धर्मशास्त्र

Gupt Navratri Upay 2023 : गुप्त नवरात्रि, सिद्ध होते हैं तंत्र-मंत्र, जानें शुभ मुहूर्त

Paliwalwani
Gupt Navratri Upay 2023 : गुप्त नवरात्रि, सिद्ध होते हैं तंत्र-मंत्र, जानें शुभ मुहूर्त
Gupt Navratri Upay 2023 : गुप्त नवरात्रि, सिद्ध होते हैं तंत्र-मंत्र, जानें शुभ मुहूर्त

Gupt Navratri Upay 2023 : ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, अश्विन और चैत्र महीने में प्रमुख नवरात्रि आते हैं. माघ और आषाढ़ मास में मनाई जाने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि होती है.

नई दिल्ली ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु शिवकुमार शर्मा के मुताबिक वर्ष में चार बार नवरात्रि आती है दो प्रत्यक्ष रूप से होते हैं जो चैत्र मास में वासंतिक नवरात्र होते हैं और आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि होते हैं. वैसे इन नवरात्रों को मौसम का संधिकाल कहा गया है. दो नवरात्रे गुप्त होते हैं, जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं. यह आषाढ़ और माघ के महीने में होता है. आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से आषाढ़ शुक्ल नवमी तक अर्थात आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 19 जून 2023 सोमवार से शुरू होगी. और 28 जून 2023 को इसकी समाप्ति है. प्रत्यक्ष नवरात्रों में मां के नौ रूप शैलपुत्री ब्रह्मचारिणी आदि की पूजा होती है.  खासकर तांत्रिक और अघोरियों के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत ही शुभ होते हैं. इसमें अधिकतर साधक तप साधना करके दुर्लभ सिद्धियां प्रदान करती हैं. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का की पूजा गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का की पूजा होती है. इन दस महाविद्याओं में मां काली. तारा त्रिपुर. सुंदरी भुवनेश्वरी. छिन्नमस्ता. त्रिपुर. भैरवी. धूमावती. बगलामुखी. मातंगी और कमला देवी के इन स्वरूपों की पूजा होती है. 

  • नवरात्रों में बन रहे विशिष्ट योग 

आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से आषाढ़ शुक्ल नवमी तक 7 दिनों में विशिष्ट योग बने हुए हैं. स्थिर मातंग योग अमृत सिद्धि योग पद्म योग छत्र श्रीवत्स योग और सौम्य योग प्रमुख है. इन सब योगों में विवाह आदि से लेकर ग्रह शांति पूजा. वास्तु पूजन. गृह प्रवेश. भूमि पूजन. नामकरण मुंडन आदि संस्कार कर सकते हैं. घर की आवश्यकता की सामग्री ज्वेलरी आदि भी क्रय कर सकते हैं. 21 जून 2023 को बुधवार के दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा, जो बहुत कार्य में श्रेष्ठ मुहूर्त है. 

  • 19 जून को घट स्थापना का मुहूर्त 

प्रातः काल 510 से 724 तक मिथुन लग्न है इसके पश्चात 944 बजे से 1200 बजे तक कन्या लग्न सिंह लग्न कलश स्थापना के लिए अच्छा रहेगा. गौरतलब है कि हिंदू धर्म में कुल 4 नवरात्रि चैत्र शारदीय माघ और आषाढ़ में पड़ने वाली नवरात्रि होती हैं. इनमें से दो माघ और आषाढ़ के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है. 

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