उत्तर प्रदेश

Ram Lalla Murti Jewellery : प्रभु श्रीराम को कौन-कौन से आभूषण और पोशाक पहनाए गए?, जानिए क्या है इनका महत्व

Pushplata
Ram Lalla Murti Jewellery : प्रभु श्रीराम को कौन-कौन से आभूषण और पोशाक पहनाए गए?, जानिए क्या है इनका महत्व
Ram Lalla Murti Jewellery : प्रभु श्रीराम को कौन-कौन से आभूषण और पोशाक पहनाए गए?, जानिए क्या है इनका महत्व

Ayodhya : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। रामलला की मूर्ति की तारीफ कई लोगों ने की है। 

ये जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्र्स्ट ने ट्विटर पर डाली है।

कौस्तुभ मणि: भगवान के हृदय में कौस्तुभमणि धारण कराई गई है। इसे एक बड़े माणिक्य और हीरों के अलंकरण से सजाया गया है। यह शास्त्रों में कि भगवान विष्णु और उनके अवतार हृदय में कौस्तुभमणि धारण करते हैं।

तीर-धनुष : भगवान के बाएं हाथ में मोती, माणिक और पन्ना से सुसज्जित एक सोने का धनुष है, जबकि दाहिने हाथ में एक सुनहरा तीर है।

मुद्रिका: रामलला के दोनों हाथों में रत्नों से सजी और लटकते मोतियों वाली अंगूठियां हैं।

कंगन: भगवान की दोनों कलाइयों में रत्न जड़ित कंगन सुशोभित हैं।

पादिका: रामलला को गले के नीचे और नाभि के ऊपर तक पहने जाने वाला हार पहनाया गया है जो अपनी दिव्यता को बयां करता है। यह आभूषण हीरे और पन्ने से बना पांच लड़ियों वाला हार है, जिसमें एक बड़ा और खूबसूरत लॉकेट है।

वैजयंती या विजयमाला: रामलला के गले में यह तीसरा और सबसे लंबा हार है जो सोने से बना है और उसके बीच-बीच में माणिक जड़ा हुआ है। विजय के प्रतीक के रूप में पहना जाने वाला यह आभूषण वैष्णव परंपरा के शुभ प्रतीकों – सुदर्शन चक्र, कमल, शंख और मंगल कलश को दर्शाता है। इसमें कमल, चंपा, पारिजात, कुंद और तुलसी शामिल हैं।

वस्त्र : रामलला को बनारसी कपड़े पहनाए गए हैं, जिसमें पीली धोती और लाल पटका/अंगवस्त्रम शामिल है। ये अंगवस्त्रम शुद्ध सोने की जरी और धागों से सुशोभित हैं। इन पर शुभ वैष्णव प्रतीक-शंख, पद्म, चक्र और मृगतृष्णा अंकित हैं।

मुकुट: उत्तर भारतीय शैली में निर्मित श्रीराम लला का मुकुट सोने से बना है और माणिक, पन्ना और हीरे से सजाया गया है। मुकुट के ठीक मध्य में सूर्य देव का प्रतीक है। मुकुट के दाहिनी ओर मोतियों की लड़ियां करीने से बुनी गई हैं। भगवान के माथे को हीरे और माणिक से बने पारंपरिक शुभ तिलक से सजाया गया है।

कुंडल: श्रीराम लला को पहनाए गए कुंडल को इस तरह डिजाइन किया गया है ताकि वे उनके मुकुट के साथ मेल खाएं। कुंडल को मोर के रूप में दर्शाया गया है और सोने से निर्मित कुंडल में हीरे, माणिक और पन्ने भी जड़े गए हैं।

बाजूबंद: भगवान की दोनों भुजाओं पर सोने और बहुमूल्य पत्थरों से जड़ित बाजूबंद हैं।

चांदी के खिलौने: भगवान के सामने चांदी से बने झुनझुना, हाथी, घोड़ा, खिलौना गाड़ी आदि शामिल हैं।

कंठा: भगवान के गले में अर्द्धचंद्राकार रत्नों से जड़ित कंठा सुशोभित है। इसमें मंगल का विधान रचते पुष्प हैं। बीच में सूर्यदेव बने हैं। सोने से बना यह कंठा हीरे, माणिक्य और पन्नों से जड़ा है। कंडे के नीचे पन्ने की लड़ियां लगाई गई हैं।

कांची/करधनी: भगवान के कमर में सोने से बना और रत्नों से जड़ित एक कमबंद सुशोभित है। इसमें हीरे, माणिक, मोती और पन्ने जड़े हैं। कमरबंद में पवित्रता का प्रतीक छोटी घंटियां भी हैं।

बिछिया/पैंजनिया: भगवान के पैरों में रत्नजड़ित सुनहरी पायल और बिछिया हैं। इनमें हीरे और माणिक जड़े हुए हैं।

 

whatsapp share facebook share twitter share telegram share linkedin share
Related News
Latest News
Trending News