उदयपुर
उदयपुर के मयंक गर्ग एक फोन कॉल पर पहुंचा रहे है निशुल्क खाना
प्रकाश प्रजापति-नंदकिशोर पुरोहितमुंबई। (मनीष पालीवाल की कलम से...) देश भर में फैले कोरोना वायरस की आफत के चलते लोग अपने अपने ढंग से अपने अपने क्षेत्र में मदद कर रहे हैं, इन्हीं समाजसेवियों के बीच में एक ऐसा समाजसेवी भी हैं जो संपूर्ण मुंबई में एक फोन कॉल पर वास्तविक पीड़ितों को भोजन उपलब्ध करवाकर मानवता की सच्ची सेवा कर रहे हैं। इनके द्वारा किए जा रहे कार्य की बात जब मीडिया के माध्यम से विदेश तक पहुंची तो लोगों ने उन्हें आर्थिक मदद कर इस कार्य को आगे तक जारी रखने की प्रेरणा दी है। वीरभूमि मेवाड़ के उदयपुर शहर के हिरणमगरी सेक्टर तीन निवासी मंयक गर्ग मुंबई में कॉरपोरेट सेक्टर में कार्यरत हैं, एवं पिछले कई दिनों से रेलवे स्टेशनों पर फंसे हुए लोगों को प्रशासन से संवाद कर उन्हें उचित जगह पहुंचाने, गरीबों असहाय और निर्धन लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने का बेहतरीन काम कर सरकार की मदद कर रहे हैं। दैनिक प्रातः काल से चर्चा करते हुए मयंक गर्ग ने बहुत कुछ बताया जिसे आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा हुं।
● 14 दिनों से स्टेशन पर फंसे 300 लोगों को न्याय दिलाकर समाजसेवा का जज्बा जगा...
मंयक गर्ग बताते हैं कि 21 मार्च से से शुरू हुई अफरातफरी के बाद बड़ी संख्या में लोग गांव जाने के लिए कुर्ला टर्मिनल पर इकट्ठा हो गए, कई सारे लोग येन केन प्रकारेण ट्रेनों में सवार होकर निकल गए लेकिन कुछ लोग बच गए वह लोग कुर्ला टर्मिनल के ब्रिज के नीचे रह रहे थे। जिनके पास में खाने की व्यवस्था थी ना पानी की ना ही शौचालय की। पिछले 14 दिनों से कुर्ला स्टेशन पर ब्रिज के नीचे अंधेरे में रह रहे इन लोगों पर मयंक गर्ग की नजर पड़ी गर्ग ने इन लोगों के दर्द को समझते हुए अपने घर में ही खाना बनाकर इन्हें बांटने के लिए पहुंचे लेकिन वहां उन्हें दूसरी स्थिति देखने को मिली, जब पुलिस मैं खाना बांटने से मना कर दिया और लोगों को डंडा मारकर भगाने का प्रयास किया गया, गर्ग ने लोगों के दर्द को समझते हुए घाटकोपर विधायक पराग शाह के माध्यम से अतिरिक्त जिला कलेक्टर लक्ष्मी गौतम से संपर्क कर इनको उचित स्थान पर ठहराने की मांग की 4 दिनों तक चली लंबी जद्दोजहद के बाद मुंबई जिला प्रशासन ने तमाम 300 लोगों को बांद्रा के उत्तर भारतीय भवन व वर्सोवा अंधेरी के मेट्रो भवन में स्थानांतरित किया गया। जहां उन्हें भोजन एवं चिकित्सा की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध हुईं गर्ग बताते हैं कि उत्तर भारतीय लोगों की मदद के बाद उनके मन में भूखे लोगों के लिए काम करने की जिद्द जगी और उसी के बाद उन्होंने झोपड़पट्टी से लेकर बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों में कोराना से व्यतीत लोगों की मदद करने का अभियान शुरू किया।
● देश विदेश से मिला फंड 12 अप्रैल तक खत्म हो जाएगा...
