जयपुर
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद की साधारण सभा संपन्न : इलेक्ट्रोपैथी के दुष्प्रचार का किया कड़ा खंडन
paliwalwani
217 इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा शिविर और राष्ट्रीय सेमिनार की तैयारी
DR R B GUPTA
जयपुर. राजस्थान: इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद, राजस्थान की दो दिवसीय साधारण सभा का हाल ही में सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में जहां परिषद के आगामी कार्यक्रमों और विस्तार की रूपरेखा तय की गई.
वहीं राज्य सरकार द्वारा नवगठित इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड को लेकर कुछ आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथिक संस्थाओं द्वारा फैलाए जा रहे "निराधार और द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार" का भी कड़ा खंडन किया गया। सभा में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा पद्धतियों के बीच समन्वय और सहयोग पर ज़ोर दिया गया।
भविष्य की कार्ययोजना : सेमिनार और 217 चिकित्सा शिविर
साधारण सभा में लिए गए प्रमुख निर्णयों में से एक वर्ष 2026 में जयपुर में इलेक्ट्रोपैथी राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन है। यह सेमिनार विशेष रूप से इलेक्ट्रोपैथी अनुसंधान और पशु चिकित्सा में इलेक्ट्रोपैथी दवाओं के महत्व पर केंद्रित होगा, जो इस पद्धति के बहुआयामी उपयोग को रेखांकित करेगा।
परिषद ने राज्यभर में जनसेवा के अपने संकल्प को दोहराते हुए घोषणा की कि इस वर्ष फिर से समाज के सहयोग से 217 इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों की व्यापक तैयारी के लिए जयपुर में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए, और अगस्त में जयपुर में होने वाले अभिनंदन कार्यक्रम में इनकी विस्तृत रूपरेखा रखी जाएगी।
विगत शिविरों की सफलता : एक प्रेरणादायक यात्रा
बैठक में राजस्थान के सभी जिलों से आए जिला सचिवों ने मैटी जयंती पर आयोजित पिछले चिकित्सा शिविरों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन शिविरों को समाज और सेवाभावी संस्थाओं का उत्साहवर्धक सहयोग मिला। इसी सहयोग के परिणामस्वरूप, राज्य के 20 जिलों में 102 इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा शिविर लगाए गए, जिनमें कुल 17,342 रोगियों को देखा गया। इन शिविरों में 78 स्वयंसेवी संस्थाओं ने आर्थिक सहयोग प्रदान किया, जबकि 4,000 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं और 186 इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों ने अपनी निस्वार्थ सेवाएँ दीं, जिससे ये आयोजन सफल रहे। राजस्थान के उपमुख्यमंत्री, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री, अनेक विधायक गण और स्वास्थ्य अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने इन शिविरों का उद्घाटन कर इस जनसेवा अभियान को अपना समर्थन दिया।
परिषद का दृढ़ संकल्प : समन्वय और विकास पर जोर
परिषद ने अपनी साधारण सभा में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया, जिसमें इलेक्ट्रोपैथी पर अन्य चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सकों द्वारा हो रहे "दुर्भावनापूर्ण आक्रमण" और राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड के गठन को लेकर फैलाए जा रहे "तथ्यहीन एवं दुर्भावना से युक्त अनर्गल वक्तव्यों" की कड़ी आलोचना एवं निंदा की गई।
परिषद ने इस बात पर जोर दिया कि विज्ञान का अर्थ ही नवीन ज्ञान है और हमारा देश हमेशा से लोक कल्याण के लिए नए विचारों को स्वीकार करने वाला रहा है, जैसा कि हमारे ऋषि-मुनियों का "आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः" (हमें सभी दिशाओं से शुभ विचार प्राप्त हों) का मंत्र दर्शाता है।
नई चिकित्सा पद्धति को जनता के हित में विकसित करने के लिए आभार व्यक्त
प्रस्ताव में यह भी रेखांकित किया गया कि इलेक्ट्रोपैथी पद्धति, जो भारत में आठ दशक से प्रचलित है, पर राजस्थान सरकार ने पिछले तीन दशकों से गहन अध्ययन किया है। विभिन्न समितियों की अनुशंसा और विधानसभा में व्यापक विचार-विमर्श के बाद ही 2018 में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति अधिनियम लाया गया और अब बोर्ड का गठन हुआ है। परिषद ने राजस्थान सरकार द्वारा इस नई चिकित्सा पद्धति को जनता के हित में विकसित करने के लिए किए गए प्रयासों, संकल्पों और आवंटित बजट के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया।
परिषद ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के बीच समन्वय और सहयोग होना चाहिए, ताकि नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा सकें। परिषद ने जनता से आह्वान किया कि वे इलेक्ट्रोपैथी के संबंध में फैलाई जा रही "तथ्यहीन बातों" से सावधान रहें और अपनी रोगमुक्ति के लिए किसी भी उपयुक्त चिकित्सा पद्धति का उपयोग करें।
नवगठित कार्यकारिणी और जन-जागरूकता का प्रयास
साधारण सभा के दौरान परिषद के चुनाव भी संपन्न हुए, जिसमें अध्यक्ष- हेमंत सेठिया, उपाध्यक्ष- देवराज पुरोहित और लुणेश मालवीय, सचिव- गोविंदलाल सैनी, सह सचिव- कुलदीप कुमार , कोषाध्यक्ष- संजय शर्मा निर्वाचित हुए। विनय सिंह चौहान, हरि सिंह बुमरा, श्याम सुंदर पाटोदिया, नवनीत त्रिवेदी, नंदकिशोर कुमावत, शादाब अहमद, सुरेश जांगिड़ और रमेश सैनी को कार्यकारिणी सदस्य चुना गया। परिषद की सदस्य संख्या बढ़ने के आधार पर जिलों का भी विस्तार किया गया है। इलेक्ट्रोपैथी की विशेषताओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रोपैथी स्वास्थ्य संवाद आयोजित करने की व्यापक योजना बनाई गई है।
योग और पौधारोपण : स्वास्थ्य और प्रकृति का संगम
बैठक के अतिरिक्त, इस आयोजन के दौरान 5 जुलाई को विश्वकर्मा रीक्रिएशन क्लब के प्रांगण में हरियालो राजस्थान पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इससे पहले, एक योग कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें सभी इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जो उनके समग्र स्वास्थ्य दृष्टिकोण को दर्शाता है।
पौधारोपण कार्यक्रम में नवग्रह वाटिका एवं औषधि श्रेणी के 51 पौधों को लगाया गया। पर्यावरण प्रेमी श्रीमान विजेंद्र अरोड़ा ने पौधे उपलब्ध कराए, जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण गतिविधि के श्रीमान अशोक शर्मा और अन्य कार्यकर्ताओं ने वृक्षों का विधिवत पूजन करवा कर उनके महत्व पर प्रकाश डाला, जिससे यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
यह आयोजन इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद के स्वास्थ्य सेवा के प्रति अटूट समर्पण, प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिए उनके दृढ़ संकल्प और समाज के विभिन्न वर्गों को साथ लेकर चलने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।