उदयपुर
मेनारिया समाज मेनार में आधी रात को मेवाड़ी पोशाक में दहाड़ रहे रणबांकुरे-होली महोत्सव अनूठे अंदाज में-जमरा बीज पर खूब बरसाई गोलीबारी
Rajesh Joshi, Sangeeta Joshi
उदयपुर। मेनारिया ब्राह्मण समाज में अदभूत परंपरा देखने को मिली। इस दौरान अखिल भारतीय मेनारिया ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जसराज मेहता ने समस्त समाजजनों को होली महोत्सव की बधाई देते हुए...जमराबीज के मौके पर पहुंचे समाजसेवियों ने होली महोत्सव का खुब आनंद लिया। तोपो बंदूकों की गर्जना से गुंजायमान हुआ। राजस्थान के उदयपुर शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित मेनार गांव में धुलंडी के दूसरे दिन यानी बुधवार को जमरा बीज के मौके पर रंगों के इस त्योहार होली को अनूठे अंदाज में मनाया गया। होली के रंगों के बजाय बंदूक से उगलती गोलियां दागी गईं और गोलबारी के बीच जमकर रंग बरसाए गए। 400 से चली आ रही परंपरा को अब बारूद की होली के नाम से भी पहचाना जाने लगा है। जमरा बीज की पूरी रात मेनार गांव के रहने वाली मेनारिया ब्राह्मण समाज के लोग जमकर मस्ती करते हैं और शौर्य और पराक्रम के प्रतीक इस त्यौहार का खुब आनंद लेते हैं। परंपरा हैं कि मेनार में रहने वाले मेनारिया ब्राह्मण समाज का व्यक्ति दुनिया के किसी भी क्षेत्र में होगा, वह जमरा बीज के दिन अपने गांव जरूर आएगा। बच्चे, बुढे़ और जवान सभी पारंपरिक वेशभूषा में सजधज कर शाम से ही मेनार गांव के बीच चौक में जमा होने लगते हैं. जैसे-जैसे अंधेरा बढ़ने लगता हैं, वैसे-वैसे बंदूक और तोप से निकलने वाले गोले गांव में रोशनी फैलाते हैं। परंपरा को जीवंत रखने की ललकबारूद की इस होली की खासीयत यह हैं कि इसे देखने के लिए आसपास के लोगों का भी मेनार गांव में पूरी रात जमघट लगा रहता हैं। 400 की यह परंपरा देखने में भले ही खतरनाक लगे लेकिन ग्रामीणों का मानना हैं कि मां अंबे की असीम कृपा और सदियों पुरानी परंपरा को जीवंत रखने की ग्रामीणों की ललक के चलते ही आज तक एक भी ग्रामीण इस आतिशबाजी और फायरिंग में घायल नहीं हुआ है।
● मेनार गांव में मुगल आक्रांताओं का से किया था खात्मा
मेनारिया ब्राह्मण समाज के लिए माना जाता हैं कि महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह के समय मेवाड़ पर मुगलों द्वारा आक्रमण किया जा रहा था। उस दौरान ग्रामीणों ने मेनार गांव में ही सभी आक्रांताओं का अपनी वीरता से खात्मा कर दिया था। मेनारिया ब्राह्मण समाज के लोगों ने अपने कुशल रणनीति से मेवाड़ राज्य की रक्षा की थी और तभी से इस दिन को बंदूकों से फायर और आग उगलती आतिशबाजी के साथ मनाया गया।
● सैकड़ों बंदूकों से हवाई फायर
ग्रामीण युवाओं के पास सैकड़ों बंदूके होती हैं जो पूरी रात आग उगलती हैं तो वहीं आतिशबाजी से भी यह प्रतीत होता है कि गांव में दीपावली की तरहा होली महोत्सव मनाया गया। एक-एक कर सैकड़ों बंदूकों से हवाई फायर किए जाते हैं और इन धमाकों के बीच ग्रामीण नाचते गाते और खुशियां मनाते नजर आए।
!! आओ चले बांध खुशियों की डोर...नही चाहिए अपनी तारीफो के शोर...बस आपका साथ चाहिए...समाज विकास की ओर !!
● पालीवाल वाणी ब्यूरो- Rajesh Joshi, Sangeeta Joshi...✍
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