इंदौर

इंदौर जिला जेल की चारदीवारी में फटक नहीं पाया कोरोना

Sunil paliwal-Anil bagora
इंदौर जिला जेल की चारदीवारी में फटक नहीं पाया कोरोना
इंदौर जिला जेल की चारदीवारी में फटक नहीं पाया कोरोना

इंदौर । (डॉ. अर्पण जैन ’अविचल’ की नजर में...) जहाँ देश, प्रदेश और शहर की जेलों में कोरोना ने अपने पैर पसार लिए हैं वहीं इंदौर की जिला जेल अफ़सरों की सूझबूझ से इस आफ़त से अबतक बची हुई है। जिला जेल में सौ महिला क़ैदियों सहित क्षमता से अधिक एक हज़ार क़ैदी हैं, लेकिन सभी सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए इस बीमारी से बचे हुए हैं।

●  एकमात्र कोरोना पॉज़िटिव 

पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाज़ी के मामले में गिरफ़्तार मुजरिम सद्दाम एकमात्र कोरोना पॉज़िटिव निकला। जेल में आने के बाद संदिग्ध पाए जाने पर सद्दाम को तत्काल कोविड अस्पताल में भेज दिया गया, जहाँ से वो स्वस्थ होकर पाँच दिन पूर्व ही जेल लौटा है। नियमों के अनुसार सद्दाम को जेल में कोरन्टाईन कर रखा है। जिला जेल के चिकित्सक डॉ. रणजीत सिंह बोध और दो मेल नर्स सभी क़ैदियों के स्वास्थ्य पर नज़र रखते हैं।

●  खुली जेल में ठहरा है स्टॉफ़ 

जिला जेल परिसर में पिछले दिनों एक खुली जेल बनाई गई थी। इस खुली जेल में लगभग 10 वर्ष से अधिक सज़ा काट चुके क़ैदियों को रखा जाता है, लेकिन कोरोना में विशेष छूट के चलते इस खुली जेल में रहने वाले 12 क़ैदियों को 90 दिन की पैरोल पर भेज दिया गया है। ये क़ैदी यहाँ पर विशेष सुविधाओं के अंतर्गत सपरिवार रहते थे। अब खुली जेल के सभी कमरों में जेल स्टाफ़ को ठहरा दिया गया है। कोरोना के चलते यह स्टॉफ़ घर नहीं जा पा रहा है। इस समय जेल में वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा लगभग 50 कर्मचारियों का स्टॉफ़ है।

●  हर दूसरे दिन हो रही वीसी

मध्य प्रदेश में 130 सेंट्रल, जिला और उपजेल हैं। इंदौर की जिला जेल प्रदेश की सबसे बड़ी जिला जेल है, जो अनेक जिलों की सेंट्रल जेलों से बड़ी है जहाँ अमूमन हज़ार क़ैदी एक समय में रहते हैं। प्रदेश के जेल महानिरीक्षक संजय चौधरी प्रत्येक दो दिनों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जेलों की व्यवस्था और संक्रमण रोकने के इंतज़ामों की चर्चा करते हैं।

●  विशेष बैरक बनाएँ...

जिला जेल के बैरक क्रमांक 3/2 को कोरोना संदिग्धों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। आमतौर पर खुले रहने वाले बैरक में आठ बाय आठ के अनेक कैबिन बना दिए गए हैं। मामूली रूप से अस्वस्थ दिखने वाले क़ैदियों को भी इन कैबिन में रखा जा रहा है।

●  अंदर-बाहर का स्टॉफ़ अलग-अलग 

कोरोना संक्रमण नहीं फैले इस लिहाज़ से जिला जेल के स्टाफ़ को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया गया है। जेल के भीतर ड्यूटी करने वाले स्टॉफ़ को बाहर परिसर या अन्य कार्यों की ड्यूटी नहीं दी जाती, इसी तरह बाहर के स्टॉफ़ को जेल के भीतर नहीं जाने दिया जाता। स्टॉफ़ को पीपीई किट, हाथों के लिए दस्ताने और कैप दिए जा रहे हैं।

●  छाया रहता है सन्नाटा...

आमतौर पर जेल में सिर्फ़ रविवार के दिन मेल-मुलाकात का दौर बन्द रहने की वजह से सन्नाटा छाया रहता है, लेकिन पिछले दिनों जेल मुख्यालय द्वारा मेल-मुलाकात पर 31 मई तक रोक की वजह से रोज़ाना ही सन्नाटा पसरा रहता है। क़ैदियों को दूसरी बैरकों में जाने की इजाज़त भी नहीं है। जेल के मध्य इलाके में स्थित फ़ोन सेवा को भी विकेन्द्रीकृत करते हुए सभी बैरक में कर दिया गया। 7 फ़ोनों के माध्यम से क़ैदीयों को अपने परिजनों से बात करने की सुविधा है।

●  हैंडवॉश की सुविधा...

जिला जेल के सभी मुख्य पॉइंट्स पर हैंडवॉश के लिए सेनेटाइज़र रखे गए हैं। क़ैदियों को भी पर्याप्त मात्रा में साबुन उपलब्ध करवाएँ गए हैं और प्रत्येक बंदी को मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। कुछ एनजीओ ने क़ैदियों के लिए मास्क भी उपलब्ध करवाएँ हैं। जेल के सभी प्रमुख बैरकों एवं अन्य स्थानों को रोज़ाना सेनेटाइज़ किया जाता है। यह सिलसिला पिछले डेढ़ माह से चल रहा है। अभी तक दो मर्तबा सभी क़ैदियों की टेम्परेचर स्क्रीनिंग भी की जा चुकी है। 

●  अस्पताल बैरक में तब्दील

जिला जेल परिसर आज़ाद नगर में स्थित अस्पताल को बैरक में तब्दील कर दिया गया है। जिला जैल में इन दिनों क्षमता से अधिक क़ैदी बंद हैं। जेल के लायब्रेरी वाले हिस्से में अस्पताल को स्थानांतरित कर दिया है।

●  बन्दियों की काउंसलिंग

जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी और जेलर के.के. कुलश्रेष्ठ क़ैदियों की काउंसलिंग भी करते हैं। प्रदेश की कुछ जेलों में कोरोना संक्रमण फैलने की वजह से यहाँ के क़ैदियों के मन में भी भय व्याप्त रहता है। जेल अधिकारी इन्हें समझाते हैं कि सतर्कता में ही सुरक्षा है। पिछले दिनों जिला जेल में की गई बेहतर व्यवस्थाओं के चलते सभी क़ैदियों ने तालियाँ बजा कर जेल स्टॉफ़ का अभिनंदन किया था। क़ैदियों को विश्व स्वास्थ्य संगठन और जेल मुख्यालय की गाइडलाइन से भी अवगत करवाया जाता है।

●  कर्त्तव्य परायणता के चर्चे

जिला जेल के दो प्रमुख अफ़सरों के जज़्बे की चर्चा पूरे जेल महकमे में है। जिला जेल अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी का विवाह कुछ माह पूर्व ही हुआ है, उसके बावजूद वे पूरे समय जेल में ही रहती हैं। इसी तरह जेलर के.के. कुलश्रेष्ठ ने अपने पिता के निधन के तीसरे ही दिन ड्यूटी जॉइन करके कर्त्तव्य को प्रमुखता दी है। जेल का अन्य स्टॉफ़ भी बग़ैर अवकाश के कार्य कर रहा है।

इंदौर की जिला जेल चारदीवारी में फटक नहीं पाया कोरोना

● पालीवाल वाणी ब्यूरो-Sunil Paliwal, Anil Bagora...✍️

? Whatsapp पर हमारी खबरें पाने के लिए हमारे मोबाइल नंबर 9039752406 को सेव करके हमें व्हाट्सएप पर Update paliwalwani news लिखकर भेजें...09977952406-09827052406-Whatsapp no- 09039752406

● एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...

● नई सोच... नई शुरूआत... पालीवाल वाणी के साथ...

!! कोरोना से डरे नहीं...डटकर मुकाबला कीजिए...जीत हर कदम...देशवासियों की होगी...!!

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News