स्वास्थ्य

'योग' एक जीवन पद्धति करो योग रहो निरोग : डॉ. अर्धिका दीदी

Paliwalwani
'योग' एक जीवन पद्धति करो योग रहो निरोग : डॉ. अर्धिका दीदी
'योग' एक जीवन पद्धति करो योग रहो निरोग : डॉ. अर्धिका दीदी

योग भारत को प्राचीन संस्कृति का गौरवमयी हिस्सा है जिसकी वजह से भारत सदियों तक विश्व गुरु रहा है। योग एक ऐसी सुलभ एवं प्राकृतिक पद्धति है जिससे स्वस्थ मन एवं शरीर के साथ अनेक आध्यात्मिक लाभ होते हैं। योग क्या है? योग शब्द संस्कृतको 'सेनाका अर्थ है जोड़ना पानी शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में जोड़ना। योग के महान ग्रन्थ पतंजलि योग दर्शन में योग के फायदे के बारे में कहा गया है।

योग के फायदे :

योग का प्रयोग शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभों के लिए हमेशा से होता रहा है आज की चिकित्सा शाधने में कर दिया है कि योग शारीरिक और मानसिक रूप से मानव जाति के लिए दान है। जिम आदि से शरीर के किसी खास अंग का ही व्यायाम होता है यहाँ योग से शरीर के समस्त अंग प्रत्यंगों काव्यहोता है जिससे प्रत्येक रूप से कार्य करने लगते हैं।

योगाभ्यास से रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। बुढ़ापे में भी जवान बने रह सकते हैं। त्वचा पर चमक आती है। शरीर स्वस्थ, निरोग और बलवान बनता है। एक तरफ योगासन, मांस पेशियों को पुष्टता प्रदान करते हैं जिससे दुबला-पतला व्यक्ति भी ताकतवर और बलवान बन जाता है वहां दूसरी और योग के नित्य अभ्यास से शरीर से फैट कम भी हो जाता है। योग कृष और स्थूल दोनों के लिए फायदेमंद है।

योगासनों के नित्य अभ्यास से मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम होता है जिससे तनाव दूर होकर अच्छी नींद आती है, भूख अच्छी लगती है, पाचन सही रहता है प्राणायाम के लाभ योग के अंग प्राणायाम एवं ध्यान भी योगासनों की तरह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं, प्राणायाम के द्वारा श्वास प्रश्वास की गति पर नियंत्रण होता है जिससे श्वसन संस्थान सम्बन्धित रोगों में बहुत फायदा मिलता है। दमा एलर्जी, साइनोसाइटिस, पुराना नसता, ऑक्सीजन ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है। जिससे शरीर को कोशिकाओं को ज्यादा ऑक्सीजन मिलने लगती है.

आजकल ध्यान पानी मेडिटेशन का प्रचार हमारे देश से भी ज्यादा विदेशों में हो रहा है आज को भौतिकवादी संस्कृति में दिन-रात भाग दौड़, काम का रिश्तों में अविश्वास आदि के कारण तनाव बहुत बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में मेडिटेशन से बेहतर और कुछ नहीं है। डायबिटीज करें कंट्रोल कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि कुछ योगासनों और मेडिटेशन के द्वारा आर्थराइटिस, बैकपेन आदि दर्द में सुधार होता है और दवा की जरूरत कम होती जाती है।

काफी योग शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बात है और दवाओं पर आपको निर्भरता को घटाता है। बहुत से अध्ययन में साबित हो चुका है कि अस्थमा, हाई ब्लडप्रेशन, याप 2 डायबिटीज के मरीज योग द्वारा पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं। संक्षेप में कहें तो योग केवल शारीरिक व्यायाम करने या रोगों को कम करने वाली क्रिया नहीं है बल्कि जीवन को बेहतर बनाने वाली एक जीवन पद्धति है। ज्यादा सेलोगों को इसे अपनाने का प्रयास करना चाहिए. ताक व स्वस्थ एवं निरोग जीवन जीने का आनंद उठा सकें

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