जोधपुर

FRAUD : पेट्रोल में मिलाया जा रहा एथेनॉल, जो पानी बना तो गाड़ियों के इंजन सीज होने का खतरा

Paliwalwani
FRAUD : पेट्रोल में मिलाया जा रहा एथेनॉल, जो पानी बना तो गाड़ियों के इंजन सीज होने का खतरा
FRAUD : पेट्रोल में मिलाया जा रहा एथेनॉल, जो पानी बना तो गाड़ियों के इंजन सीज होने का खतरा

जोधपुर में पेट्रोल के पानी में बदल जाने का मामला सामने आया है। मामले की जांच में सामने आया कि पेट्रोल में एथेनॉल मिलाया जा रहा है। एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल थोड़े से पानी के संपर्क में आते ही अपनी संरचना बदल लेता है। पेट्रोल में मिला एथेनॉल पानी बन जाता है। भारत में एथेनॉल युक्त पेट्रोल की बिक्री तो शुरू कर दी गई है, लेकिन गाड़ियों के इंजन इसके लिए तैयार नहीं हैं। एथेनॉल के लिए खास फ्लेक्स फ्यूल इंजन की जरूरत होती है, जो यूएसए, ब्राजील, कनाडा में उपयोग में लिए जा रहे हैं। भारत में ऐसे इंजन नहीं आए हैं, जहां पेट्रोल 108 रुपए लीटर के ऊपर पहुंच चुका है। वहीं, एथेनॉल सिर्फ 60 रुपए लीटर आता है।

पेट्रोल से सस्ते एथेनॉल के इस्तेमाल से कीमत कम होनी चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं किया गया। केवल जयपुर या राजस्थान नहीं, देशभर में एथेनॉल युक्त पेट्रोल बेचा जा रहा है। ये आम ग्राहकों को पता तक नहीं है। पेट्रोल कंपनियां और पेट्रोल पंप संचालक ग्राहकों से पूरे दाम वसूल रहे हैं। फिलहाल पेट्रोल में 10 फीसदी एथेनॉल होता है, लेकिन ग्राहक को दी जाने वाली रसीद में इसका जिक्र नहीं है।

एथेनॉल के इस्तेमाल से ऑइल मार्केटिंग कंपनी OMC'S और इंडियन शुगर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) दोनों को बड़ा लाभ हो रहा है। आम ग्राहक को इससे पेट्रोल की दरों में कोई लाभ नहीं मिल रहा है। बल्कि गाड़ी के इंजन सीज होने की आशंका बढ़ गई है।

ये हुआ उजागर

  • 500 मिलीलीटर पेट्रोल में 50 मिलीलीटर पानी डाला गया
  • 80 से 100 मिलीलीटर पेट्रोल पानी बन गया
  • पानी के पेट्रोल में जाते ही एथेनॉल भी पानी में तब्दील हो गया। पानी की मात्रा बढ़ गई।

ग्राहकों को नुकसान

एथेनॉल की कीमत पेट्रोल से सस्ती है। पेट्रोल 108 रुपए लीटर और एथेनॉल 60 रुपए लीटर बिक रहा है। एथेनॉल की कम कीमत का ग्राहकों को लाभ नहीं मिल रहा। ग्राहकों को दी जाने वाली रसीद में एथेनॉल का जिक्र नहीं है। ऐसे में उपभोक्ता संरक्षण नियमों की भी अनदेखी हो रही है। ये पेट्रोल इंजन की सांसें फुला रहा है। बारिश में जरा सा पानी पेट्रोल टैंक में गया तो इंजन सीज होने का खतरा है।

यूएसए, ब्राजील, कनाडा देशों में ऑटोमोबाइल कंपनियां फ्लेक्स फ्यूल इंजन का प्रोडक्‍शन करती हैं। इन देशों में ग्राहकों को 100 फीसदी पेट्रोल या 100 फीसदी बायो एथेनॉल का विकल्प मुहैया करवाया जा रहा है। भारत में फ्लेक्स फ्यूल इंजन आने से पहले ही एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की बिक्री शुरू कर दी गई। 2014 में एथेनॉल 1 से 1.5 फीसदी तक पेट्रोल में मिलाया जाता था। फिर प्रति लीटर पेट्रोल में 8.5 फीसदी एथेनॉल ब्‍लेंडिंग होने लगी। वर्तमान में 10 फीसदी एथेनॉल पेट्रोल में मिलाया जा रहा है। 2025 तक 20 फीसदी एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य रखा गया है।

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