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म्यांमार : 50 साल में पहली बार फांसी- पूर्व सांसद सहित चार को लटकाया, नहीं सुनी दुनिया भर की अपील

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म्यांमार : 50 साल में पहली बार फांसी- पूर्व सांसद सहित चार को लटकाया, नहीं सुनी दुनिया भर की अपील
म्यांमार : 50 साल में पहली बार फांसी- पूर्व सांसद सहित चार को लटकाया, नहीं सुनी दुनिया भर की अपील

म्यांमार में पिछले 50 साल में पहली बार किसी को फांसी दी गई है। सरकार ने सोमवार को बताया कि नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के पूर्व सांसद, एक लोकतंत्र समर्थक और दो अन्य लोगों को फांसी दी गई है। म्यांमार में पिछले वर्ष सेना ने कब्जा जमा लिया था और इसके बाद हिंसा हुई थी। सरकार ने हिंसा मामले में फांसी दी है। हालांकि फांसी कब दी गई, इसका सही समय नहीं बताया गया है।

फांसी में मारे गए लोगों में आंग सान सू की पार्टी के एक रैपर और पूर्व सांसद फ्यो ज़ेया थाव और प्रमुख लोकतंत्र कार्यकर्ता क्याव मिन यू शामिल थे। इन दोनों पर आतंकी कृत्यों की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था और जनवरी में बंद परीक्षणों में मौत की सजा सुनाई गई थी। एजेंस फ्रांस-प्रेसे के अनुसार दो अन्य व्यक्तियों (हला मायो आंग और आंग थुरा जॉ) पर एक महिला की हत्या करने का आरोप लगाया गया था। दोनों व्यक्तियों को संदेह था कि महिला यांगून में एक सैन्य मुखबिर थी।

मीडिया हाउस एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार फांसी में मारे गए पूर्व सांसद की पत्नी ने दावा किया कि फांसी देने से पहले उन्हें सूचित नहीं किया गया और वह खुद इसकी पुष्टि के लिए कोशिश कर रही हैं। बता दें कि पूर्व सांसद फ्यो ज़ेया थाव को इससे पहले भी 2008 में पूर्व की सैन्य सरकार के शासन के दौरान विदेशी मुद्रा रखने और अवैध संबंध रखने के आरोप में जेल भेजा जा चुका है।

संक्युक राष्ट्र विशेषज्ञों और दुनियाभर के कई देशों ने इन चारों कैदियों के प्रति म्यांमार सरकार से दया दिखाने और माफ़ करने का अनुरोध किया था। लेकिन म्यांमार की सरकार ने दुनिया के किसी देश की एक ना सुनी। सरकार ने कहा कि चारों कैदियों को कानूनी प्रक्रिया के अनुसार फांसी दी गई है, क्योंकि यह लोग आतंकी गतिविधियों के तहत हत्या के कृत्य और अन्य गलत कामों में शामिल थे।

एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) के अध्यक्ष और कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन सेन ने जून में एक पत्र में जुंटा नेता मिन आंग हलिंग को फांसी नहीं देने की अपील की, जिससे म्यांमार के पड़ोसियों में गहरी चिंता व्यक्त की गई थी।

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