उदयपुर
परशुराम की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने वाले आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग : ब्राह्मण संगठनों ने जताया कड़ा विरोध
sunil paliwal-Anil paliwalगोगुंदा :
राजस्थान के उदयपुर जिले में भगवान परशुराम की मूर्ति तोड़े जाने का मामला सामने आया है. मूर्ति तोड़ने वालों की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. वहीं, इस बात से नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कई रास्ते जाम कर दिए हैं. यह मामला उदयपुर के गोगुन्दा तहसील में आने वाले रावलिया खुर्द इलाके के परशुराम मंदिर का है.
उदयपुर जिले के गोगुन्दा के रावलिया खुर्द गांव के जोशी की भागल में रविवार की रात असामाजिक तत्वों ने भगवान परशुराम की मूर्ति को तोड़ दिया. सोमवार की सुबह मूर्ति टूटने की खबर पूरे गांव में फैल गई, वहीं सैकड़ों ग्रामीण मौके पर एकत्र हो गए और रोष जताते हुए सड़क पर पत्थर रखकर बैठ गए, जिससे जाम लग गया. ग्रामीणों की सूचना पर गोगुन्दा एसडीएम हनुमान सिंह राठौर, तहसीलदार रवींद्र सिंह चौहान, गिरवा डीएसपी भूपेंद्र सिंह व गोगुन्दा थानाध्यक्ष अनिल विश्नोई मय जाप्ते की घटना स्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश कर खंडित मूर्ति को जब्त कर लिया और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया. आरोपी। पुलिस ने खंडित मूर्ति को कब्जे में लेकर गोगुन्दा थाने में रखवाया, टीम गठित कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है.
भगवान परशुराम की मूर्ति तोड़ने की खबर संज्ञान में आने के बाद से ही पुलिसबल एक्टिव हुआ और विरोध करने वालों को समझाने की कोशिश की गई. यही नहीं, पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है कि आखिर इस वारदात को अंजाम किसने दिया.
पूजा करने आए ग्रामीणों ने देखी प्रतिमा की स्थिति
रावलिया खुर्द में स्थित इस मंदिर में गांव के लोग रोजाना पूजा करने के लिए आते हैं. सोमवार सुबह जब लोग यहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि भगवान परशुराम की मूर्ति अपनी जगह पर नहीं है और नीचे गिरी हुई है. देर रात कुछ असामाजिक तत्वों ने यह शरारत की और भगवान की मूर्ति को तोड़ दिया. बात हवा की तरह गांव में फैल गई और सभी मौके ओर पहुंच गए. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. मौके पर गोगुन्दा थानाधिकारी अनिल बिश्नोई टीम के साथ पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए.
आरोपियों को जल्द अरेस्ट करने की मांग
इधर ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ गया और विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ. यही नहीं, आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग को लेकर रावलिया खुर्द गांव मुख्य मार्ग के बीच में पत्थर लगाए और रास्ता जाम कर दिया गया. इसके बाद सड़क पर ही बैठकर लोग विरोध प्रदर्शन करने लगे. नारेबाजी करते हुए आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की गई. गांव वालों का कहना है कि ब्राह्मण समाज की भावनाओं को आहत करने के लिए भगवान परशुराम जी की मूर्ति तोड़ने वाले बदमाशों को जल्द से जल्द अरेस्ट किया जाए.
पुलिस ने लोगों को समझाते हुए रास्ता खुलवाने की कोशिशि की, लेकिन नाराज ग्रामीणों का विरोध जारी रहा. फिलहाल, पुलिस ने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है. भगवान परशुराम की मूर्ति तोड़ने की सूचना पर विप्र सेना के महासचिव गोविंद दीक्षित, प्रदेश उपाध्यक्ष घनश्याम मेनारिया, विधानसभा अध्यक्ष देवेंद्र पालीवाल, पूर्व मजावाड़ी सरपंच कपिलदेव पालीवाल, युवा ब्रह्म शक्ति के तहसील अध्यक्ष जितेंद्र आमेटा, परशुराम सेवा समिति के उपाध्यक्ष ओम प्रकाश . जोशी, संरक्षक बाबूलाल जोशी सहित सैकड़ों लोग एसडीएम कार्यालय पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए, एसडीएम हनुमान सिंह राठौड़ ने प्रतिमा को बहाल कर तत्काल कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त किया.
विप्र फाउंडेशन की मेनार में एक महत्वपूर्ण बैठक आहुत
राजस्थान के उदयपुर जिले में भगवान परशुराम की मूर्ति तोड़े जाने का मामला सामने आया है. मूर्ति तोड़ने वालों की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है. वहीं, इस बात से नाराज लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए विप्र फाउंडेशन की मेनार में एक महत्वपूर्ण बैठक आहुत की गई. बैठक में विप्र फाउंडेशन वल्लभनगर तहसील अध्यक्ष हुक्मीचंद सांगावत, ने पालीवाल वाणी को बताया कि लोगों में घटना को लेकर काफी आक्रोश छाया हुआ हैं. जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से मांग है कि मूर्ति क्षतिग्रस्त करने वाले समाजसंकटों पर तुरंत कठोर कार्यवाही की जाए. अगर कार्यवाही नहीं की गई तो विप्र फाउंडेशन उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होगा. इस दौरान जिला महासचिव प्रेमशंकर रामावत, संरक्षक किशन रणछोड़, भगवतीलाल रामावत, तहसील महामंत्री मांगीलाल सिंगावत, वरिष्ठ अध्यक्ष ईकाई मेनार से रूपलाल सिंगावत, मोहनलाल मेरावत, भेरूलाल ठाकरोत, देवीलाल मेरावत, लक्ष्मीलाल मेनारिया, ईकाई अध्यक्ष सुरेश चंद्र मेनारिया, भीमलाल मेरावत सहित अन्य सदस्य मौजूद थे.
इंदौर में भी कड़ा विरोध जताया
राष्ट्रीय सर्व ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित ललित मिश्रा, महासचिव पंडित शशिकांत तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष संजय जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष पंडित संदीप शुक्ला, पालीवाल वाणी समूह से सुनील पालीवाल, अनिल बागोरा ने भी कड़ा विरोध जताया और शीघ्र आरोपीयों पर कार्यवाही नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी.