इंदौर
AIBE-16, 17 व 18 उत्तीर्ण करने वाले नवीन अभिभाषकों को नवीन अधिवक्ता कल्याण योजना-2012 के अन्तर्गत आज तक धनराशि नहीं मिली
sunil paliwal-Anil Bagora
वर्ष 2021 में आयोजित अखिल भारतीय बार परीक्षा AIBE : 15 और उसके बाद विगत चार वर्षों में सम्पन्न हुई
इन्दौर. अभिभाषक की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस/नामिनी को पांच लाख रुपए प्रदान करवाने, नवीन अभिभाषकों को अखिल भारतीय बार परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नवीन अधिवक्ता कल्याण योजना-2012 के अन्तर्गत 25000/-रूपये प्रदान करने और मध्यप्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने की मांग.
छह-साल और नौ-महीने से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी मध्यप्रदेश शासन द्वारा आज दिनांक तक पूर्व-मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की गई घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है. इन्दौर अभिभाषक संघ इन्दौर के पूर्व-अध्यक्ष गोपाल कचोलिया अभिभाषक ने मध्यप्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव जी से मांग की है कि मध्यप्रदेश सरकार अभिभाषकों की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस को पांच लाख रुपए प्रदान करवाने, नवीन अधिवक्तागणों को नवीन अधिवक्ता कल्याण योजना-2012 के अन्तर्गत 25000/- पच्चीस हजार रूपए प्रदान करने और अभिभाषकों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए जरूरी आवश्यक कार्रवाई शीघ्र अतिशीघ्र करें.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने 13/05/2018 को मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में घोषणा की थी कि अब मध्यप्रदेश के अधिवक्ता की मृत्यु के बाद उसके वारिस/ नामिनी को पांच लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे. नवीन अधिवक्ता गणों को अखिल भारतीय बार परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नवीन अधिवक्ता कल्याण योजना 2012 के अन्तर्गत 12000/- रूपए की धनराशि के बजाय 25000/- रूपए की धनराशि मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदान की जायेगी.
अभिभाषकों की सुरक्षा व संरक्षण हेतु एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र लागू किया जाएगा. अधिवक्ता की मृत्यु के बाद मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद, जबलपुर द्वारा ढ़ाई लाख रुपए और मध्यप्रदेश शासन द्वारा मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के अन्तर्गत ढ़ाई लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के अन्तर्गत दिवंगत अधिवक्ता के नामिनी / वारिस को एक लाख रुपए की बजाय ढ़ाई लाख रुपए मृत्यु दावा धनराशि के रूप में प्रदान किए जायेंगे. इसके लिए आवश्यक कार्यवाही शीघ्र की जायेगी. लेकिन आज लगभग छह साल नौ महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाये जाने के कारण मध्यप्रदेश शासन द्वारा मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के अन्तर्गत दिवंगत अधिवक्ता के वारिस/ नामिनी को आज भी केवल एक लाख रुपए की धनराशि मृत्यु दावा धनराशि के रूप में प्रदान की जा रही हैं, जो बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए बहुत कम है. इसलिए दिवंगत अधिवक्ता की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस/नामिनी को मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के अन्तर्गत एक लाख रुपए के बजाय ढ़ाई लाख रुपए प्रदान किए जाने की आवश्यकता है.
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री महोदय द्वारा वर्ष 2018 में की गई घोषणा के एक साल बाद से और मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद, जबलपुर के चुनाव के पूर्व वर्ष 2019 से मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद, जबलपुर ने अधिवक्ता की मृत्यु के पश्चात उसके नामिनी / वारिस को मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की ओर से एक लाख रुपए की बजाय ढ़ाई लाख रुपए प्रदान करना प्रारंभ कर दिया है, लेकिन मध्यप्रदेश शासन द्वारा आज भी केवल एक लाख रुपए प्रदान किए जा रहे हैं.
जबकि वर्ष 2018 में की गई घोषणाओं के अनुसार दिवंगत अधिवक्ता के वारिसों /नामिनी को ढ़ाई लाख रुपए-ढ़ाई लाख रुपए (250000/- रूपए ) प्रदान करना चाहिए थे. इसी प्रकार नवीन अधिवक्तागणों को भी नवीन अधिवक्ता कल्याण योजना- 2012 के अन्तर्गत केवल 12000/- रूपए की धनराशि प्रदान की जा रही है, जबकि घोषणा के अनुसार अब 12000/- रूपए के बजाय 25000/- रूपए की धनराशि स्वीकृत कर प्रदान की जानी चाहिए थी.
गौरतलब है कि अखिल भारतीय बार परीक्षा क्रमांक-14 उत्तीर्ण करने वाले अभिभाषकों को ही मात्र 12000/- रूपये की धनराशि प्राप्त हुई है. उसके बाद जनवरी वर्ष 2021 में आयोजित AIBE-15 और उसके बाद विगत चार वर्षों में सम्पन्न हुई, AIBE 16,17 व 18 परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभिभाषकों को भी आज तक कोई धनराशि नवीन अधिवक्ता कल्याण योजना-2012 के अन्तर्गत प्राप्त नही हुई है.
मध्यप्रदेश में अभिभाषकों की सुरक्षा व संरक्षण हेतु एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट भी आज तक लागू नहीं हुआ है. जबकि वकीलों पर बढ़ते हमलों की घटनाओं के मद्देनजर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र अतिशीघ्र लागू किए जाने की आवश्यकता है.
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के पडोसी राज्य राजस्थान में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो चुका है. अभिभाषकों द्वारा विगत छह साल से लगातार मध्यप्रदेश शासन का ध्यान उपरोक्त घोषणाओं की तरफ आकर्षित किये जाने के बाद भी आज दिनांक तक उपरोक्त घोषणाओं को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है.
गोपाल कचोलिया अभिभाषक ने मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव से मांग की है कि वर्ष 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री महोदय द्वारा की गई सभी घोषणाओं को शीघ्र अतिशीघ्र अमलीजामा पहनाया जाये. अधिवक्ता की मृत्यु के पश्चात उसके वारिस /नामिनी को मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के अन्तर्गत मध्यप्रदेश शासन द्वारा ढ़ाई लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा को तत्काल अमलीजामा पहनाया जाये. ताकि अधिवक्ता की मृत्यु के पश्चात उसके नामिनी/वारिस को पांच लाख रुपए की धनराशि मिल सकें.
जिसमें ढ़ाई लाख रुपए मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर द्वारा और ढ़ाई लाख रुपए मध्यप्रदेश शासन द्वारा मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के अन्तर्गत प्रदान किए जायें. नवीन अभिभाषकों को भी अखिल भारतीय बार परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 12000/- रूपए के बजाय 25000/- रूपए की धनराशि शीघ्र अतिशीघ्र प्रदान करवायी जाये. मध्यप्रदेश में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्र अतिशीघ्र लागू किया जाए.
गोपाल कचोलिया "अभिभाषक" M. 9827094681
पूर्वअध्यक्ष इन्दौरअभिभाषक संघ
35/3 मुराई मोहल्ला, छावनी, इन्दौर, मध्यप्रदेश, 452001