मयंक गर्ग द्वारा मानव सेवा के उद्देश्य से की जा रही इस सेवा की खबरे इंटरनेट मीडिया में आने के बाद लोग उनसे जुड़ते और बड़ी मात्रा में लोगों ने उन्हें निजी स्तर पर, राशन पानी और नगदी आदि उपलब्ध करवाई। गर्ग बताते हैं कि दुनिया भर में कई लोगों ने हमसे संपर्क किया और हमें मदद की पेशकश की जिससे हमें अब बड़े पैमाने पर जरूरतमंदों की मदद करने में मदद मिली। उन्हें धन उपलब्ध करवाने वाले लोग दिल्ली, मुंबई, मद्रास, कोलकाता सहित लंदन, अमेरिका, न्यूजर्सी, अरब, अमीरात आदी देशों के लोग थे। गर्ग बताते हैं कि मुबंई भर में सैकड़ों कॉल रोज आते हैं जिसके चलते उनके पास जमा फंड 12 अप्रैल तक खत्म हो जाएगा। जज्बे के साथ जुड़े हुए गर्ग कहते हैं कि यह कारवां बंद नहीं होगा उन्हें विश्वास है कि ईश्वर कहीं न कहीं धन की व्यवस्था जरूर करेंगे।
● कोलीवाडा मे मास्क और खाने की सप्लाई...
इस अभियान के तहत सबसे ज्यादा प्रभावित धारावी के पास कोलीवाड़ा झोपड़पट्टी में निरंतर भोजन एवं मास्क की सप्लाई की जा रही हैं, जिसके चलते कई स्वयंसेवी संस्थाएं गर्ग के माध्यम से अपने भोजन पैकेट और मास्क का वितरण जरूरतमंदों तक पहुंचा रही है।
● झोपड़ पट्टियों पर है फोकस...
गर्ग द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा भोजन बड़ी मात्रा में झोपड़पट्टी के लोगों तक पहुंच रहा है इसके लिए वह प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर तालमेल स्थापित करते हैं एवं जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाते हैं वर्तमान में वह चेंबूर, ऐरोली, बोरीवली, कोलीवाडा, वर्ली सहित मध्य व वेस्टन मुबंई की झोपड़पट्टीयो में लोगों को भोजन और मास्क उपलब्ध करा रहे हैं।
● वन मैन आर्मी है गर्ग...
मानव सेवा के इस कार्य में प्रशासनिक लोगों से सराहना प्राप्त करने वाले गर्ग वन मैन आर्मी की तरह काम कर रहे हैं, ना उनकी कोई संस्था है नहीं उनके पास कार्यकर्ताओं की टीम-उन्होंने एक ऐसा सिस्टम तैयार कर रखा है जिसके तहत जिस क्षेत्र में आवश्यकता होती है वहीं के लोगों के माध्यम से खाना बनाने वाले लोगों से संपर्क कर राशन उपलब्ध करवाते हैं और पैकेट बनाकर लोगों में वितरित कर दिया जाता है। साथ ही वह अपने घर से फुलाव दाल खिचड़ी जैसे भोज पदार्थ बनाकर अपनी गाड़ी में डालकर सवेरे निकल पड़ते हैं रात को कब घर लौटेंगे यह उनके घर वालों को भी मालूम नहीं होता है।
● आप कर सकते हैं ऐसे मदद...
इस खबर को पढ़ रहे पाठकों से अनुरोध है कि आपको भी लगता है कि आपके आसपास के इलाके में कोई भूखा व्यक्ति हैं या किसी झोपड़पट्टी बिल्डिंग में लोगों को भोजन की आवश्यकता है तो आप मयंक गर्ग के मोबाइल नंबर 9920544437 पर संपर्क कर लोगों की मदद कर सकते हैं। साथ ही आप लोगों की मदद करना चाहते हैं तो गर्ग के साथ जुड़कर उन्हें राशन उपलब्ध करा सकते हैं ताकि वह अपने माध्यम से और भी लोगों तक यह सहायता पहुंचा सके।
!! आओ चले बांध खुशियों की डोर...नही चाहिए अपनी तारीफो के शोर...बस आपका साथ चाहिए...समाज विकास की ओर !!
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-प्रकाश प्रजापति-नंदकिशोर पुरोहित...✍️
? सूचना : आप भी अगर कोरोना के संबंध में अपील करना चाहते है तो कृपया Whatsapp No. 9039752406 पर आप दोनों के जोड़ी से फोटो भेंजे तथा नाम/गांव सहित जानकारी लिखकर हमें भेंज दिजिए...। निःशुल्क सेवाएं : 09977952406-09827052406
● एक पेड़...एक बेटी...बचाने का संकल्प लिजिए...
● नई सोच... नई शुरूआत... पालीवाल वाणी के साथ...
!! कोरोना से डरे नहीं...डटकर मुकाबला कीजिए...जीत हर कदम...देशवासियों की होगी...!!