स्वास्थ्य

प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा को प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में हो रहा डिस्कंफर्ट, महिलाएं कैसे बच सकती हैं ऐसी समस्या से : डॉ. चंचल शर्मा

डॉ. चंचल शर्मा
प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा को प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में हो रहा डिस्कंफर्ट, महिलाएं कैसे बच सकती हैं ऐसी समस्या से : डॉ. चंचल शर्मा
प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा को प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में हो रहा डिस्कंफर्ट, महिलाएं कैसे बच सकती हैं ऐसी समस्या से : डॉ. चंचल शर्मा

मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा, जिन्होंने अपनी अदाकारी से गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, फुकरे, हीरामंडी जैसी फिल्मों में काम करके दर्शकों का दिल जीता है।

फरवरी महीने में उन्होंने अपने पति अली फज़ल के साथ मिलकर प्रेगनेंसी की न्यूज़ सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर किया। अभी उनकी प्रेगनेंसी का आखिरी महीना चल रहा है और उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट डाला है जिसके कैप्शन में लिखा है ”the discomfort is lonely, but it's because i am not alone.” अभी कुछ दिनों पहले ही उन्होंने एक पोस्ट में बताया था कि किस तरह बेचैनी, कमर दर्द और बार बार होने वाले मूड स्विंग्स से वो जूझ रही हैं। ये कुछ ऐसी समस्याएं हैं जिनसे प्रेगनेंसी के आखिरी महीनों में लगभग सभी महिलाएं जूझती हैं। 

आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा ने इस विषय में बताया कि थोड़ी देखभाल और सावधानी बरतकर आप प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों में होने वाली इस समस्या से राहत पा सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में आखिरी महीने नींद न आना भी एक आम समस्या है। ऐसा इसलिए होता है, क्यूंकि धीरे धीरे गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास होता है जिससे उसका वजन और आकर दोनों बढ़ने लगता है। बढ़ते वजन के कारण महिलाओं के कमर के निचले हिस्से में दर्द बना रहता है और साँस लेने में भी परेशानी होती है।

प्रेगनेंसी में होने वाली अनिद्रा की समस्या से कैसे बचें? 

आखिरी महीनों में बढ़ती हुयी अनिद्रा की समस्या से राहत पाने के लिए आप बायीं करवट लेकर सो सकती हैं। इससे आपके ब्लड का फ्लो सही रहता है और बच्चे के लिए भी अच्छा रहता है। सोते वक़्त आप अपने पेट के निचे तकिया लगा सकती हैं जिससे अच्छा सपोर्ट मिल जाता है।

आप कोशिश करें कि इस दौरान पीठ के बल ना लेटें। इससे पेट में गैस बनने की समस्या, सीने में जलन आदि की परेशानी हो सकती है। शरीर में कैल्शियम की कमी के कारण भी पैरों में दर्द होता है। 

गर्भवती महिलाओं को एक सलाह यह भी दी जाती है कि वो कैफीन का सेवन कम कर दें। चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों से परहेज करें और क्रैम्प्स से बचने के लिए पानी का अत्यधिक सेवन करें। गर्भवती महिलाएं स्ट्रेचिंग करके भी अपनी बॉडी को रिलैक्स कर सकती हैं।

इससे पैर में दर्द की समस्या से राहत मिलती है। कुछ महिलाओं को सोते वक़्त खर्राटे लेने की आदत होती है और कई बार नाक में सूजन भी आ जाती है। अगर आपको भी प्रेगनेंसी के आखिरी महीनों में ऐसे कोई लक्षण दिखाई दें तो उसे बिलकुल भी इग्नोर ना करें बल्कि किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें। ये लक्षण हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकते हैं इसलिए इससे बचना बहुत जरुरी है।

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