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यूक्रेन के इस इलाके में बुरी तरह घिरी रूसी सेना : मंडरा रहा मौत का संकट
Paliwalwaniयूक्रेन : रूसी राष्ट्रपति पुतिन द्वारा यूक्रेन के कई इलाकों पर कब्जा किए जाने के बाद से यूक्रेनी सेना आक्रामक रुख अपना रही है। युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेनी बलों ने देश के दक्षिण में अपनी सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। सोमवार को यूक्रेनी सेना ने रूसी डिफेंस लाइन को भेदते हुए नीप्रो नदी के किनारे तेजी से बढ़त हासिल की है। यूक्रेनी सेना की इस बढ़त से हजारों रूसी जवानों पर भूख से और हथियारों की कमी से मरने का संकट मंडरा रहा है। दरअसल यूक्रेनी सेना ने जिस नीप्रो नदी के किनारे बढ़त हासिल की है उसी रास्ते से रूसी सैनिकों के लिए सप्लाई आती है। अब रूसी सैनिकों पर सप्लाई का संकट मंडराने लगा है।
रास्ते में कई गांवों पर कब्जा कर लिया
यूक्रेन ने भले ही अपनी बढ़त की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की, लेकिन रूसी सूत्रों ने स्वीकार किया कि एक यूक्रेनी टैंक नदी के पश्चिमी तट के साथ दर्जनों किलोमीटर आगे बढ़ गया है। उन्होंने रास्ते में कई गांवों पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेनी सेना के लिए यह एक नई सफलता है। इससे पहले उसने देश के पूर्वी हिस्सों में भी कई जगहों से रूसी सेना को खदेड़ने का दावा किया था। पुतिन द्वारा यूक्रेन के चार हिस्सों के रूस में विलय को मंजूरी देने के साथ ही युद्ध के खतरनाक स्तर पर पहुंचने की आशंका बढ़ गई है। पुतिन ने परमाणु युद्ध तक की धमकी दी है। इससे यूक्रेन भी नाटो की सदस्यता की प्रक्रिया को तेज करने का औपचारिक आवेदन करने को प्रोत्साहित हुआ है।
कई बस्तियों पर यूक्रेनी बलों का कब्जा
रूस ने यूक्रेन के खेरसॉन प्रांत के कई इलाकों को अपने कब्जे में लिया हुआ है। रूस ने इस इलाके में व्लादिमीर साल्डो नाम के एक नेता को प्रमुख के तौर पर घोषित किया हुआ है। व्लादिमीर साल्डो ने रूसी सरकारी टेलीविजन को बताया जानकारी यह है कि स्थिति बेहद तनावपूर्ण है। सीधे शब्दों में कहूं तो हां, उन्हें (यूक्रेन) असल में में सफलताएं मिलीं हैं। एक बस्ती है जिसे दुडचानी कहा जाता है। यब ठीक नीप्रो नदी के किनारे है। यही वह क्षेत्र है जहां उन्हें एक सफलता मिली है। ऐसी बस्तियां हैं जिन पर यूक्रेनी बलों का कब्जा है।