओ करना होगा। इसमें माता-पिता के कोरोना पाजीटिव होने की रिपोर्ट, उनके आधार कार्ड की कापी, बच्चे व पालक के भी आधार कार्ड की कापी, माता-पिता की बैंक पास बुक, बच्चे के नाम एकाउंट की पास बुक जमा करानी होगी। इसी तरह परिवार के एक मात्र कमाऊ मुखिया की मृत्यु वाले पात्र बच्चों को भी अर्जी लगानी होगी। बैंक में बच्चों के एकाउंट न होने पर खुलवाने होंगे। ये आवेदन कलेक्टर को फिर शासन को मंजूरी के लिए।