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जीरो बैलेंस अकाउंट खाते खुलवाने के नाम पर 6 करोड़ से अधिक का बेनामी ट्रांजैक्शन : बड़े फर्जीवाड़े की आशंका

Paliwalwani
जीरो बैलेंस अकाउंट खाते खुलवाने के नाम पर 6 करोड़ से अधिक का बेनामी ट्रांजैक्शन : बड़े फर्जीवाड़े की आशंका
जीरो बैलेंस अकाउंट खाते खुलवाने के नाम पर 6 करोड़ से अधिक का बेनामी ट्रांजैक्शन : बड़े फर्जीवाड़े की आशंका

खुद को प्राइवेट बैंक का कर्मचारी बता कर युवकों के खुलवाए थे बैंक खाते

धार :

  • शहर के कुम्हार गड्डा क्षेत्र के 17 युवकों के बैंक खाते में 6 करोड़ से अधिक का बेनामी ट्रांजैक्शन हुआ है। यह ट्रांजैक्शन यूपीआई और अन्य इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के जरिए किया गया है। यह पैसा कहां से आया और किसने ट्रांसफर किया, इसकी कोई जानकारी युवकों को नहीं है। सभी ट्रांजैक्शन छोटे और बड़े अमाउंट में हुए हैं। वहीं जिन बैंक खाता में अभी भी पैसा है, वह पैसा होल्ड है। ताकि उस राशि को कोई निकल ना पाए।

यह पूरा मामला शहर के एक बड़े प्राइवेट बैंक से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र के ही पुर्वेश प्रजापत ने खुद को बैंक का कर्मचारी बताते हुए अपने दोस्तों और परिचितों के बैंक अकाउंट प्राइवेट बैंक में खुलवाए थे। यह बैंक खाता जीरो बैलेंस की स्कीम बताकर खोले गए थे। बताया जा रहा है कि इन बैंक खाता के एटीएम और पासबुक भी पुर्वेश के पास ही थे। बैंक अकाउंट खोलने के बाद से अब तक इन खातों में बेहिसाब पैसों का ट्रांजैक्शन हुआ है। एक अनुमान के तहत करीब 6 से 8 करोड़ के आसपास का बैंक ट्रांजैक्शन इन 17 बैंक खातों में हुआ है.

बैंक अकाउंट में बेहिसाब पैसे का लेनदेन हुआ

अभिभाषक अंकित यादव के अनुसार यह पूरा मामला धार शहर के कुम्हार गड्ढा सहित आसपास के क्षेत्र का है। क्षेत्र के 17 युवकों के नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाए गए थे। इन बैंक अकाउंट में बेहिसाब पैसे का लेनदेन हुआ है। पीड़ित युवकों ने कोतवाली थाने पर पहुंचकर पुलिस को आवेदन दिया है। साथ ही कार्रवाई की मांग की गई है। बताया जा रहा है कि इस मामले में पीड़ितों की संख्या बढ़ाने का भी अनुमान है।

इस तरह हुआ पूरा खुलासा

प्राइवेट बैंक का एजेंट बनकर पुर्वेश प्रजापत ने अगस्त में सभी युवकों के खाते खुलवाने की शुरुआत की थी। बैंक अकाउंट ओपन होने के बाद पुर्वेश ने युवकों के मोबाइल नंबर की जगह दूसरे मोबाइल नंबर डलवा दिए। जिससे युवकों के पास मैसेज नहीं पहुंचे। लेकिन बाद में जब बैंक पासबुक लेने के लिए कुछ युवक बैंक पहुंचे तो उन्होंने अपने मोबाइल नंबर भी बैंक अकाउंट में अपडेट करवा दिए। इसके बाद जितने भी ट्रांजैक्शन उन खातों में हुए, उसके मैसेज युवकों के पास पहुंचे तो उन्होंने जांच करते हुए बैंक की मदद ली, जिसमें बैंक ट्रांजैक्शन में यह पूरा खुलासा हुआ।

क्षेत्र के पीड़ित युवक आरिफ खान ने पासबुक नहीं मिलने पर बैंक जाकर पूछताछ की तो पता चला कि खाते में किसी और व्यक्ति का मोबाइल नंबर अपडेट हैं, ऐसे में आरिफ खान ने अपना नंबर बैंक खाते से लिंक करवाया। नंबर बदलने पर आरिफ खान को लाखों रुपए के ट्रांजेक्शन के बारे में जानकारी मिली। इधर रुपए जमा होने पर आरिफ खान ने बैंक मैनेजर के पास गया तो बातचीत करने से मना करते हुए सिर्फ बैंक स्टेटमेंट की प्रति निकालकर लोगों को दे दी है।

युवाओं ने एसपी को सौंपे आवेदन में बताया कि सभी मजदूर पैशे से जुडे हुए लोग हैं, हमारे द्वारा इन खातों में एक भी रुपया जमा नहीं किया गया। किंतु करोडों रुपए हमारे खातों में कैसे आए, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। युवकों ने पुलिस को आवेदन देकर पुर्वेश प्रजापत व बैंक के मैनेजर राहुल चौहान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

पीड़ितों का दर्द : मोबाइल की दुकान पर काम करने वाले हर्ष ठाकुर ने बताया कि पुर्वेश पर भरोसा कर जीरो बैलेंस पर खाते खुलवाए थे। दुकान मालिक पांच हजार रुपए वेतन देता हैं, जिससे घर का खर्च चलाते है। आरिफ खान ने खातों में रुपए आने की बात बताई तो बैंक जाकर ट्रांजेक्शन देखा, जिसमें मेरे खाते में 75 लाख 58 हजार रुपए आए है। ये रुपए मैने जमा ही नहीं करवाए। पीडितों ने आवेदन सहित 17 युवकों के बैंक खातों का पूरा ट्रांजेक्शन करीब 1500 पेज पुलिस को सौंपे है।

हर बिंदु पर की जा रही जांच

आवेदन प्राप्त हुआ है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। युवकों द्वारा बताई गई राशि बड़ी है। इसके चलते एक टीम गठित की गई है। पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। 

  • कमलेश शर्मा, थाना प्रभारी, कोतवाली धार

पूर्वेश प्रजापत पर भरोसा करके जीरो बैलेंस पर खाते खुलवाए थे। आरिफ खान ने खातों में रुपए आने की बात बताई तो बैंक जाकर ट्रांजेक्शन देखा, जिसमें मेरे खाते में 75 लाख 58 हजार रुपए आए हैं। 

  • हर्ष ठाकुर, पीड़ित
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