Friday, 13 June 2025

दिल्ली

CBSE का बड़ा फैसला : शिक्षकों के लिए 50 घंटे का वार्षिक प्रशिक्षण अनिवार्य

paliwalwani
CBSE का बड़ा फैसला : शिक्षकों के लिए 50 घंटे का वार्षिक प्रशिक्षण अनिवार्य
CBSE का बड़ा फैसला : शिक्षकों के लिए 50 घंटे का वार्षिक प्रशिक्षण अनिवार्य

नई दिल्ली. गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और बेहतर छात्र परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) में बड़ा कदम उठाया है। अनिवार्य प्रशिक्षण ढांचे और वार्षिक प्रशिक्षण थीम ‘STEM एजुकेशन” की घोषणा की है।

इसका उद्देश्य शिक्षकों को कक्षा अभ्यास में अनुभावत्मक, जांच आधारित और अंतःविषय दृष्टिकोण को एकत्रित करने की रणनीतियों के साथ सशक्त बनाना है। यह कदम सीबीएसई ने नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत उठाया है। इस संबंध में 17 अप्रैल 2025 को ऑफिशियल वेबसाइट www.cbse.gov.in पर एक नोटिस भी जारी किया है।

CBSE ने सभी संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों के लिए हर साल कम से कम 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य

वार्षिक सतत व्यवसायिक विकास (सीपीडी) अधिदेश के भाग के रूप में सीबीएसई ने सभी संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों के लिए हर साल कम से कम 50 घंटे की ट्रेनिंग अनिवार्य कर दी है। इसमें 25 घंटे सीबीएसई या सरकारी क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से होंगे। वहीं 25 घंटे इन-हाउस या स्कूल परिसर आधारित होंगे। ट्रेनिंग एनपीएसटी द्वारा तय किए गए मानकों पर केंद्रित होंगे- मूल मूल्य और नैतिकता- 12 घंटे,  ज्ञान और अभ्यास-24 घंटे और व्यावसायिक विकास और प्रगति- 14 घंटे।

ट्रेनिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें : सीबीएसई द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक प्रशिक्षण संरचना एनपीएसटी बेंचमार्क के साथ शिक्षकों के संरेखण का समर्थन करते हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और बेहतर छात्र परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए इसे डिजाइन किया गया है। ट्रेनिंग के दौरान एनसीईआरटी द्वारा सुझाए गए व्यापक सीपीडी निर्देशों को भी ध्यान में रखा जाएगा। 

शिक्षकों को कक्षा दसवीं या 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए शिक्षकों द्वारा किए गए मूल्यांकन कर्तव्य, व्यावहारिक परीक्षक का कर्तव्य, अन्य विकासात्मक कार्यों के बारे में बताया जाएगा।

बोर्ड की परीक्षण यूनिट ने 1 अप्रैल 2025 स्कूलों के प्रमुख और शिक्षकों को दो अधिसूचनाएं जारी की थी। इसमें व्यवसायिक विकास ढांचे की जानकारी दी गई है। सीबीएसई ने अब सभी सम्बद्ध स्कूलों को अधिसूचनाओं में दिए गए दिशानिर्देशों का अनुपालन करने का निर्देश दिया है। 

साथ ही इस पहल का समर्थन करने के लिए एनटीईएम शिक्षा पर जिला स्तरीय विचार विमर्श आयोजित करने का आग्रह भी किया है। ताकि स्थानीय शिक्षक समुदाय बन सके, जहां शिक्षक एसटीईएम शिक्षाशास्त्र को सहयोगात्मक रूप से विचार-विमर्श कर पाए।

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